Gold Price : 12 महीने में कहां पहुंचेगा सोना? इजराइल-ईरान तनाव से उभरा बड़ा संकेत

Gold Price : मध्य पूर्व में बढ़ते Israel-Iran Tension ने वैश्विक बाजारों को हिलाकर रख दिया है, और इसका सबसे बड़ा असर देखने को मिल रहा है सोने की कीमतों में। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन Gold Prices में तेजी दर्ज की गई, जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोना 2,200 रुपये प्रति 10 ग्राम की छलांग लगाकर रिकॉर्ड 1,01,540 रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
पहली बार 1 लाख रुपये का आंकड़ा पार करने के बाद अब हर किसी के मन में यही सवाल है कि क्या अगले 12 महीनों में Gold 1.25 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम या उससे भी ऊपर जा सकता है? आइए, इस सवाल का जवाब तलाशते हैं और जानते हैं कि Gold Prices में इस उछाल के पीछे क्या कारण हैं और भविष्य में क्या होने वाला है।
मध्य पूर्व का तनाव और Gold का सेफ हेवन
Israel-Iran Tension ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है। खासकर, इजराइल द्वारा ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर किए गए सैन्य हमले के बाद निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर बढ़ा है।
Gold को हमेशा से सेफ हेवन एसेट माना जाता है, यानी जब दुनिया में आर्थिक या भू-राजनीतिक संकट गहराता है, तो लोग सोने में निवेश को प्राथमिकता देते हैं। इस बार भी यही हुआ। मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के चलते Gold की मांग में अचानक तेजी आई, जिसने कीमतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी Gold Prices में उछाल देखा जा रहा है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने ने पहली बार 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर पार किया, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। यह तेजी न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
आर्थिक कारक: Inflation और Federal Reserve का खेल
Israel-Iran Tension के अलावा, आर्थिक कारक भी Gold Prices में इस उछाल के लिए जिम्मेदार हैं। हाल ही में अमेरिका में जारी Inflation डेटा उम्मीद से कम रहा, जिसने निवेशकों में यह उम्मीद जगा दी कि Federal Reserve जल्द ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो अमेरिकी डॉलर कमजोर पड़ता है, और Gold जैसी गैर-ब्याज देने वाली संपत्तियों में निवेश बढ़ जाता है। यही कारण है कि Gold Prices में लगातार तेजी देखी जा रही है।
इसके साथ ही, केंद्रीय बैंकों की ओर से Gold की आक्रामक खरीदारी भी कीमतों को ऊपर ले जा रही है। कई देश अपने भंडार में सोना बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, जो वैश्विक मांग को और मजबूत कर रहा है।
अगले 12 महीनों में Gold Prices का अनुमान
विशेषज्ञों की मानें तो Gold Prices में यह तेजी अभी थमने वाली नहीं है। Bank Of America (BofA) ने अनुमान लगाया है कि अगले 12 महीनों में Gold का भाव 4,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। वहीं, Goldman Sachs ने भी अपने पूर्वानुमान में कहा है कि 2025 के अंत तक Gold 3,700 डॉलर और 2026 के मध्य तक 4,000 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के स्तर को छू सकता है। भारतीय बाजार में इसका मतलब है कि सोना 1.25 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम या उससे भी ऊपर जा सकता है।
हालांकि, Goldman Sachs का यह भी कहना है कि Israel-Iran Tension के बावजूद तेल आपूर्ति में कोई बड़ा व्यवधान नहीं होगा। फिर भी, भू-राजनीतिक जोखिम और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते Gold Prices निकट भविष्य में ऊंचे स्तर पर बनी रहेंगी।