Gold Price Hike : क्यों हो रहा सोना इतना महंगा, जानिए 24 कैरेट गोल्ड की असली कीमत का रहस्य!

Gold Price Hike : सोना... भारत में यह सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि भावनाओं का प्रतीक है। शादी-ब्याह से लेकर तीज-त्योहार तक, सोने की चमक हर खुशी को और निखार देती है। लेकिन 2025 में सोने की कीमतें ऐसी उड़ान भर रही हैं कि आम आदमी की जेब ढीली हो रही है। 10 ग्राम सोने की कीमत अब 1 लाख रुपये की ओर बढ़ रही है।
आखिर क्या वजह है कि सोना इतना महंगा हो गया? ट्रंप के टैरिफ युद्ध, कमजोर डॉलर, और अक्षय तृतीया की बढ़ती मांग ने सोने के दामों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। इस लेख में हम सोने की कीमतों के पीछे की कहानी और कैरेट्स की शुद्धता की गहराई में उतरेंगे।
ट्रंप के टैरिफ युद्ध ने बढ़ाई कीमतें
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध का असर वैश्विक बाजारों पर साफ दिख रहा है। 2 अप्रैल 2025 को ट्रंप ने नए टैरिफ की घोषणा की, जिसके बाद से सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिला। 8 अप्रैल से शुरू हुआ यह सिलसिला 17 अप्रैल तक पहुंचते-पहुंचते और तेज हो गया, जब 10 ग्राम सोने की कीमत 7,100 रुपये बढ़कर 97,700 रुपये पर जा पहुंची।
इस तेजी ने उन परिवारों की चिंता बढ़ा दी है, जो शादी-ब्याह की तैयारियों में जुटे हैं। बहू हो या बेटी, गहनों के बिना तो रस्में अधूरी-सी लगती हैं। लेकिन आसमान छूती कीमतों ने सोने को आम लोगों की पहुंच से लगभग बाहर कर दिया है।
सोना महंगा क्यों हो रहा है?
सोने की कीमतों में उछाल के पीछे कई वैश्विक और स्थानीय कारण हैं। जब भी दुनिया में आर्थिक अनिश्चितता, युद्ध, या शेयर बाजार में गिरावट जैसी स्थिति आती है, लोग अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश करते हैं। इससे सोने की मांग बढ़ती है और कीमतें भी। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें अमेरिकी डॉलर से जुड़ी होती हैं।
जब डॉलर कमजोर होता है, तो सोने के दाम बढ़ जाते हैं। 2025 में अमेरिकी डॉलर की लगातार गिरावट ने सोने को और मजबूत किया है। दूसरी ओर, अगर डॉलर मजबूत होता है, तो सोने की कीमतों में थोड़ी नरमी आ सकती है।
अक्षय तृतीया और सोने की मांग
भारत में सोना सिर्फ निवेश नहीं, संस्कृति का हिस्सा है। 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया का पर्व आने वाला है, जिसे सोना खरीदने का सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस त्योहार के चलते सोने की मांग में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। ज्वेलर्स और बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले दो हफ्तों में सोने की कीमतों में और इजाफा हो सकता है। इस मांग ने पहले से ही महंगे सोने को और भी पहुंच से दूर कर दिया है।
कैरेट्स की दुनिया: सोने की शुद्धता का राज
सोने की कीमत उसकी शुद्धता पर भी निर्भर करती है, जिसे कैरेट्स में मापा जाता है। आइए, समझते हैं कि अलग-अलग कैरेट्स का सोना कितना शुद्ध होता है और इसका इस्तेमाल कहां होता है। 24 कैरेट सोना 99.9% शुद्ध होता है, लेकिन यह इतना नरम होता है कि इससे गहने नहीं बनाए जा सकते।
भारत में ज्यादातर ज्वेलरी 22 कैरेट सोने से बनती है, जिसमें 91.6% शुद्धता होती है। वहीं, 18 कैरेट सोने में 75% शुद्धता होती है, जो फैशनेबल और हल्के गहनों के लिए पसंद किया जाता है। 14 कैरेट या उससे कम शुद्धता वाला सोना बजट के लिए बेहतर होता है, लेकिन इसकी वैल्यू कम होती है। सोने की यह शुद्धता न सिर्फ उसकी कीमत तय करती है, बल्कि आपके निवेश के मूल्य को भी प्रभावित करती है।
क्या करें आम लोग?
सोने की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आप सोना खरीदना चाहते हैं, तो कीमतों में थोड़ी गिरावट का इंतजार करें। साथ ही, शुद्धता की जांच के लिए हॉलमार्क वाले गहने ही खरीदें। अक्षय तृतीया जैसे शुभ अवसरों पर खरीदारी की योजना बनाएं, लेकिन बजट का ध्यान रखें। सोना न सिर्फ आपकी संपत्ति को सुरक्षित रखता है, बल्कि आपकी भावनाओं को भी संजोता है।