फिटमेंट फैक्टर 2.86 भी नहीं आएगा काम? जानिए 8th Pay Commission की ताजा अपडेट

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए हर दस साल में एक नया वेतन आयोग गठन की परंपरा रही है, जो उनकी सैलरी को समय के साथ संशोधित करता है। अब तक देश में सात वेतन आयोग बन चुके हैं, जिनमें से पहला 1946 में गठित हुआ था।
हर आयोग ने समय की मांग और आर्थिक स्थिति के हिसाब से कर्मचारियों की सैलरी में बदलाव किए हैं। अब सभी की नजरें 8वें वेतन आयोग पर टिकी हैं, जिसके गठन की चर्चा जोरों पर है। कर्मचारी बेसब्री से सैलरी बढ़ोतरी और फिटमेंट फैक्टर को लेकर खबरों का इंतजार कर रहे हैं।
आइए, इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।
जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी देने का ऐलान किया था। इस घोषणा के बाद से ही कर्मचारियों में उत्साह है, लेकिन साथ ही कई सवाल भी हैं। नए वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया अभी धीमी गति से चल रही है। अप्रैल में संकेत मिले थे कि जल्द ही आयोग का गठन हो सकता है, लेकिन मई बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठा।
अब जून में उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार एक अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति कर सकती है। कर्मचारियों को लगता है कि यह आयोग उनकी सैलरी में बढ़ोतरी और बेहतर भत्तों का रास्ता खोलेगा।
फिटमेंट फैक्टर क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणांक है, जो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी तय करता है। यह सैलरी को संशोधित करने का आधार होता है, लेकिन सैलरी बढ़ोतरी का असली प्रभाव महंगाई भत्ते (डीए) और आर्थिक परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है। चर्चा है कि 8वें वेतन आयोग में 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू हो सकता है।
अगर ऐसा हुआ, तो न्यूनतम सैलरी 51,480 रुपये और पेंशन 25,740 रुपये तक बढ़ सकती है। हालांकि, यह इतना सरल नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से सैलरी में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं होती। इसके लिए कई अन्य कारक, जैसे महंगाई भत्ता और आर्थिक नीतियां, भी मायने रखती हैं।
पिछले वेतन आयोगों का अनुभव
इतिहास पर नजर डालें तो छठा वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए सबसे फायदेमंद रहा। उस समय फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, लेकिन कुल सैलरी में 54 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। वहीं, सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, लेकिन सैलरी में केवल 14.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
इससे साफ है कि फिटमेंट फैक्टर का ऊंचा होना ही सैलरी बढ़ोतरी की गारंटी नहीं है। महंगाई और सरकारी नीतियां भी इसमें अहम भूमिका निभाती हैं। कर्मचारी इस बार उम्मीद कर रहे हैं कि 8वां वेतन आयोग उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा।
कर्मचारियों की उम्मीदें और चुनौतियां
कर्मचारी लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अगर सरकार 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो सैलरी में कुछ हद तक बढ़ोतरी संभव है। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि सिर्फ फिटमेंट फैक्टर पर ध्यान देना पर्याप्त नहीं है। महंगाई भत्ता, टैक्स स्लैब, और देश की आर्थिक स्थिति जैसे कारक भी सैलरी की वास्तविक बढ़ोतरी तय करते हैं।
इसके अलावा, हर लेवल के कर्मचारियों पर फिटमेंट फैक्टर का प्रभाव एकसमान नहीं होता। इसलिए, नए आयोग के गठन और उसकी सिफारिशों का इंतजार करना जरूरी है।