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स्टॉक की तंगी ने बढ़ाए देशी घी के दाम, जानिए हुआ कितना महंगा

स्थानीय राजधानी मंडी कूकरखेड़ा स्थित फर्म आर. मूंदड़ा एंड कंपनी के रामनिवास मूंदड़ा ने बताया कि इन दिनों बटर का एक्सपोर्ट होने से डेयरियों में देशी घी का उत्पादन कम मात्रा में हो रहा है। इधर महाकुंभ के लिए भी घी की डिमांड निरंतर बनी हुई है। यही कारण है कि देशी घी में और मजबूती के संकेत बताए जा रहे हैं।
स्टॉक की तंगी ने बढ़ाए देशी घी के दाम, जानिए हुआ कितना महंगा 
स्टॉक की तंगी ने बढ़ाए देशी घी के दाम, जानिए हुआ कितना महंगा 

जयपुर : उपभोक्ताओं की डिमांड निकलने तथा स्टॉक तंगी के चलते स्थानीय दूध उत्पाद बाजार में देशी घी की कीमतों में जोरदार तेजी दर्ज की गई है। एक सप्ताह के दौरान ब्रांडेड देशी घी नीचे भावों से करीब 400 रुपए प्रति 15 किलो उछल गया है। गौरस देशी घी 9795 रुपए तथा लोटस घी की कीमतें 8750 रुपए प्रति 15 किलो होलसेल में बुधवार को बोली गईं।

स्थानीय राजधानी मंडी कूकरखेड़ा स्थित फर्म आर. मूंदड़ा एंड कंपनी के रामनिवास मूंदड़ा ने बताया कि इन दिनों बटर का एक्सपोर्ट होने से डेयरियों में देशी घी का उत्पादन कम मात्रा में हो रहा है। इधर महाकुंभ के लिए भी घी की डिमांड निरंतर बनी हुई है। यही कारण है कि देशी घी में और मजबूती के संकेत बताए जा रहे हैं।

मूंदड़ा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बटर के भाव ऊंचे होने से उत्तर भारत की डेयरियों में देशी घी का उत्पादन काफी कम मात्रा में हो रहा है। दूसरी और शादियों की चौतरफा चालानी मांग निकलने से हाजिर में प्रीमियम क्वालिटी देशी घी में 400 रुपए प्रति 15 किलो तक की तेजी आ गई है। डेयरियों को लिक्विड् दूध महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है, लिहाजा कंपनियों को देशी घी के पड़ते नहीं लग पा रहे हैं।

इधर, सरकार ने देशी घी पर 12 प्रतिशत जीएसटी आरोपित कर रखा है, जिससे कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इस बार मौसम अनुकूल होने से लिक्विड् दूध का उत्पादन बढऩे का सरकारी एवं गैर सरकारी अनुमान आ रहा है। लेकिन स्टॉक में देशी घी नहीं होने से इसकी कीमतों में अच्छी तेजी दर्ज की जा रही है।

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