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तबाही के बीच नेपाल में फिर हिली धरती, आज सुबह फिर महसूस हुए भूकंप के झटके

तबाही के बीच नेपाल में एक बार फिर से धरती हिली है. पिछले 30 घंटे में नेपाल में भूकंप के तीन जोरदार झटके लगे हैं. पहला झटका शुक्रवार की रात 11 बजर 32 मिनट पर लगा, जिसकी तीव्रता 6.4 थी. इसने नेपाल में जबरदस्त तबाही मचाई. इसके बाद शनिवार दोपहर तीन बजकर 40 मिनट पर एक और झटका आया. इस बार भूकंप की तीव्रता 4.2 थी और तीसरा झटका आज सुबह लगा है.

तबाही के बीच नेपाल में फिर हिली धरती, आज सुबह फिर महसूस हुए भूकंप के झटके 
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

तबाही के बीच नेपाल में एक बार फिर से धरती हिली है. रविवार तड़के 4 बजकर 38 मिनट पर भूकंप के एक और झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 थी. इसका केंद्र काठमांडू था. बता दें कि पिछले 30 घंटे में नेपाल में भूकंप के तीन जोरदार झटके लगे हैं.

पहला झटका शुक्रवार की रात 11 बजर 32 मिनट पर लगा, जिसकी तीव्रता 6.4 थी. इसने नेपाल में जबरदस्त तबाही मचाई.

इसके बाद शनिवार दोपहर तीन बजकर 40 मिनट पर एक और झटका आया. इस बार भूकंप की तीव्रता 4.2 थी और तीसरा झटका आज सुबह लगा है. यानी पिछले 30 घंटे में नेपाल में भूकंप के तीन झटके. बता दें कि नेपाल में शुक्रवार को आए भूकंप से अब तक 157 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सैंकड़ों लोग घायल हैं. बड़ी तादाद में मकान जमींदोज हुए हैं.

नेपाल में 8 साल बाद सबसे विनाशकारी भूकंप

यह नेपाल में 2015 के बाद से सबसे विनाशकारी भूकंप है. इस विनाशकारी भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान जाजर कोट और रूकुम में हुआ. पश्चिमी रुकुम में 60 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. वहीं, जाजर कोट में भी काफी तबाही मची. बता दें किनेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप ने नेपाल में भीषण तबाही मचाई थी. इसमें करीब 9000 लोगों की मौत हो गई थी और 22000 से अधिक लोग घायल हुए थे.

नेपाल में अक्सर आते हैं भूकंप

नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि नेपाल हिमालय पर्वतमाला की उस श्रृंखला पर स्थित है, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें टकराती रहती हैं. इससे दबाव उत्पन्न होता है जिसके कारण दोनों जगहों (भारत और नेपाल) पर भूकंप आते हैं. पिछले महीने नेपाल की राजधानी काठमांडू में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था. इससे पहले भी कई बार नेपाल में कई बार धरती हिली है.

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