8th Pay Commission: करोड़ों कर्मचारियों की उम्मीदों पर पानी! अब इतने साल और करना होगा इंतजार

आठवाँ वेतन आयोग (8th Pay Commission) का इंतज़ार 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए लंबा होता जा रहा है। सरकार ने जनवरी 2025 में इसके गठन को मंजूरी दी थी, लेकिन अभी तक न तो Terms of Reference (ToR) तय हुए हैं और न ही अध्यक्ष-मembers की नियुक्ति हुई है। 
8th Pay Commission: करोड़ों कर्मचारियों की उम्मीदों पर पानी! अब इतने साल और करना होगा इंतजार

लगभग 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसब्री से 8th Pay Commission की औपचारिक घोषणा का इंतज़ार कर रहे हैं। यह आयोग न केवल उनकी सैलरी और पेंशन में बदलाव लाएगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करने का वादा करता है।

हालांकि, केंद्र सरकार ने 16 जनवरी, 2025 को 8th Pay Commission के गठन को मंजूरी दी थी, लेकिन अब तक न तो इसका औपचारिक गठन हुआ है और न ही संदर्भ की शर्तें (Terms of Reference - ToR) अंतिम रूप से तय की गई हैं। आइए, इस देरी के पीछे की वजहों, संभावित टाइमलाइन और कर्मचारियों की मांगों पर एक नज़र डालते हैं।

आठवाँ वेतन आयोग: अभी तक अधूरी तस्वीर

केंद्र सरकार ने 8th Pay Commission के लिए 35 स्टाफ पदों की भर्ती के लिए परिपत्र जारी किया है, लेकिन आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है। इसके साथ ही ToR को अंतिम रूप देना भी बाकी है। सातवाँ वेतन आयोग (7th Pay Commission) का कार्यकाल 31 दिसंबर, 2025 को समाप्त हो रहा है, लेकिन नए आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2026 से लागू होने की संभावना अब धूमिल पड़ती दिख रही है।

कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह इंतज़ार और लंबा हो सकता है, क्योंकि आयोग के गठन में देरी से वेतन वृद्धि और एरियर्स का लाभ मिलने में भी समय लगेगा।

पिछले वेतन आयोगों से क्या सबक मिलता है?

पिछले दो वेतन आयोगों की समय-सीमा को देखें तो 6th Pay Commission और 7th Pay Commission ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने और सिफारिशें लागू करने में औसतन 2 से 2.5 साल का समय लिया। उदाहरण के लिए, 6th Pay Commission का गठन अक्टूबर 2006 में हुआ था, और इसकी रिपोर्ट मार्च 2008 में जमा की गई थी।

इसे अगस्त 2008 में मंजूरी मिली और 1 जनवरी, 2006 से लागू किया गया। इसी तरह, 7th Pay Commission फरवरी 2014 में गठित हुआ, जिसकी रिपोर्ट नवंबर 2015 में आई और जून 2016 में मंजूरी के बाद 1 जनवरी, 2016 से लागू हुई। दोनों ही आयोग समय पर लागू हुए और कर्मचारियों को एरियर्स का लाभ भी मिला। लेकिन 8th Pay Commission की प्रगति अभी धीमी है, जिससे कर्मचारियों में बेचैनी बढ़ रही है।

कब तक लागू होगा नया वेतनमान?

अगर 8th Pay Commission का गठन 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में होता है, तो इसकी रिपोर्ट 2027 या 2028 तक आने की संभावना है। इसके बाद सिफारिशें लागू होने में 6 से 8 महीने और लग सकते हैं। यानी, नया वेतनमान 2028 तक लागू हो सकता है। हालांकि, अगर सरकार चाहे तो 1 जनवरी, 2026 से सिफारिशें लागू करके एरियर्स का भुगतान भी कर सकती है। यह फैसला पूरी तरह से सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति और वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है।

कर्मचारियों की मांगें: क्या है उनकी उम्मीद?

केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने 8th Pay Commission से कई महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं। इनमें 5-सदस्यीय परिवार के आधार पर न्यूनतम वेतन निर्धारित करना, पे लेवल को मर्ज करना, हर 5 साल में पेंशन संशोधन, और 12 साल बाद कम्यूटेड पेंशन की बहाली शामिल है।

इसके अलावा, कर्मचारी चाहते हैं कि 50% महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) को मूल वेतन के साथ जोड़ा जाए। पेंशनभोगियों की नजर भी महंगाई राहत (Dearness Relief) और नई पेंशन योजनाओं (New Pension Schemes) के तहत मिलने वाले लाभों पर टिकी है।

कितनी बढ़ेगी सैलरी?

8th Pay Commission के तहत फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को लेकर चर्चा जोरों पर है। अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92x से 2.86x के बीच रहता है, तो न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,000 रुपये तक हो सकता है। यह वृद्धि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है। हालांकि, अभी तक सरकार ने आयोग के गठन और ToR को अंतिम मंजूरी नहीं दी है, जिससे अनिश्चितता बनी हुई है।

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