Gold and Silver Price Today : ₹800 चढ़ा सोना, चांदी ने भी तोड़ा रिकॉर्ड! देखें आपके शहर में गोल्ड और सिल्वर के दाम

Gold and Silver Price Today : 14 जून 2025 को भारत के सर्राफा बाजार में Gold and Silver Rate में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। निवेशकों और खरीदारों के लिए यह दिन खास रहा, क्योंकि सोने की कीमतों में करीब 800 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी हुई, वहीं चांदी ने भी कीमतों में शानदार उछाल दर्ज किया। आइए, जानते हैं कि Gold and Silver Rate में इस तेजी के पीछे क्या कारण हैं और इसका आपके निवेश और खरीदारी पर क्या असर पड़ सकता है।
सोने की चमक ने मचाई धूम
शनिवार को देशभर में 24 कैरेट सोने की कीमत 99,400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई, जबकि 22 कैरेट सोना 91,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर रहा। यह बढ़ोतरी न केवल निवेशकों के लिए बल्कि उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो शादी-विवाह या त्योहारों के लिए Gold खरीदने की योजना बना रहे हैं।
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और बैंगलोर जैसे प्रमुख शहरों में 24 कैरेट सोने का भाव 10,141 रुपये से 10,156 रुपये प्रति ग्राम के बीच रहा। वहीं, 18 कैरेट सोने की कीमत 7,606 रुपये से 7,651 रुपये प्रति ग्राम तक दर्ज की गई। इस तेजी ने सोने को और आकर्षक निवेश विकल्प बना दिया है।
चांदी की कीमतों में भी जोरदार बढ़ोतरी
चांदी भी इस बार पीछे नहीं रही। देशभर में Silver Rate 1,08,800 रुपये प्रति किलोग्राम के औसत स्तर पर पहुंच गया। चेन्नई, हैदराबाद, केरल, कोयंबटूर और विजयवाड़ा जैसे शहरों में चांदी की कीमत 1,20,100 रुपये प्रति किलोग्राम तक रही, जबकि मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और बैंगलोर में यह 1,10,100 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास रही।
यह तेजी चांदी के निवेशकों और औद्योगिक उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी खबर है, क्योंकि चांदी की मांग न केवल आभूषणों बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य उद्योगों में भी बढ़ रही है।
Gold and Silver Rate में उछाल के पीछे क्या कारण?
सोने और चांदी की कीमतों में इस बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है वैश्विक बाजार में इन धातुओं की बढ़ती मांग। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Gold और Silver की डिमांड में तेजी देखी जा रही है, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ रहा है। इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में कमजोरी भी कीमतों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है। जब रुपया कमजोर होता है, तो आयातित सोने और चांदी की कीमतें स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती हैं।
इसके साथ ही, भारत में त्योहारों और शादी-विवाह का सीजन शुरू होने वाला है। धनतेरस और दिवाली जैसे अवसरों पर सोने की खरीदारी बढ़ने से डिमांड में उछाल आता है, जो कीमतों को और ऊपर ले जाता है। सरकार द्वारा लगाए गए आयात शुल्क और जीएसटी भी Gold and Silver Rate को प्रभावित करते हैं। ये सभी कारक मिलकर सर्राफा बाजार में इस तेजी को हवा दे रहे हैं।
क्या है सोने-चांदी की कीमतों का गणित?
भारत में Gold and Silver Rate तय करने का गणित काफी रोचक है। यह केवल वैश्विक बाजार की कीमतों पर निर्भर नहीं करता, बल्कि कई अन्य कारकों का भी इसमें योगदान होता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव, भारतीय रुपये की वैल्यू, आयात शुल्क, और स्थानीय मांग-आपूर्ति जैसे पहलू कीमतों को प्रभावित करते हैं।
इसके अलावा, भारत में सोना सिर्फ निवेश का साधन नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा है। शादी-विवाह, धनतेरस, अक्षय तृतीया जैसे मौकों पर लोग सोने की खरीदारी को शुभ मानते हैं, जिससे मांग बढ़ती है और कीमतें भी चढ़ती हैं।