ग्रेटर नोएडा में जमीन के दामों में बंपर उछाल! प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं तो पढ़ें ये खबर

अक्सर लोग अपने पैसे को सुरक्षित और फायदेमंद तरीके से निवेश करने के लिए प्रॉपर्टी को चुनते हैं। रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश आजकल लोगों के लिए अच्छे मुनाफे का जरिया बन गया है। अगर हम पिछले कुछ समय के आंकड़ों पर नजर डालें, तो देश के बड़े शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं।
ऐसे में अगर आप ग्रेटर नोएडा जैसे तेजी से बढ़ते शहर में जमीन या फ्लैट खरीदने का मन बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी वित्तीय वर्ष 2025-26 में जमीन की कीमतों में 5 से 8% तक की बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है।
यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि शहर में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और बेहतर शहरी सुविधाओं के लिए फंड जुटाया जा सके। इस प्रस्ताव को मार्च में होने वाली बोर्ड मीटिंग में मंजूरी मिलने की संभावना है। इसका प्रभाव सभी तरह की जमीनों पर पड़ेगा, चाहे वह रिहायशी हो, कमर्शियल, इंडस्ट्रियल या फिर संस्थागत। पिछले साल भी अथॉरिटी ने कीमतों में 5% की बढ़ोतरी की थी, और अब यह नया बदलाव निवेशकों के लिए अहम हो सकता है। तो आइए, जानते हैं कि ग्रेटर नोएडा में अभी जमीन की कीमतें क्या हैं और यह बढ़ोतरी आपके बजट को कैसे प्रभावित कर सकती है।
फिलहाल ग्रेटर नोएडा में इंडस्ट्रियल जमीन की कीमत 9,920 रुपये से 30,788 रुपये प्रति वर्ग मीटर के बीच है। अगर बात रिहायशी प्लॉट की करें, तो उनकी कीमत 31,877 रुपये से 47,227 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक है। वहीं, 2 FAR वाले कमर्शियल प्लॉट की कीमत सबसे ज्यादा है, जो 57,176 रुपये से 66,602 रुपये प्रति वर्ग मीटर के बीच है।
ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की कीमत अभी 38,484 रुपये से 54,493 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, जबकि संस्थागत प्लॉट की कीमत 14,294 रुपये से 27,246 रुपये प्रति वर्ग मीटर के दायरे में है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन विकास कार्यों से क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और रियल एस्टेट की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिलेगा।
बाजार के जानकारों का कहना है कि अगर आप जमीन खरीदने या निवेश की सोच रहे हैं, तो कीमतों में होने वाले इस बदलाव को जरूर ध्यान में रखें। नई कीमतें अगले वित्तीय वर्ष से लागू होंगी। हालांकि, इस साल अथॉरिटी का खर्च उम्मीद से काफी कम रहा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए तय 4,859 करोड़ रुपये के बजट में से जनवरी तक सिर्फ 1,180 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए हैं।
यह स्थिति कई योजनाओं के लिए चिंता का सबब बन रही है। अथॉरिटी ने 2024-25 में इंटरनल डेवलपमेंट वर्क के लिए 120 करोड़ रुपये, बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए 120 करोड़ रुपये, घरों-दुकानों व छोटे स्टॉल्स के लिए 59 करोड़ रुपये, खास प्रोजेक्ट्स के लिए 930 करोड़ रुपये और बागवानी के लिए 43 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई थी।
लेकिन अफसोस की बात यह है कि कई योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गईं। इन पर काम शुरू नहीं हो सका। जमीन खरीदने के लिए रखे गए 1,200 करोड़ रुपये और विकास कार्यों के लिए तय 1,272 करोड़ रुपये भी लगभग इस्तेमाल नहीं हो पाए। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या अथॉरिटी अपनी योजनाओं को समय पर पूरा कर पाएगी? अगर आप भी ग्रेटर नोएडा में निवेश की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए एक जरूरी जानकारी हो सकती है।