Toll Tax : अब टोल टैक्स से मिलेगी राहत? जानिए 10 सेकंड वाले नए नियम की पूरी डिटेल

हाल ही में एक वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी, जिसमें दावा किया गया था कि अगर टोल प्लाजा पर गाड़ी को क्रॉस करने में 10 सेकंड से ज्यादा समय लगता है, तो टोल टैक्स नहीं देना पड़ता। इस वीडियो में कुछ चालक टोल कर्मचारियों के साथ इस नियम को लेकर बहस करते नजर आए।
इसके अलावा, यह भी कहा गया कि अगर टोल प्लाजा पर 100 मीटर से ज्यादा लंबी कतार हो, तो पीछे की गाड़ियों को टोल टैक्स से छूट मिलती है। लेकिन अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India - NHAI) ने इन नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है।
अब चाहे कतार कितनी भी लंबी हो या समय कितना भी लगे, हर वाहन को टोल टैक्स देना होगा। आइए, इस नए नियम और इसके प्रभावों को विस्तार से समझते हैं।
फ्री-फ्लो पॉलिसी का अंत: अब कोई छूट नहीं
19 अगस्त 2025 को NHAI ने एक महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी किया, जिसमें फ्री-फ्लो पॉलिसी को पूरी तरह खत्म कर दिया गया। पहले यह नियम था कि अगर टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लाइन 100 मीटर से ज्यादा हो जाती थी, तो पीछे की गाड़ियों को टोल टैक्स से छूट मिलती थी।
यह नियम 2021 में लागू किया गया था, लेकिन इसे लेकर लोगों में काफी भ्रम था। कई बार टोल प्लाजा पर चालकों और कर्मचारियों के बीच बहस और झगड़े की स्थिति बन जाती थी। NHAI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 10 सेकंड वाला नियम सिर्फ उन टोल प्लाजाओं पर लागू था, जो 2021 में बनाए गए थे।
लेकिन इस भ्रम को दूर करने के लिए अब सभी टोल प्लाजा पर एक समान नियम लागू होगा। इसका मतलब है कि अब हर वाहन चालक को टोल टैक्स देना अनिवार्य होगा, चाहे कतार की लंबाई कुछ भी हो।
टोल टैक्स में छूट: कौन हैं विशेष लोग?
हालांकि NHAI ने सामान्य वाहन चालकों के लिए टोल टैक्स को अनिवार्य कर दिया है, लेकिन कुछ विशेष व्यक्तियों और वाहनों को अभी भी छूट मिलती है। भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के राज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य जज, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, और केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर जैसे लोग इस सूची में शामिल हैं।
इसके अलावा, कुछ विशेष सरकारी वाहनों, जैसे आपातकालीन सेवाओं से जुड़े वाहनों को भी टोल टैक्स में छूट दी जाती है। NHAI ने इस सूची को स्पष्ट करते हुए सभी भ्रम को दूर करने की कोशिश की है ताकि आम लोग नियमों को बेहतर तरीके से समझ सकें।
क्यों जरूरी था बदलाव?
NHAI के इस फैसले का मुख्य उद्देश्य टोल प्लाजा पर होने वाली बहस और भ्रम की स्थिति को खत्म करना है। पहले के नियमों की वजह से कई बार टोल कर्मचारियों और चालकों के बीच तनाव बढ़ जाता था। 10 सेकंड और 100 मीटर कतार वाले नियम को लेकर चालक अक्सर कर्मचारियों से उलझ पड़ते थे।
इस नए नियम से न केवल टोल संग्रह प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया गया है, बल्कि टोल प्लाजा पर व्यवस्था को भी सुचारू करने की कोशिश की गई है। इसके साथ ही, NHAI का कहना है कि यह बदलाव टोल टैक्स संग्रह में एकरूपता लाएगा और राजमार्गों के रखरखाव के लिए जरूरी फंड को सुनिश्चित करेगा।
आम लोगों पर क्या होगा असर?
नए नियम के लागू होने से आम वाहन चालकों को अब हर स्थिति में टोल टैक्स देना होगा। यह बदलाव उन लोगों के लिए थोड़ा निराशाजनक हो सकता है, जो पहले लंबी कतारों में छूट का फायदा उठाते थे। हालांकि, NHAI का कहना है कि यह नियम टोल संग्रह को और व्यवस्थित बनाएगा, जिससे भविष्य में टोल प्लाजा पर कम भीड़ और तेज सेवा की उम्मीद की जा सकती है। इसके लिए NHAI डिजिटल पेमेंट सिस्टम और फास्टैग को और बढ़ावा दे रहा है, ताकि टोल प्लाजा पर समय की बचत हो और यात्रा सुगम हो।