DA Hike 2025: सरकार ने दिया बड़ा झटका, जानें आठवें वेतन आयोग से पहले बड़ा अपडेट

DA Hike 2025: केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में महंगाई भत्ते (डीए) में केवल 2% वृद्धि की संभावना जताई है, जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए निराशाजनक है। यह डीए वृद्धि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आधार पर होगी, जिससे डीए 53% से बढ़कर 55% हो जाएगा। इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में अंतिम मंजूरी मिलेगी। वहीं, 8वां वेतन आयोग 2026 में लागू होने की घोषणा ने नई उम्मीदें जगाई हैं, जो कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में बड़े बदलाव ला सकता है।
DA Hike 2025: सरकार ने दिया बड़ा झटका, जानें आठवें वेतन आयोग से पहले बड़ा अपडेट

DA Hike 2025: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी का इंतजार है, लेकिन इस बार खबरें कुछ निराशाजनक हैं। सूत्रों की मानें तो सरकार जनवरी 2025 में डीए में केवल 2% की वृद्धि कर सकती है, जबकि पहले 3-4% बढ़ोतरी की उम्मीद थी। यह फैसला सरकारी कर्मचारियों के लिए एक झटके की तरह है, जो बढ़ती महंगाई के बीच बेहतर राहत की उम्मीद कर रहे थे। हालांकि, आठवें वेतन आयोग की घोषणा ने नई उम्मीदें जगा दी हैं, जो 2026 में लागू होगा और कर्मचारियों के वेतन व पेंशन में बड़े बदलाव ला सकता है।

हर साल जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ते में संशोधन होता है, जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आधार पर तय किया जाता है। इस बार 2% की बढ़ोतरी के बाद डीए 53% से बढ़कर 55% हो जाएगा। यह बदलाव न केवल कर्मचारियों, बल्कि पेंशनभोगियों को भी प्रभावित करेगा, जिन्हें महंगाई राहत (डीआर) में समान वृद्धि मिलेगी।

माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में मिलेगी। बीते अक्टूबर 2024 में डीए में 3% की बढ़ोतरी हुई थी, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई। इस बार कम वृद्धि की खबर ने कर्मचारियों में असंतोष पैदा किया है, क्योंकि बढ़ती कीमतों के बीच यह राहत नाकाफी लग रही है।

डीए में मामूली बढ़ोतरी का असर कर्मचारियों की जेब पर सीधा पड़ेगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, तो 2% की वृद्धि से उसका डीए 9,540 रुपये से बढ़कर 9,900 रुपये हो जाएगा, यानी मासिक 360 रुपये की अतिरिक्त राशि। वहीं, अगर सरकार 3% की वृद्धि करती, तो डीए 10,080 रुपये होता, जिससे 540 रुपये की बढ़ोतरी होती।

यह अंतर छोटा लग सकता है, लेकिन लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह एक बड़ा मुद्दा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार का यह कदम आर्थिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश हो सकता है, लेकिन कर्मचारियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा।

महंगाई भत्ता तय करने की प्रक्रिया में पिछले 12 महीनों के AICPI का औसत लिया जाता है। यह सूचकांक महंगाई की दर को दर्शाता है, जिसके आधार पर डीए और डीआर की गणना होती है। 2006 में सरकार ने नया फॉर्मूला लागू किया था, जो इस प्रकार है: डीए प्रतिशत = ((पिछले 12 महीनों के AICPI का औसत - 115.76)/115.76) × 100। यह व्यवस्था कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए बनाई गई है, लेकिन इस बार कम वृद्धि ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या सरकार आर्थिक दबावों के कारण ऐसा कदम उठा रही है, या यह आठवें वेतन आयोग से पहले का अस्थायी फैसला है?

आठवां वेतन आयोग इस पूरे परिदृश्य में एक नई किरण की तरह उभरा है। जनवरी 2025 में इसकी घोषणा हो चुकी है, और यह 2026 में लागू होगा। सातवां वेतन आयोग इस साल दिसंबर में खत्म हो रहा है, और नए आयोग से कर्मचारियों को बेहतर वेतन और सुविधाओं की उम्मीद है।

हालांकि, सरकार ने अभी तक आयोग के नियम-शर्तों या सदस्यों की जानकारी साझा नहीं की है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि नया वेतन आयोग न केवल वेतन संरचना को बेहतर करेगा, बल्कि महंगाई भत्ते की गणना में भी बदलाव ला सकता है। तब तक, कर्मचारियों को इस मामूली डीए वृद्धि के साथ ही गुजारा करना होगा।

यह समय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए धैर्य और उम्मीद का है। जहां एक ओर डीए की मामूली बढ़ोतरी ने निराश किया है, वहीं आठवां वेतन आयोग भविष्य में बड़े बदलाव का वादा कर रहा है। कर्मचारियों को चाहिए कि वे सरकार के अगले कदमों पर नजर रखें और अपने हितों के लिए एकजुट रहें। क्या यह छोटी राहत लंबे समय तक उनके लिए पर्याप्त होगी, या नया वेतन आयोग उनकी उम्मीदों को पूरा करेगा? यह सवाल समय के साथ ही जवाब देगा।

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