Income Tax : टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, अब दूसरी प्रॉपर्टी पर नहीं देना होगा किराया आधारित टैक्स

इस साल के बजट में दो सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी पर Nil Annual Value का लाभ मिलेगा, जिससे टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलेगी। जानिए कैसे यह नियम आपकी टैक्स देनदारी को कम करेगा और आपकी बचत को बढ़ाएगा।
Income Tax : टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, अब दूसरी प्रॉपर्टी पर नहीं देना होगा किराया आधारित टैक्स
2024 के आम बजट में सरकार ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है। अब वे अपनी दो सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी पर Nil Annual Value का दावा कर सकते हैं, जिससे टैक्स का बोझ कम होगा और अधिक बचत संभव होगी। यह नया नियम खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जो नौकरी या अन्य कारणों से एक से अधिक शहरों में निवास करते हैं।

अगर आपके पास एक से अधिक प्रॉपर्टी है और आप टैक्स भरते आए हैं, तो इस साल का बजट आपके लिए राहत लेकर आया है। अब आप अपनी दो सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी पर Nil Annual Value का दावा कर सकते हैं, जिससे आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाएगी। इस प्रावधान से करदाताओं के लिए टैक्स प्रक्रिया अधिक सरल होगी और आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

पहले यदि किसी के पास दूसरी प्रॉपर्टी होती थी, तो उसे किराए पर दिए बिना भी टैक्स देना पड़ता था। यह टैक्स संभावित किराए की अनुमानित आय पर आधारित होता था। खासतौर पर उन लोगों के लिए यह चुनौती थी, जो नौकरी या व्यवसाय के कारण दूसरे शहरों में रहते हैं। उन्हें यह साबित करना पड़ता था कि उनकी पहली प्रॉपर्टी सेल्फ-ऑक्यूपाइड है, ताकि टैक्स छूट का लाभ मिल सके।

बजट 2024 में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत

इस बार के आम बजट 2024 में टैक्सपेयर्स को कई शर्तों से राहत दी गई है। कोलियर्स इंडिया के रेजिडेंशियल ट्रांजैक्शन सर्विसेज के एमडी, रवि शंकर सिंह के अनुसार, पहले करदाताओं को यह प्रमाणित करना होता था कि उनकी दूसरी प्रॉपर्टी खाली पड़ी है। लेकिन अब इस प्रक्रिया को खत्म कर दिया गया है, जिससे टैक्स से संबंधित औपचारिकताएं अब और भी आसान हो गई हैं।

अब टैक्सपेयर्स को कितनी बचत होगी?

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट मनोज पाहवा का कहना है कि इस नए प्रावधान से उन लोगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा, जो अपनी प्रॉपर्टी में खुद नहीं रहते। अब करदाताओं को काम या अन्य कारणों से किसी दूसरी जगह रहने का प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं होगी।

यह नियम उन प्रोफेशनल्स के लिए बेहद फायदेमंद होगा, जिन्हें नौकरी या व्यवसाय के सिलसिले में एक से अधिक शहरों में रहना पड़ता है।

दिल्ली के लीगल प्रोफेशनल अभिजीतम उपाध्याय पहले अपने गुरुग्राम स्थित खाली फ्लैट पर हर महीने करीब ₹10,000 का टैक्स देते थे। अब वे राहत की सांस लेते हुए कहते हैं, "अब यह पैसा मेरी जेब में रहेगा। इससे मैं अपनी दूसरी निवेश योजनाओं पर ध्यान दे सकता हूं।"

इसी तरह, चार्टर्ड अकाउंटेंट सचिन गर्ग कहते हैं, "पहले मुझे सालाना ₹65,520 का टैक्स देना पड़ता था, लेकिन इस नए बदलाव से मुझे भारी बचत होगी।"

नोएडा के मुकुल माथुर के अनुसार, "मेरी दूसरी प्रॉपर्टी से अनुमानित आय करीब ₹9 लाख थी, जिस पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे मुझे लगभग ₹1.8 लाख रुपये की बचत होगी।"

रियल एस्टेट सेक्टर को भी मिलेगा फायदा

इस बदलाव से रियल एस्टेट मार्केट को भी काफी फायदा होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रावधान से लोग अब अधिक प्रॉपर्टी खरीदने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे हाउसिंग सेक्टर में नई तेजी आएगी।

ANAROCK ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है, "यह कदम रियल एस्टेट में निवेश को बढ़ावा देगा और प्रॉपर्टी खरीदने के प्रति लोगों की रुचि को और मजबूत करेगा।"

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