Skoda Kodiaq की बुरी हालत! फरवरी 2025 में सिर्फ 10 यूनिट्स बिकीं, कंपनी की बढ़ी चिंता

स्कोडा कोडिएक (Skoda Kodiaq) एक समय भारतीय बाजार में प्रीमियम एसयूवी के तौर पर जानी जाती थी, लेकिन अब इसकी बिक्री में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। फरवरी 2025 में इस शानदार गाड़ी की महज 10 यूनिट्स ही बिकीं, जो पिछले साल फरवरी 2024 की तुलना में 89% कम है।
उस वक्त इसकी 89 गाड़ियां बिक्री के लिए गई थीं। वहीं, जनवरी 2025 में भी बिक्री का आंकड़ा 10 यूनिट्स पर स्थिर रहा, यानी महीने-दर-महीने (MoM) में कोई बदलाव नहीं हुआ। सेल्स रिपोर्ट्स की मानें तो यह ट्रेंड लगातार नीचे की ओर जा रहा है, जिससे स्कोडा के लिए चिंता बढ़ रही है। पिछले महीने भी बड़ी मुश्किल से 10 ग्राहकों ने इस एसयूवी को चुना। तो आखिर क्या वजह है इस गिरावट की? चलिए, इसे थोड़ा करीब से समझते हैं।
बिक्री में कमी का सबसे बड़ा कारण बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा माना जा सकता है। टोयोटो फॉर्च्यूनर (Toyota Fortuner), एमजी ग्लोस्टर (MG Gloster) और हुंडई टुक्सन (Hyundai Tucson) जैसी गाड़ियां इस सेगमेंट में स्कोडा कोडिएक (Skoda Kodiaq) को कड़ा मुकाबला दे रही हैं।
इसके अलावा, स्कोडा कोडिएक की कीमत (Kodiaq price) भी कई खरीदारों के लिए ऊंची पड़ रही है, जिसकी वजह से लोग दूसरी गाड़ियों की ओर रुख कर रहे हैं। डीलरशिप पर सीमित स्टॉक और लंबा वेटिंग पीरियड भी इसकी बिक्री को प्रभावित कर रहा है। एक और अहम बात यह है कि यह एसयूवी सिर्फ पेट्रोल वैरिएंट में उपलब्ध है, जबकि भारतीय बाजार में डीजल इंजन वाली गाड़ियां जैसे फॉर्च्यूनर और ग्लोस्टर ज्यादा पसंद की जाती हैं।
क्या स्कोडा कोडिएक अपनी खोई हुई पहचान वापस पा सकती है? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर स्कोडा (Skoda) सही कदम उठाए तो हालात बदल सकते हैं। मसलन, अगर कंपनी कोडिएक की कीमतों में कुछ कमी लाए, तो ज्यादा ग्राहक इसकी ओर आकर्षित हो सकते हैं।
इसके साथ ही डीलरशिप नेटवर्क को बढ़ाने और बेहतर आफ्टर-सेल्स सर्विस देने से भी बिक्री में सुधार हो सकता है। अगर स्कोडा नए फीचर्स या डीजल इंजन का विकल्प लॉन्च करे, तो यह भारतीय ग्राहकों के बीच फिर से लोकप्रिय हो सकती है। इसके अलावा, आकर्षक फाइनेंस ऑफर्स, ईएमआई ऑप्शंस और डिस्काउंट भी बिक्री को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
स्कोडा कोडिएक (Skoda Kodiaq) निस्संदेह एक शानदार और दमदार एसयूवी है, लेकिन मौजूदा हालात इसके पक्ष में नहीं हैं। अगर स्कोडा (Skoda) भारतीय ग्राहकों की जरूरतों को समझकर बाजार में नई रणनीतियां अपनाए, तो इसकी बिक्री फिर से पटरी पर लौट सकती है। फिलहाल, कंपनी को अपने कदम सोच-समझकर उठाने होंगे, ताकि यह गाड़ी दोबारा लोगों की पसंद बन सके।