Gold Rate : ₹2 लाख पार करेगा सोना? जानिए 2030 तक के गोल्ड प्राइस प्रेडिक्शन और विशेषज्ञों की राय

सोने की कीमतों (Gold Rate) में इस साल अभूतपूर्व तेजी ने हर किसी को हैरान कर दिया है। आम लोग जहां बढ़ती कीमतों से परेशान हैं, वहीं निवेशकों के चेहरे खिल उठे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार से लेकर भारतीय सर्राफा बाजार तक, सोने की चमक ने नया इतिहास रच दिया है। आखिर क्या कारण है इस उछाल का और भविष्य में Gold Rate कहां तक पहुंच सकता है? आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
सोने की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल
पिछले 30 महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत (Gold Rate) में 125% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। साल 2022 के अक्टूबर में जहां सोना 1,500 डॉलर प्रति औंस पर था, वहीं अब यह 3,400 डॉलर प्रति औंस को पार कर चुका है।
भारतीय बाजार में भी Gold Rate ने रिकॉर्ड बनाया है। 7 जून को सर्राफा बाजार में सोने की कीमत एक लाख रुपये के करीब पहुंच गई, जबकि एमसीएक्स पर यह पहले ही एक लाख का आंकड़ा पार कर चुका है। इस तेजी का मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और भू-राजनीतिक तनाव, जैसे इजरायल-ईरान विवाद, रहे हैं, जिन्होंने सोने की मांग को आसमान पर पहुंचा दिया।
क्यों बढ़ रही है सोने की मांग?
सोना हमेशा से निवेशकों के लिए सुरक्षित ठिकाना रहा है। वैश्विक मंदी की आशंकाओं और भू-राजनीतिक अस्थिरता के बीच निवेशकों ने Gold Rate को और चमकाने का काम किया। केंद्रीय बैंकों ने भी 2022 से अपने सोने के भंडार बढ़ाने शुरू किए, जिसके चलते मांग और आपूर्ति का संतुलन बिगड़ गया। गोल्ड ईटीएफ (ETF) में निवेश भी तेजी से बढ़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह तेजी अल्पकालिक नहीं है, बल्कि आने वाले वर्षों में भी जारी रहने की संभावना है।
निवेशकों के लिए सुनहरा मौका
सोने के विशेषज्ञ और ब्रोकरेज फर्में लंबी अवधि के लिए Gold Rate में निवेश की सलाह दे रहे हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि कीमतों में गिरावट का इंतजार करें और 1,06,000 रुपये का दीर्घकालिक लक्ष्य रखें। विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की चमक अभी और बढ़ेगी। अगर आप सोने में निवेश की सोच रहे हैं, तो यह सही समय हो सकता है, बशर्ते आप सही रणनीति अपनाएं।
2025 तक Gold Rate की भविष्यवाणी
ब्र्रोकरेज हाउस गोल्डमैन का अनुमान है कि इस साल के अंत तक Gold Rate 1,30,000 रुपये तक पहुंच सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3,700 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। अगर अमेरिका में मंदी का माहौल बनता है, तो यह 3,880 डॉलर और उच्च जोखिम की स्थिति में 4,500 डॉलर प्रति औंस तक भी जा सकता है। इस साल अब तक Gold Rate ने 34% का रिटर्न दिया है और विशेषज्ञों का अनुमान है कि साल के अंत तक यह 71.5% तक रिटर्न दे सकता है।
2028 और 2030: सोने का सुनहरा भविष्य
सोने की तेजी का सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा। स्टेट स्ट्रीट ग्लोबल एडवाइजर्स के चीफ गोल्ड स्ट्रैटेजिस्ट जॉर्ज मिलिंग-स्टेनली का कहना है कि 2025 में ही Gold Rate 3,900 डॉलर प्रति औंस को पार कर सकता है। वहीं, हेज फंड मैनेजर जॉन पॉलसन का अनुमान है कि कमजोर अमेरिकी डॉलर और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी के चलते 2028 तक सोना 5,000 डॉलर प्रति औंस (लगभग 1,53,000 रुपये) तक पहुंच सकता है।
अटलांटिक हाउस फंड मैनेजमेंट के चार्ली मॉरिस का दावा है कि 2030 तक Gold Rate 7,000 डॉलर प्रति औंस (लगभग 2,15,000 रुपये) तक जा सकता है। अगर डॉलर की कीमत में भी इजाफा होता है, तो यह आंकड़ा और ऊंचा हो सकता है।