लोन नहीं चुकाने वालों की अब खैर नहीं! RBI ने बैंकों को दिए सख्त निर्देश

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्जदारों के लिए एक बड़ी खबर जारी की है, जो उन लोगों के लिए चेतावनी बन सकती है जो जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाते। आरबीआई ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे उन कर्जदारों पर नजर रखें, जिनका बकाया 25 लाख रुपये या उससे ज्यादा है।
अगर आपने भी इतना बड़ा कर्ज लिया है और किसी कारणवश समय पर किस्त नहीं भर पा रहे हैं, तो अब सावधान हो जाएं। आरबीआई ने बैंकों को गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) वाले खातों में ‘इरादतन चूक’ की जांच करने का आदेश दिया है। इसका मकसद उन लोगों को जवाबदेह बनाना है, जो जानबूझकर कर्ज चुकाने से बचते हैं।
आरबीआई के इस कदम से उन छोटे और बड़े कर्जदारों पर शिकंजा कसेगा, जो अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते हैं। इसके तहत बैंक एक खास प्रक्रिया अपनाएंगे, जिसमें एक पहचान समिति यह तय करेगी कि कर्जदार ने सचमुच जानबूझकर भुगतान में देरी की है या नहीं। ‘इरादतन चूककर्ता’ उसे कहा जाएगा, जो कर्ज या गारंटी के बावजूद 25 लाख रुपये से ज्यादा की राशि चुकाने में नाकाम रहा हो। आरबीआई ने साफ कहा है कि सभी एनपीए खातों की समय-समय पर जांच होगी, ताकि कोई भी दोषी बच न सके।
इसके अलावा, आरबीआई ने एक समयसीमा भी तय की है। अगर शुरुआती जांच में चूक का पता चलता है, तो खाता एनपीए घोषित होने के छह महीने के भीतर कर्जदार को ‘इरादतन चूककर्ता’ की श्रेणी में डालने की प्रक्रिया पूरी होगी। साथ ही, बैंकों को एक निष्पक्ष और पारदर्शी नीति बनाने का निर्देश दिया गया है, जिसे बोर्ड की मंजूरी लेनी होगी। यह कदम न सिर्फ बैंकों की वित्तीय सेहत को मजबूत करेगा, बल्कि कर्ज लेने वालों को भी जिम्मेदारी का अहसास दिलाएगा।