SSY: बेटी के फ्यूचर की नहीं लेनी पड़ेगी कोई टेंशन, इस सरकारी स्कीम से पापा को मिलेगी राहत

यदि खाताधारक की मैच्योरिटी से पहले मौत होती है तो एसएसवाई स्कीम को क्लोज कर दिया जाता है और बाकी के बचे बैलेंस को ब्याज के साथ खाताधारक के माता-पिता या अभिभावक को सौंप दिया जाता है।
SSY: बेटी के पापा को बड़ी राहत देती है ये सरकारी स्कीम, नहीं करनी होती है फ्यूचर की टेंशन

न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

Sukanya Samriddhi Yojana : एसएसवाई सरकारी की एक अनोखी स्कीम है। जिसको खासतौर पर बेटियों के लिए लॉन्च किया गया है। इस स्कीम का उद्देश्य बेटियों की पढ़ाई और शादी के समय माता-पिता की सहायता करना है। इस स्कीम को केंद्र सरकार की तरफ से दिसंबर 2014 से शुरु किया गया था।

कितना मिलता है लोगों को ब्याज

एसएसवाई स्कीम पर अक्टूबर और दिसंबर के लिए सरकार की तरफ से 7.6 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है। इस स्कीम में ब्याज हर महीने 5वें दिन की समाप्ति और महीने की आखिरी तारीख के बीच के मिनिमम बैलेंस पर दिया जाता है। हर फाइनेंशियल ईयर के आखिर में ब्याज खाते में क्रेडिट कर दिया जाता है।

मैच्योरिटी से पहले एसएसवाई से पैसे कैसे निकालें

यदि खाताधारक की मैच्योरिटी से पहले मौत होती है तो एसएसवाई स्कीम को क्लोज कर दिया जाता है और बाकी के बचे बैलेंस को ब्याज के साथ खाताधारक के माता-पिता या अभिभावक को सौंप दिया जाता है।

बता दें एसएसवाई अकाउंट होल्डर की मौत के बाद खाते को क्लोज होने तक ब्याज पोस्ट ऑफिस में सेविंग खाते पर मिल रही ब्याज दर के अनुसार होती है।

कब बंद हो जाता है एसएसवाई खाता

एसएसवाई योजना सरकार की महत्वकांक्षी योजना है जो कि देश की बेटियों को मालामाल कर रही है। इसमें बेटी की आयु 18 साल से ज्यादा या फिर शादी होने पर, या फिर खाता खुले हुए 21 साल से ज्यादा का समय हो गया है तो एसएसवाई स्कीम का खाता बंद हो जाता है।

एसएसवाई खाते से कंब और कैसे निकाल सकते हैं पैसा

पोस्ट ऑफिस की वेबसाइट के अनुसार, जब बेटी की आयु 18 साल पूरी हो जाती है और 10वीं पास कर ली है तो ही पैसा निकाल सकते हैं।

या फिर बीते फाइनेंशियल ईयर की बाकी की रकम का 50 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं। पैसा की निकासी एक बार या फिर किस्तों में की जाती है। बहराल इसके साथ में काफी सारे नियमों व शर्तों से जुड़ा है।

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