1 जून 2025 से बदल गए ये 6 बड़े नियम: UPI, LPG, आधार और म्युचुअल फंड पर पड़ेगा इसका सीधा असर

जून 2025 में आधार कार्ड, यूपीआई पेमेंट, म्यूचुअल फंड, ईपीएफओ 3.0, जीएसटी और एलपीजी-सीएनजी कीमतों में बड़े बदलाव लागू हुए हैं। यूआईडीएआई ने 14 जून तक आधार कार्ड मुफ्त अपडेट की सुविधा दी है, जबकि एनपीसीआई ने यूपीआई ट्रांजैक्शन को तेज और पारदर्शी बनाया है। 
1 जून 2025 से बदल गए ये 6 बड़े नियम: UPI, LPG, आधार और म्युचुअल फंड पर पड़ेगा इसका सीधा असर

जून 2025 में भारत में कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव लागू हो चुके हैं, जो आपके दैनिक जीवन को सीधे प्रभावित कर सकते हैं। आधार कार्ड अपडेट से लेकर यूपीआई ट्रांजैक्शन, म्यूचुअल फंड, ईपीएफओ 3.0, जीएसटी और एलपीजी-सीएनजी की कीमतों तक, कई क्षेत्रों में नए नियमों ने लोगों का ध्यान खींचा है।

ये बदलाव न केवल डिजिटल और वित्तीय लेनदेन को आसान बनाएंगे, बल्कि आपकी जेब पर भी असर डाल सकते हैं। आइए, इन नए नियमों को सरल और स्पष्ट भाषा में समझते हैं।

आधार कार्ड 

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार कार्ड धारकों के लिए एक खास सुविधा शुरू की है। 14 जून 2025 तक आप अपने आधार कार्ड की जानकारी, जैसे नाम, पता या अन्य विवरण, बिल्कुल मुफ्त में अपडेट कर सकते हैं। अगर आप इस तारीख के बाद अपडेट करते हैं, तो ऑनलाइन अपडेट के लिए 25 रुपये और ऑफलाइन के लिए 50 रुपये का शुल्क देना होगा।

यह सुविधा उन लोगों के लिए वरदान है, जो अपने आधार विवरण को सही करना चाहते हैं। समय रहते इस मौके का फायदा उठाएं, ताकि बाद में अतिरिक्त खर्च से बचा जा सके।

ईपीएफओ 3.0

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने 9 करोड़ से अधिक योगदानकर्ताओं के लिए नया वर्जन 3.0 लॉन्च किया है। 1 जून 2025 से लागू इस नियम के तहत अब आप एटीएम जैसे कार्ड के जरिए अपने भविष्य निधि खाते से आसानी से पैसे निकाल सकते हैं।

यह सुविधा न केवल निकासी को तेज करेगी, बल्कि केवाईसी अपडेट और क्लेम प्रोसेसिंग को भी सरल बनाएगी। यह कदम उन लोगों के लिए राहत भरा है, जो लंबी प्रक्रियाओं से परेशान थे। अब आप अपने पैसे तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

यूपीआई पेमेंट 

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने यूपीआई ट्रांजैक्शन को और बेहतर बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। 1 जून 2025 से यूपीआई ऐप्स में आपको अंतिम लाभार्थी का बैंक नाम दिखाई देगा, जिससे लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ेगी। इसके अलावा, 16 जून से यूपीआई की गति और तेज होगी, हालांकि शुरुआत में कुछ तकनीकी समस्याएं आ सकती हैं।

एनपीसीआई ने ट्रांजैक्शन रिस्पॉन्स टाइम को 30 सेकंड से घटाकर 15 सेकंड कर दिया है, जिससे डिजिटल पेमेंट का अनुभव और सहज होगा। यह बदलाव डिजिटल भारत को और मजबूत बनाएगा।

म्यूचुअल फंड 

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए नियमों में बदलाव किया है। अब ओवरनाइट म्यूचुअल फंड की कट-ऑफ टाइमिंग बदल गई है—ऑफलाइन ट्रांजैक्शन के लिए दोपहर 3 बजे और ऑनलाइन के लिए शाम 7 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है।

इसके बाद के ऑर्डर अगले कार्यदिवस पर प्रोसेस होंगे। यह बदलाव फंड प्रबंधन को और बेहतर बनाएगा, जिससे निवेशकों को अधिक विश्वसनीय और सुचारू अनुभव मिलेगा।

जीएसटी और एलपीजी-सीएनजी की कीमतें

1 जून 2025 से जीएसटी नियमों में भी बदलाव हुआ है। अब इनवॉइस नंबर केस-इंसेंसिटिव होगा, यानी अपरकेस और लोअरकेस में कोई अंतर नहीं रहेगा। यह व्यवसायियों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाएगा। इसके साथ ही, एलपीजी और सीएनजी की कीमतों की समीक्षा भी शुरू हो चुकी है।

जून 2025 में इनकी कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है, जो आपके घरेलू बजट को प्रभावित कर सकती है। इन बदलावों पर नजर रखना जरूरी है, ताकि आप अपने खर्चों को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकें।

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