Bank News : सरकारी बैंक में खाता रखने वालों के लिए अच्छी खबर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी अहम जानकारी

Bank News : सरकारी बैंक में खाता रखने वालों के लिए अच्छी खबर। दरअसल हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंक खातों को लेकर बड़ी जानकारी दी है... आइए नीचे खबर में जाने बैंकों को लेकर आई नई गाइडलाइन के बारे में।
Bank News : सरकारी बैंक में खाता रखने वालों के लिए अच्छी खबर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी अहम जानकारी 

सरकारी बैंक में खाता रखने वालों के लिए अच्छी खबर है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सरकारी बैंक खातों को लेकर बड़ी जानकारी दी है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने बट्टे खाते में डाले गए खातों से वसूली की कम दर पर चिंता जताई है.मंत्रालय ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत करना चाहिएसूत्रों ने यह जानकारी दी है. 

15 प्रतिशत है वसूली की दर

इस समय बट्टे खाते में डाले गए खातों से वसूली दर 15 प्रतिशत से कम है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSUs) मार्च, 2022 को समाप्त पिछले पांच वर्षों में बट्टे खातों से सिर्फ 14 प्रतिशत राशि ही वसूल पाए हैं. इस दौरान कुल 7.34 लाख करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले गए हैं. इसमें से पीएसबी ने 1.03 लाख करोड़ रुपये की वसूली की.

सरकारी बैंक के अधिकारियों के साथ होगी बैठक

सूत्रों ने कहा कि ऐसा लगता है कि बैंक फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डालने के बाद उन गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) से वसूली को लेकर आत्मसंतुष्ट हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि वसूली का यह स्तर स्वीकार्य नहीं है. इसके अलावा बट्टे खाते में डाले गए खातों से अधिक वसूली सीधे उनके मुनाफे में वृद्धि करती है और पूंजी में सुधार होता है. सूत्रों ने कहा कि इस मुद्दे पर स्थिति की समीक्षा करने के लिए वित्तीय सेवा विभाग जल्द ही सरकारी बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेगा.

क्या होता है एनपीए?

एनपीए यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट (Non Performing Asset) यानी फंसा हुआ कर्ज. सीधे शब्दों इसे यू कह सकते हैं क‍ि लोन लेने के बाद जब कर्जदाता किस्त चुकाने में सक्षम नहीं होता तो बैंकों की रकम फंस जाती है. बैंक की तरफ पहले इस रकम को जमा कराने का प्रयास क‍िया जाता लेक‍िन बाद में इसे एनपीए (NPA) घोषित कर द‍िया जाता है.

RBI ने दी जानकारी

रिजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) के दिशानिर्देशों और बैंकों के निदेशक मंडलों द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA), को बट्टे खाते में डालते हुए संबंधित बैंकों के बही-खाते से हटा दिया गया है. इसमें वे एनपीए (NPA) भी शामिल हैं, जिनके लिए पूर्ण प्रावधान किया गया था.

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