8th Pay Commission : 8वां वेतन आयोग लागू होने में देरी तय? जानिए 1 जनवरी 2026 के बाद रिटायर होने वालों के लिए क्या होगा

8th Pay Commission : केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए 8वां वेतन आयोग एक बड़ी उम्मीद का केंद्र बना हुआ है। यह आयोग न केवल वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी का वादा करता है, बल्कि पेंशनर्स के लिए भी नई संभावनाएं खोलता है। हालांकि, इसकी शुरुआत को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
पहले माना जा रहा था कि यह 1 जनवरी 2026 से लागू होगा, लेकिन अब खबरें हैं कि इसमें देरी हो सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह देरी कर्मचारियों और खासकर 2026 के बाद रिटायर होने वालों के लिए क्या मायने रखती है? आइए, इसकी तह तक जाते हैं।
जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य 50 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करना है। लेकिन अभी तक आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों और कार्यक्षेत्र की शर्तों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
हाल ही में सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें 35 पदों पर डेप्युटेशन के आधार पर नियुक्तियों की बात कही गई। यह संकेत देता है कि आयोग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रक्रिया को पूरा होने में 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक का समय लग सकता है।
वेतन आयोग का गठन हर दस साल में होता है। सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था और इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म होगा। लेकिन नए आयोग के गठन में देरी के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, वित्तीय दबाव और बजट की सीमाएं इसकी प्रमुख वजह हैं।
इसके अलावा, सरकार आयक्रॉयड फॉर्मूला या महंगाई आधारित वेतन समायोजन जैसे वैकल्पिक मॉडलों पर भी विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे अनिश्चितता और बढ़ गई है।
क्या 1 जनवरी 2026 के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा? विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आयोग की सिफारिशें पिछली तारीख से लागू की जाती हैं, जैसा कि सातवें वेतन आयोग में हुआ था, तो रिटायर होने वाले कर्मचारियों को संशोधित पेंशन और एरियर का लाभ मिल सकता है।
उदाहरण के लिए, 2016 में सातवें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों को पिछले महीनों का एरियर भी दिया गया था।
वेतन में बढ़ोतरी को लेकर कर्मचारी यूनियनों और जानकारों में उत्साह है। अनुमान है कि न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये तक हो सकता है, जो लगभग 40-44% की बढ़ोतरी होगी। कुछ रिपोर्ट्स में फिटमेंट फैक्टर 1.96 होने की संभावना जताई गई है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि बाकी है।
अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92 भी रहता है, तो क्लास 1 कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी में प्रति माह 15,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यह न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगा।