सिक्कों पर भारी पड़ रही RBI की लागत, नोट से 6 गुना ज्यादा खर्चा

देश में चल रहे नए सिक्के और नोट छापने का अधिकार आरबीआई के पास होता है। आरबीआई एक रुपये के नोट को छोड़कर बाकी सभी नोटों की छपाई का अधिकार रखता है। हालांकि आखिरी फैसला भारत सरकार का ही होता है। कई लोग सोचते हैं कि जेब में रखे नोट का खर्च सिक्कों (RBI guidelines for Coins) के मुकाबले ज्यादा आता होगा, लेकिन आपको बता दें कि नोटों के मुकाबले कहीं ज्यादा खर्चा सिक्कों की ढलाई पर आता है। आइए जानते हैं कि आरबीआई द्वारा बड़े नोट के सिक्के क्यों नहीं छापे जाते हैं।
नोट और सिक्के की लागत
आरबीआई की एक गाइडलाइन से यह मालूम हुआ कि नोटों के मुकाबले सिक्कों की ढलाई आरबीआई को महंगी पड़ती है। वित्त वर्ष 2021-22 में आरबीआई (RBI Updates on currency) ने 10 रुपये के एक हजार नोट छापे थे, जिस पर आरबीआई को कुल 960 रुपये खर्च करने पड़े थे। अगर कैलकुलेशन किया जाए तो इस एक नोट की छपाई का खर्च केवल 96 पैसे आया।
वहीं, अगर 10 रुपये का एक सिक्का छापा जाए तो उस पर आरबीआई को 5.54 रुपये खर्च (10 rupees coin) करने पड़ते हैं। देखा जाए तो नोट के मुकाबले सिक्के को छापने की लागत लगभग 6 गुना ज्यादा है।
अधिक खर्चे के बाद भी सिक्के ढालता है RBI
सिक्कों पर ढलाई की लागत इतनी होने के बाद भी धड़ाधड़ आरबीआई इनकी छपाई करता है। आप भी सोच रहे होंगे कि आरबीआई (reserve Bank of India) द्वारा सिक्का बनाना तो घाटे का सौदा है, फिर भी आरबीआई क्यों सिक्के को छापता है।
इस बारे में आरबीआई (RBI) का कहना है कि भले ही सिक्के बनाने में ज्यादा खर्च उठाना पड़ता है, लेकिन यह कई मायनों में नोट बनाने से ज्यादा फायदेमंद है। दरअसल, नोट (Note Update) की छपाई में तो कई तरह के सिक्योरिटी फीचर्स का यूज होता है। आपको बता दें कि कागज के नोट को सुरक्षित बनाने के लिए कई तरह के सिक्योरिटी फीचर्स इस्तेमाल में लाए जाते हैं।
नोट या सिक्के किसे छापना है फायदेमंद?
सिक्कों की लाइफ सालों साल तक चलती है और कागज के नोट की लाइफ कम होती है। कई बार गलन या फटने की वजह से वो यूज में भी नहीं लाए जाते हैं। ऐसे में नोट (indian currency ) छापना सिक्के के मुकाबले ज्यादा महंगा लगने लगता है। हाल ही में आरबीआई ने इस बारे में खुद बताया है कि 1 रुपये का सिक्का ढालने में करीब 1 रुपये का खर्च आता है, लेकिन इसके यूज को देखते हुए यह महंगा नहीं लगता है।
जबकि 2 रुपये का सिक्का ढालने में लगभग 1.30 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, किंतु यह सालों साल यूज में लाए जा सकते हैं। इसी तरह 5 रुपये का सिक्का करीब 3.70 रुपये की लागत आती है तो वहीं आरबीआई का कहना है कि 10 रुपये का सिक्का बनाने की लागत लगभग 5.54 रुपये है। लेकन इसके यूज को देखते हुए इसकी लागत कम लगती है।
बड़े नोटों के सिक्के ढालने से होंगी ये मुश्किलें
आरबीआई (RBI) ने हाल ही में एक रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया है कि आरबीआई द्वारा बड़े नोटों को कागज के रूप में व अधिक क्यों छापा जाता है। इस पर बताया गया है कि नोट जितना बड़ा होता जाता है, उसकी छपाई की लागत उतनी ही घट जाती है। इस बारे में आरबीआई के मुताबिक, अगर आरबीआई 20 रुपये का एक नोट छापता (20 rupye ka note) है तो आरबीआई को इस नोट को छापने के लिए लगभग 95 पैसे खर्च करने पड़ते हैं, इसके अलावा 50 रुपये के एक नोट पर (latest update on notes and coins) आरबीआई को करीब 1.15 रुपये में छापना पड़ता है।
100 रुपये का एक नोट लगभग 1.75 रुपये में और 200 के नोट (200 rupees printing Cost) को छापने पर आरबीआई को करीब 2.35 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। वहीं, सबसे बड़ा नोट 500 का 2.30 रुपये में छप जाता (500 rupees printing Cost) है। अगर इन नोट के सिक्कों को छापा जाए तो इससे खर्चा काफी बढ़ेगा और ग्राहकों को इसको संभाल पाने में मुश्किल होगी।