Travel Ban : अमेरिका ने इन 12 मुस्लिम देशों पर पूरी तरह लगाई रोक, 9 जून से लागू होगा नया ट्रैवल बैन

Travel Ban : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया भर में चर्चा का केंद्र बनते हुए नया ट्रैवल बैन लागू कर दिया है। इस सख्त फैसले ने अफ़ग़ानिस्तान, ईरान, म्यांमार समेत 12 देशों के नागरिकों के लिए अमेरिका की राह मुश्किल कर दी है।
इस आदेश के तहत इन देशों के लोगों पर अमेरिका में प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है, जबकि सात अन्य देशों पर आंशिक पाबंदियां लागू की गई हैं। यह फैसला सोमवार, 9 जून 2025 से प्रभावी होगा। आइए, जानते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप का यह नया ट्रैवल बैन क्या है, किन देशों पर लागू हुआ, और इसका वैश्विक असर क्या हो सकता है।
ट्रैवल बैन का मकसद
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस ट्रैवल बैन को लागू करने की वजह बताते हुए कहा, “अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और हमारे नागरिकों की हिफाजत मेरी प्राथमिकता है।” उनके अनुसार, यह प्रतिबंध कट्टरपंथी आतंकवाद को रोकने और अवैध प्रवास को नियंत्रित करने के लिए जरूरी है।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एबिगेल जैक्सन ने स्पष्ट किया कि जिन देशों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, वे अमेरिका की कड़ी सुरक्षा जांच प्रक्रिया में असफल रहे हैं। कुछ देशों में आतंकवाद को सरकारी समर्थन और वीजा नियमों के उल्लंघन की उच्च दर इस फैसले की मुख्य वजहें हैं।
इन 12 देशों पर पूरी तरह प्रतिबंध
ट्रंप प्रशासन ने 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी है। ये देश हैं: अफ़ग़ानिस्तान, म्यांमार (बर्मा), चाड, कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, और यमन। इन देशों के नागरिक अब न तो पर्यटक वीजा (B-2 Visa) पर अमेरिका घूमने जा सकेंगे, न ही बिजनेस (B-1 Visa) या स्टूडेंट वीजा (F Visa) पर वहां दाखिला ले सकेंगे। इस प्रतिबंध का असर इन देशों के लोगों के लिए अमेरिका में काम, पढ़ाई, और पर्यटन जैसे सभी अवसरों पर पड़ेगा।
सात देशों पर आंशिक रोक, अतिरिक्त नियम लागू
ट्रंप ने सात अन्य देशों पर आंशिक पाबंदियां भी लगाई हैं, जिनमें विशेष जांच और वीजा नियमों का पालन अनिवार्य होगा। ये देश हैं: बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, और वेनेजुएला। इन देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश के लिए अतिरिक्त दस्तावेज और कठिन स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा। यह कदम उन देशों पर नजर रखने के लिए उठाया गया है, जहां वीजा नियमों का उल्लंघन या सुरक्षा चिंताएं अधिक हैं।
प्रतिबंध की वजहें: आतंकवाद और वीजा उल्लंघन
व्हाइट हाउस के मुताबिक, जिन देशों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हुआ है, वहां या तो आतंकवाद को सरकारी समर्थन मिलता है या वीजा नियमों का उल्लंघन बहुत ज्यादा है। उदाहरण के लिए, अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अस्थिरता बढ़ गई है। ईरान और क्यूबा पर राज्य प्रायोजित आतंकवाद का आरोप है।
चाड में B1/B2 वीजा की ओवरस्टे दर 49.54% है, जबकि इरिट्रिया में स्टूडेंट और एक्सचेंज वीजा धारकों की ओवरस्टे दर 55.43% तक पहुंच चुकी है। इन आंकड़ों ने ट्रंप प्रशासन को यह सख्त कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
कौन-कौन से वीजा प्रभावित होंगे?
यह ट्रैवल बैन केवल स्थायी निवास (इमीग्रेंट वीजा) तक सीमित नहीं है। यह कई नॉन-इमीग्रेंट वीजा पर भी लागू होगा, जैसे:
- B-1 Visa (बिजनेस वीजा)
- B-2 Visa (टूरिस्ट वीजा)
- F Visa (स्टूडेंट वीजा)
- M Visa (वोकेशनल वीजा)
- J Visa (एक्सचेंज प्रोग्राम वीजा)
इसका मतलब है कि इन देशों के लोग अब आसानी से अमेरिका में पढ़ाई, काम, या पर्यटन के लिए नहीं जा सकेंगे। यह फैसला उन लोगों के लिए बड़ा झटका है, जो अमेरिका में बेहतर अवसरों की तलाश में थे।
वैश्विक असर और भारत पर प्रभाव
ट्रंप का यह ट्रैवल बैन भारत पर सीधे प्रभाव नहीं डालता, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसके गहरे असर हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है और कई देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों को प्रभावित करेगा। भारत में रहने वाले उन लोगों के लिए, जिनके रिश्तेदार या दोस्त इन प्रभावित देशों में हैं, यह खबर चिंता का विषय हो सकती है। साथ ही, यह फैसला वैश्विक प्रवास और वीजा नीतियों पर नए सवाल खड़े करता है।