Tax Savings : लैपटॉप से टैक्स में बचत? जानिए वो आसान तरीका जो हर प्रोफेशनल को जानना चाहिए

इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय टैक्स बचत के लिए Mobile Phone और Laptop जैसे डिवाइसेज का उपयोग एक स्मार्ट तरीका हो सकता है। नई टैक्स व्यवस्था में नियोक्ता कर्मचारियों को प्रोफेशनल काम  के लिए डिवाइस लीजिंग की लागत की प्रतिपूर्ति कर सकते हैं।
Tax Savings : लैपटॉप से टैक्स में बचत? जानिए वो आसान तरीका जो हर प्रोफेशनल को जानना चाहिए

हर साल जब Income Tax Return (ITR) दाखिल करने का समय आता है, तो हर कोई यही सोचता है कि टैक्स बचाने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका क्या हो सकता है। अच्छी खबर यह है कि अगर आप अपने काम या बिजनेस के लिए मोबाइल फोन (Mobile Phone) और लैपटॉप (Laptop) जैसी चीजें खरीदते हैं, तो इन पर आपको टैक्स में छूट (Tax Deduction) मिल सकती है।

चाहे आप नौकरीपेशा हों या अपना बिजनेस चलाते हों, ये डिवाइसेज न केवल आपके काम को आसान बनाते हैं, बल्कि आपकी टैक्स बचत (Tax Savings) में भी मदद कर सकते हैं। आइए, Delhi के निवासियों और पूरे India में टैक्सपेयर्स के लिए इस आसान और स्मार्ट तरीके को समझते हैं।

टैक्स बचत का आसान तरीका

नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) में भी नियोक्ता (Employer) अपने कर्मचारियों को Mobile Phone और Laptop की लीजिंग लागत की प्रतिपूर्ति (Reimbursement) करने की अनुमति देता है, बशर्ते इनका उपयोग आधिकारिक कार्यों (Official Purposes) के लिए हो।

कई कंपनियां कर्मचारियों को 12 महीने के उपयोग के बाद इन डिवाइसेज को खरीदने का विकल्प भी देती हैं। यह प्रक्रिया एक ट्राइपार्टाइट समझौते (Tripartite Agreement) के तहत काम करती है, जिसमें नियोक्ता, कर्मचारी और लीजिंग कंपनी (Leasing Company) शामिल होती हैं।

उदाहरण के लिए, Tortoise नामक Asset Leasing Company के संस्थापक Vardhan Koshal के अनुसार, नियोक्ता डिवाइस खरीदता है, उसे कर्मचारी को किराए पर देता है, और फिर कर्मचारी इसका उपयोग कार्य संबंधी जरूरतों के लिए करता है। एक या दो साल बाद कर्मचारी इसे रियायती कीमत पर खरीद भी सकता है।

टैक्स बचत का गणित

मान लीजिए, आपने अपने बिजनेस या काम के लिए 30,000 रुपये का Mobile Phone और 50,000 रुपये का Laptop खरीदा। अगर ये डिवाइसेज आपके प्रोफेशनल काम के लिए इस्तेमाल होते हैं, तो आप अपनी टैक्सेबल आय (Taxable Income) से कुल 80,000 रुपये घटा सकते हैं। इससे आपकी टैक्स देनदारी (Tax Liability) कम हो जाती है।

उदाहरण के लिए, अगर आपकी मासिक आय 1 लाख रुपये है और आप 10,000 रुपये मासिक किराए पर एक डिवाइस लेते हैं, तो आपकी टैक्स गणना 90,000 रुपये पर होगी। 30% टैक्स ब्रैकेट (Tax Bracket) में आने वाले व्यक्ति के लिए यह 3,000 रुपये प्रति माह या 36,000 रुपये सालाना की बचत हो सकती है। लेकिन ध्यान रहे, डिवाइस का बिल आपके या आपके बिजनेस के नाम पर होना चाहिए, और इनका उपयोग ज्यादातर प्रोफेशनल कार्यों (Professional Work) के लिए होना चाहिए।

लीजिंग से कैसे मिलता है फायदा?

कुछ मामलों में, लीजिंग प्रक्रिया और भी फायदेमंद हो सकती है। मान लें, एक Laptop की कीमत 1.1 लाख रुपये है, और कर्मचारी 12 महीनों तक हर महीने 10,000 रुपये का भुगतान करता है, यानी कुल 1.2 लाख रुपये। इस दौरान टैक्स लाभ के जरिए वह 36,000 रुपये की बचत करता है।

अगर लीज के अंत में वह डिवाइस को 6,000 रुपये में खरीद लेता है, तो उसकी कुल लागत 90,000 रुपये हो जाती है। यह एकमुश्त खरीद की तुलना में 20,000 रुपये की बचत है। Delhi में ABC Limited जैसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए ऐसे Device Leasing Program शुरू किए हैं, जो टैक्स बचत के साथ-साथ किफायती डिवाइस खरीदने का मौका देते हैं।

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