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सबसे आसान तरीका जिससे आप अपनी बचत को दोगुना कर सकते हैं, आज ही खोलें ये खाता

Savings Account Interest Rates : डिजिटल भारत में ऑनलाइन पेमेंट के चलते शायद ही कोई बचा है जिसका बैंक में खाता न हो और बैंक में बचत खाता (saving account benefits) होना अब काई बड़ी बात भी नहीं है। 
सबसे आसान तरीका जिससे आप अपनी बचत को दोगुना कर सकते हैं, आज ही खोलें ये खाता
सबसे आसान तरीका जिससे आप अपनी बचत को दोगुना कर सकते हैं, आज ही खोलें ये खाता

हर व्यक्ति को अपने पैसों की सुरक्षा कि चिंता लगी रहती है जिसके लिए वह बैंक के सेविंग अकाउंट में अपने पैसाें को जमा करवा देते हैं।

ऐसा करना आपको चिंता मुक्त कर देता है और आपको बैंक से ब्याज (savings account interest calculator) भी दिलवाता है। जो व्यक्ति जितने ज्यादा पैसे जमा करवाता है, उस व्यक्ति को उसकी जमा राशि के हिसाब से उतना ही ब्याज वापस मिलता है। ज्यादा से ज्यादा पैसे जमा करवाना आपको धनवान बना सकता है। बैंक में जमा राशि अनुसार ब्याज की कैलकुलेशन भी की जाती है।

इस कारण अधिक या कम हो सकता है लाभ

बैंक के बचत खातों में सामान्य रुप से 3 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है, जो अधिकांश बैंकों की सामान्य दर के बराबर होती है। कुछ प्राइवेट और स्मॉल फाइनेंस बैंक (small finance bank) अपनी सेविंग्स पर 7 प्रतिशत तक ब्याज देते हैं। हालांकि, इस ब्याज दर का निर्धारण जमा राशि की सीमा पर निर्भर करता है, जिससे लाभ अधिक या कम हो सकता है।

आमतौर पर सेविंग अकाउंट में सामान्य ब्याज ही मिलता है। बचत खाते पर  एफडी (FD Interest Rate) या अन्य सेविंग स्कीम (saving schemes in bank) की तरह कोई पाबंदी या परिपक्वता अवधि नहीं होती है। कोई भी जब चाहे खाते में पैसा डाल सकता है और निकाल सकता है।

कैसे होती है कैलकुलेशन

एफडी और अन्य बचत योजनाओं में एक बार में या नियमित रूप से पैसा जमा किया जाता है, इसलिए इन योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज का अनुमान ग्राहकों को पहले से होता है। लेकिन बचत खाते में लगातार लेन-देन होता है, जिससे जमा राशि बदलती रहती है। ऐसे में ब्याज की गणना (savings account interest calculator) कैसे होती है, यह थोड़ी जटिल हो सकती है।

पासबुक से मिलती है यह जानकारी

कई ग्राहकों को यह जानकारी नहीं होती कि उनके बचत खाते पर ब्याज की गणना किस आधार पर  होती है। आरबीआई के दिशा-निर्देशों के तहत, अधिकांश बैंक डेली  ब्याज (saving account) की कैलकुलेशन करते हैं, जबकि कुछ बैंक तिमाही या छमाही आधार पर इसे अपडेट करते हैं। जुड़ा हुआ ब्याज अकाउंट की पासबुक में दिखने लगता है, जिससे इसकी जानकारी मिलती है।

कैसे करें अकाउंट कैलकुलेटर का इस्तेमाल

कई बैंकों की वेबसाइट पर सेविंग अकाउंट कैलकुलेटर (how banks calculate interest on savings accounts) का विकल्प मौजूद रहता है, जिसमें आप अपने अकाउंट व पर्सनल जानकारी भरकर सालाना ब्याज का अनुमान लगा सकते हैं। यहां पर सब-कुछ स्पष्ट होना जरूरी नहीं, क्योंकि ये कैलकुलेटर केवल स्थिर जमा राशि पर ब्याज दिखाते हैं। यदि खाते में पैसे लगातार बदलते रहते हैं, तो ऐसे में ब्याज की गणना में बदलाव आएगा, जो डेली या मासिक आधार पर किया जाएगा।

प्रतिदिन 22 रुपये का ब्याज कैसे लें ?

अगर आपके बैंक सेविंग अकाउंट  (savings account news) में 4 लाख रुपये हैं और बैंक 4 प्रतिशत सालाना ब्याज देता है तो इस हिसाब से हर साल आपको 16000 रुपये का ब्याज मिलेगा। अगर इस ब्याज को 365 दिनों में बांटा जाए, तो प्रतिदिन आपको लगभग 22 रुपये का ब्याज प्राप्त होगा। यह दैनिक ब्याज राशि आपकी जमा राशि पर निर्भर करती है।

क्या है मंथली इंटरेस्ट 666 रुपये का राज?

यदि आप 2 लाख में से 1 लाख निकालते हैं, तो बचे हुए 1 लाख पर डेली ब्याज की गणना की जाएगी। इसके बाद, जो ब्याज जमा होगा, वह मासिक या तिमाही आधार पर आपके बचत खाते में जमा हो जाएगा। मंथली इंटरेस्ट 666 रुपये बनने का भी यही तरीका है। इससे ब्याज (monthly interest on saving account) की कुल राशि पर प्रभाव पड़ेगा, जो खाते में हर अवधि में क्रेडिट होता है।

बचत खाते पर अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरें

आपको बता दें कि आपके ब्याज की दरें आपके  सरकारी और प्राइवेट बैंक होने पर निर्भर होती हैं।देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई (SBI savings account interest rate) ग्राहक को करीब 2.7 फीसदी का ब्याज दर ऑफर करता है। वहीं निजी क्षेत्र का बैंक एचडीएफसी बचत खाते पर 3.5 फीसदी का ऑफर करता है। इसमें ब्याज की कैलकुलेशन अधिक पड़ती है। हालांकि इसके भी कई नियम व शर्तें हो सकती हैं।

ऐसे हो सकते हैं बचत खाते से मालामाल

बचत खातों में जमा राशि के अनुसार व लेन देन को देखकर ब्याज दिया जाता है। अगर आप बचत खाते में ज्यादा रकम सेव करके रखेंगे व ट्रांजेक्शन (saving account par jyada byaj kaise milega) भी कम रखेंगे तो आपको ज्यादा ब्याज राशि मिल सकती है। इससे आप डेली लेन-देन करने वालों व कम रकम जमा कराने वालों से अधिक रकम पा सकते हैं।

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