आपके खाते से कट रहे हैं पैसे बिना बताए? बैंक की इन चालों से रहें सतर्क

बैंकों के छिपे हुए चार्जेज, जैसे एटीएम ट्रांजैक्शन फीस, मिनिमम बैलेंस पेनल्टी, डेबिट कार्ड शुल्क, और चेक बाउंस चार्ज, आपकी जेब पर भारी पड़ सकते हैं। State Bank Of India, HDFC Bank, और ICICI Bank जैसे बैंक छोटे-छोटे शुल्कों के जरिए आपकी कमाई काटते हैं।
आपके खाते से कट रहे हैं पैसे बिना बताए? बैंक की इन चालों से रहें सतर्क

आज के डिजिटल युग में बैंकिंग हमारी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। चाहे वह डेबिट कार्ड हो, मोबाइल बैंकिंग हो, या नेट बैंकिंग, हर कोई बैंकिंग सेवाओं पर निर्भर है। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया कि State Bank Of India, HDFC Bank, ICICI Bank जैसे बड़े बैंक छोटे-छोटे चार्जेज के नाम पर आपकी मेहनत की कमाई काट रहे हैं?

यह लेख आपको बताएगा कि ये छिपे हुए बैंक चार्जेज क्या हैं और कैसे आप इनसे बच सकते हैं। हमारी यह जानकारी आपके लिए मददगार, विश्वसनीय और आसान भाषा में है, ताकि आप अपनी वित्तीय समझ को और बेहतर बना सकें।

ATM ट्रांजैक्शन फीस: बार-बार निकासी पड़ सकती है भारी

एटीएम का उपयोग तो हर कोई करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार पैसे निकालने की आदत आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है? Reserve Bank Of India (RBI) के नियमों के अनुसार, मेट्रो शहरों में महीने में 3 बार और नॉन-मेट्रो शहरों में 5 बार तक अपने बैंक के एटीएम से मुफ्त निकासी की सुविधा मिलती है।

इसके बाद प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर ₹20 + GST का शुल्क लग सकता है। अगर आप Axis Bank, Punjab National Bank, या अन्य बैंकों के एटीएम का इस्तेमाल करते हैं, तो चार्ज और बढ़ सकता है। इससे बचने के लिए UPI, Google Pay, या PhonePe जैसे डिजिटल पेमेंट विकल्प अपनाएं और अनावश्यक निकासी से बचें।

मिनिमम बैलेंस की पेनल्टी 

बैंकों की एक और आम नीति है मिनिमम बैलेंस। चाहे वह Kotak Mahindra Bank हो या Bank Of Baroda, हर बैंक अपने ग्राहकों से खाते में न्यूनतम राशि (500 से 10,000 रुपये तक) बनाए रखने की उम्मीद करता है। अगर आपका बैलेंस इससे कम होता है, तो 100 से 600 रुपये तक की मासिक पेनल्टी लग सकती है।

इस चार्ज से बचने के लिए हमेशा अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें। अगर आप बार-बार बैलेंस कम होने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो Zero Balance Account जैसे विकल्प चुनें, जो SBI और अन्य बैंकों में उपलब्ध हैं।

डेबिट कार्ड चार्ज 

जब आप बैंक खाता खोलते हैं, तो आपको डेबिट कार्ड मिलता है, लेकिन इसके लिए सालाना 100 से 500 रुपये तक का शुल्क देना पड़ता है। अगर आपका Visa Card, MasterCard, या RuPay Card खो जाता है, तो नया कार्ड लेने के लिए भी अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। इस खर्च को कम करने के लिए डेबिट कार्ड का इस्तेमाल सोच-समझकर करें और समय पर कार्ड रिन्यू करवाएं। कुछ बैंक, जैसे IDFC First Bank, मुफ्त डेबिट कार्ड सुविधा भी देते हैं, जिन्हें आप चुन सकते हैं।

SMS अलर्ट फीस 

हर लेनदेन की जानकारी के लिए बैंक SMS अलर्ट भेजते हैं, लेकिन इसके लिए 15 से 100 रुपये तक का सालाना शुल्क लिया जा सकता है। कुछ बैंक, जैसे Canara Bank, यह सेवा मुफ्त देते हैं, लेकिन कई प्राइवेट बैंक चार्ज वसूलते हैं। इस खर्च से बचने के लिए आप बैंक के मोबाइल ऐप पर नोटिफिकेशन ऑन करें या SMS सेवा बंद करवाएं। इससे आपका पैसा बचेगा और आप डिजिटल तरीके से अपडेट रह सकेंगे।

चेक बाउंस का दंड 

चेक देना एक आम प्रक्रिया है, लेकिन अगर आपके खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, तो चेक बाउंस हो सकता है। इसके लिए बैंक 300 से 700 रुपये तक का भारी शुल्क वसूलता है, और यह कानूनी समस्या भी बन सकता है। RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार, चेक बाउंस को गंभीरता से लिया जाता है। इसलिए, चेक जारी करने से पहले हमेशा अपने खाते का बैलेंस चेक करें।

कैश डिपॉजिट और निकासी 

कई बैंक, जैसे Yes Bank और Indian Bank, महीने में कुछ बार ही मुफ्त कैश डिपॉजिट या निकासी की सुविधा देते हैं। अगर आप इस सीमा को पार करते हैं, तो प्रति लेनदेन 150 रुपये तक का शुल्क लग सकता है। इस चार्ज से बचने के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्राथमिकता दें और ब्रांच में बार-बार जाने से बचें।

फंड ट्रांसफर चार्ज: NEFT, RTGS, IMPS का खर्च

NEFT, RTGS, और IMPS जैसे फंड ट्रांसफर पर कुछ बैंक शुल्क लेते हैं, हालांकि अब SBI, PNB जैसे कई बैंक इन्हें मुफ्त कर चुके हैं। फिर भी, कुछ प्राइवेट बैंक पुराने नियमों के तहत चार्ज वसूलते हैं। इससे बचने के लिए हमेशा ऐसे बैंक चुनें जो मुफ्त ट्रांसफर सुविधा देते हों और मोबाइल ऐप का उपयोग करें।

Share this story

Icon News Hub