भारत के इस शहर में प्रॉपर्टी की कीमतें 79% उछलीं, जानें क्यों अभी भी बढ़ेंगी घरों की कीमतें

भारत के रियल एस्टेट मार्केट में पिछले पांच सालों में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में 48% की शानदार बढ़ोतरी हुई है। 1 Finance Housing Total Return Index के मुताबिक, Bengaluru में 79% की उछाल के साथ सबसे ज्यादा ग्रोथ देखी गई, जबकि Mumbai 26,975 रुपये प्रति वर्ग फुट के साथ सबसे महंगा मार्केट है।
भारत के इस शहर में प्रॉपर्टी की कीमतें 79% उछलीं, जानें क्यों अभी भी बढ़ेंगी घरों की कीमतें

पिछले पांच सालों में भारत के रियल एस्टेट मार्केट ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है। बड़े शहरों में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में औसतन 48% की बढ़ोतरी देखी गई है, जो निवेशकों और घर खरीदारों के लिए एक बड़ा संकेत है। 1 Finance Housing Total Return Index (TRI) के आंकड़े बताते हैं कि 2020 में यह इंडेक्स 167 था, जो 2025 तक बढ़कर 247 पर पहुंच गया।

यह न केवल हाउसिंग मार्केट की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि भविष्य में और ग्रोथ की संभावनाओं को भी उजागर करता है। आइए, इस बदलाव को करीब से समझते हैं और जानते हैं कि Bengaluru, Mumbai, Delhi NCR जैसे शहरों में क्या हो रहा है।

बेंगलुरु 

Bengaluru ने रियल एस्टेट की दुनिया में सबको पीछे छोड़ दिया है। यहां प्रॉपर्टी की कीमतों में 79% की शानदार बढ़ोतरी हुई है, जो इसे देश का सबसे तेजी से बढ़ता हाउसिंग मार्केट बनाती है। शहर की बढ़ती IT इंडस्ट्री, बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, और युवा प्रोफेशनल्स की मांग ने इस उछाल को हवा दी है। चाहे वह Koramangala के पॉश इलाके हों या Whitefield के नए प्रोजेक्ट्स, हर जगह डिमांड आसमान छू रही है।

मुंबई 

Mumbai का रियल एस्टेट मार्केट हमेशा से चर्चा में रहा है। 26,975 रुपये प्रति वर्ग फुट की औसत कीमत के साथ यह भारत का सबसे महंगा रेसिडेंशियल मार्केट है। Bandra, Worli, और Lower Parel जैसे इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतें सुनकर ही सिर चकरा जाता है। फिर भी, निवेशकों का भरोसा इस शहर पर बना हुआ है। यहां की कीमतें Carpet Area पर आधारित हैं, जो इसकी प्रीमियम वैल्यू को और बढ़ाती हैं।

पुणे और हैदराबाद 

Pune में डेवलपर्स ने मार्केट की मंदी को देखते हुए नए प्रोजेक्ट्स में 20% की कटौती की है। दूसरी ओर, Hyderabad में बिक्री न होने वाली प्रॉपर्टी में 177% की बढ़ोतरी हुई है। इसका मतलब है कि यहां प्रॉपर्टी की सप्लाई डिमांड से कहीं ज्यादा है। Gachibowli और Hitech City जैसे इलाकों में नए प्रोजेक्ट्स तो लॉन्च हो रहे हैं, लेकिन खरीदारों की कमी साफ दिख रही है।

दिल्ली एनसीआर 

Delhi NCR में रियल एस्टेट मार्केट ने स्थिरता दिखाई है। यहां बिक्री न होने वाली प्रॉपर्टी में 30% की कमी आई है, जो मजबूत डिमांड का सबूत है। Noida और Gurgaon जैसे इलाकों में नए प्रोजेक्ट्स की भरमार है, और खरीदार भी उत्साह दिखा रहे हैं। Metro Connectivity और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर ने इस क्षेत्र को निवेश के लिए और आकर्षक बनाया है।

चेन्नई और कोलकाता 

Chennai में सप्लाई और डिमांड के बीच तालमेल की कमी साफ दिख रही है। नए प्रोजेक्ट्स में 51% की बढ़ोतरी हुई, लेकिन बिक्री सिर्फ 10% बढ़ी। दूसरी ओर, Kolkata का मार्केट छोटा हो गया है। यहां नए लॉन्च और बिक्री दोनों में 29% की कमी आई है। इन शहरों में निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।

क्या है इस उछाल का कारण?

RERA-रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी के पुराने ट्रांजैक्शन डेटा, सेल्स वैल्यू, और एरिया के आधार पर तैयार 1 Finance Housing Total Return Index इस उछाल की कहानी बयां करता है। 2020 से 2025 तक नए घरों के लॉन्च में 10% की बढ़ोतरी हुई, लेकिन बिक्री 33% उछली। यह दिखाता है कि डिमांड सप्लाई से कहीं ज्यादा है। बिक्री न होने वाली प्रॉपर्टी में 32% की बढ़ोतरी के बावजूद कीमतें 48% बढ़ीं, जो रियल एस्टेट मार्केट की मजबूती को दर्शाता है।

भविष्य में क्या?

Covid-19 के बाद की तेज उछाल अब धीमी पड़ सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मार्केट अब स्थिर ग्रोथ की ओर बढ़ रहा है। Public Transport और Social Infrastructure में सरकारी निवेश, जैसे Delhi-Mumbai Expressway और Bengaluru Metro, कीमतों को धीरे-धीरे बढ़ाएंगे। इससे न केवल बड़े शहरों में, बल्कि उनके आसपास के इलाकों, जैसे Greater Noida और Thane, में भी नई संभावनाएं खुलेंगी।

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