12 जून 2025 पंचांग: मूल नक्षत्र में करें ये काम, जीवन में आएगी खुशहाली

12 जून 2025 पंचांग: हिंदू संस्कृति में पंचांग का विशेष महत्व है। यह न केवल समय की गणना करता है, बल्कि जीवन के हर महत्वपूर्ण कार्य के लिए शुभ समय का मार्गदर्शन भी देता है। 12 जून 2025, गुरुवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगी, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार कई खास संयोगों के साथ आ रही है।
इस दिन मूल नक्षत्र और शुभा योग का प्रभाव रहेगा, जो इसे विशेष रूप से शुभ बनाता है। आइए, इस दिन के शुभ मुहूर्त, राहुकाल, और पंचांग के पांच अंगों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
शुभ मुहूर्त और राहुकाल
12 जून 2025 को अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 बजे से 13:53 बजे तक रहेगा। यह समय किसी भी नए कार्य को शुरू करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, चाहे वह व्यवसाय शुरू करना हो, गृह प्रवेश हो, या कोई धार्मिक अनुष्ठान। दूसरी ओर, राहुकाल सुबह 11:47 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक रहेगा। इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से बचें, क्योंकि राहुकाल में किए गए कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। चंद्रमा इस दिन धनु राशि में संचरण करेगा, जो ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है।
पंचांग के पांच अंग
हिंदू पंचांग, जिसे वैदिक पंचांग भी कहते हैं, पांच प्रमुख अंगों—तिथि, नक्षत्र, वार, योग, और करण—पर आधारित है। ये अंग मिलकर समय की सटीक गणना करते हैं और जीवन में शुभ अवसरों को चुनने में मदद करते हैं।
- तिथि: 12 जून को प्रतिपदा तिथि दोपहर 14:25 बजे तक रहेगी। तिथि वह समय है, जो चंद्रमा के सूर्य से 12 अंश आगे बढ़ने में लगता है। हिंदू कैलेंडर में 30 तिथियां होती हैं, जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष में बंटी होती हैं।
- नक्षत्र: इस दिन मूल नक्षत्र रात 21:47 बजे तक प्रभावी रहेगा। नक्षत्र आकाश में तारों के समूह को कहते हैं, और कुल 27 नक्षत्र हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना महत्व है। मूल नक्षत्र गहन चिंतन और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।
- वार: गुरुवार, जो बृहस्पति ग्रह से संबंधित है, ज्ञान और समृद्धि का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी होती है।
- योग: शुभा योग दोपहर 13:54 बजे तक रहेगा। यह योग सकारात्मक ऊर्जा और सफलता का प्रतीक है। कुल 27 योग हैं, जो सूर्य और चंद्रमा की विशेष दूरी पर आधारित होते हैं।
- करण: इस दिन कौवाला करण दोपहर 14:25 बजे तक और तैतिल करण रात 26:55 बजे तक रहेगा। करण तिथि के दो हिस्सों में बंटा होता है और शुभ कार्यों के लिए इसका ध्यान रखना जरूरी है।
सूर्योदय और सूर्यास्त
12 जून 2025 को सूर्योदय सुबह 05:34 बजे और सूर्यास्त शाम 19:53 बजे होगा। यह समय पूजा-पाठ और ध्यान के लिए आदर्श है। सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार और सूर्यास्त के समय संध्या वंदन करने से मानसिक शांति मिलती है।
हिंदू कैलेंडर का महत्व: परंपरा और विज्ञान का संगम
हिंदू पंचांग केवल एक कैलेंडर नहीं, बल्कि परंपरा और विज्ञान का अनूठा संगम है। यह विक्रमी संवत् 2082 और शक संवत् 1947 के अंतर्गत आषाढ़ मास का हिस्सा है। पंचांग का उपयोग विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, और अन्य संस्कारों के लिए शुभ मुहूर्त निकालने में किया जाता है। यह न केवल धार्मिक, बल्कि खगोलीय गणनाओं पर भी आधारित है, जो इसे विश्वसनीय बनाता है।
क्यों खास है 12 जून 2025?
यह दिन अपने शुभ संयोगों के कारण विशेष है। मूल नक्षत्र और शुभा योग का प्रभाव इसे नए कार्य शुरू करने, निवेश करने, या धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए उपयुक्त बनाता है। साथ ही, धनु राशि में चंद्रमा का संचरण साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।