19 साल पुराने कबूतरबाज़ी के मामले में दलेर मेहंदी को कोर्ट से मिली बड़ी राहत, तीन साल की सजा हुई रद्द

दलेर मेहंदी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. ह्यूमन ट्रैफिकिंग मामले में दलेर मेहंदी को 3 सालों की सजा सुनाई गई थी जिससे उन्हें निलंबित कर दिया गया है. 
19 साल पुराने कबूतरबाज़ी के मामले में दलेर मेहंदी को कोर्ट से मिली बड़ी राहत, तीन साल की सजा हुई रद्द

नई दिल्ली: दलेर मेहंदी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. ह्यूमन ट्रैफिकिंग मामले में दलेर मेहंदी को 3 सालों की सजा सुनाई गई थी जिससे उन्हें निलंबित कर दिया गया है. सजा के खिलाफ दलेर मेहंदी ने हाई कोर्ट में जो अपील दाखिल की है उसे हाईकोर्ट की ओर से एडमिट कर लिया गया है.

बता दें कि 19 साल पुराने ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में पटियाला की निचली अदालत ने दलेर मेहंदी को दोषी करार देते हुए 3 सालों की सजा सुनाई थी.

तीन सालों की सजा के इसी फैसले को लेकर दलेर मेहंदी ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर चुनौती दे दी थी. जिसके बाद 19 साल पुराने ह्यूमन ट्रैफिकिंग मामले में उन्हें राहत मिल गई है. रिपोर्ट्स की मानें तो वो उसी पटियाला जेल में बंद हैं जहां क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को रखा गया है. लेकिन, अब कोर्ट का आदेश आने के बाद दलेर मेहंदी की पटियाला जेल से रिहाई होगी और आगे इस मामले की सुनवाई पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चलती रहेगी.

दलेर मेहंदी की ओर से दायर की गई याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर यानी आज के लिए तय की थी. जिसके तहत आज सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है.

क्या था पूरा मामला

19 साल पुराना यह मामला कबूतरबाजी यानी मानव तस्करी से जुड़ा हुआ है. दलेर महंदी के साथ-साथ इस मामले में उनके भाई शमशेर सिंह भी आरोपी थे. लेकिन साल 2017 में उनकी मौत हो गई थी. जिसके बाद साल 2018 में दलेर मेहंदी को इस मामले में दोषी करार देते हुए कोर्ट ने सजा सुनाई थी.

साल 2003 से चल रहा है मामला

खबरों की मानें तो इस जेल में कई हाई प्रोफाइल लोग बंद हैं. जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू बड़ा नाम हैं. ये पूरा मामला साल 2003 में शुरू हुआ था. जब बक्शी सिंह नाम के एक शख्स ने पटियाला सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उनका आरोप था कि दिलेर मेहंदी और उनके भाई शमशेर सिंह ने उनको कनाडा भेजने के लिए 13 लाख रुपए लिए थे. लेकिन, ना तो उन्हें कनाडा भेजा गया ना ही उनके पैसे वापस किए. बक्शी सिंह के साथ 30 शिकायतकर्ता और थे जिन्होंने उनपर ह्यूमन ट्रैफिकिंग का गंभीर आरोप लगाया था.

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