Income Tax की धारा 80C के तहत आप बचा सकते हैं इतने हजार रुपये टैक्स, जानें पूरी डिटेल

टैक्सपेयर्स के लिए एक अच्छी खबर है जो उनकी जेब पर बोझ कम कर सकती है। हर साल की तरह इस बार भी टैक्स बचाने के दो रास्ते हैं - पुरानी आयकर व्यवस्था और नई आयकर व्यवस्था। अगर आपने अभी तक टैक्स सेविंग की प्लानिंग नहीं की है, तो चिंता न करें, आपके पास 31 मार्च 2025 तक का समय है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप सेक्शन 80C के जरिए लाखों रुपये का टैक्स बचा सकते हैं। यह जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है, तो आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
पुरानी आयकर व्यवस्था आज भी कई लोगों की पसंद बनी हुई है। भले ही बजट 2025 में नई आयकर व्यवस्था में कुछ राहत दी गई हो, लेकिन टैक्सपेयर्स का भरोसा पुरानी व्यवस्था पर ज्यादा है। इसका सबसे बड़ा फायदा है सेक्शन 80C, जिसके तहत आप 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन ले सकते हैं। यह लाभ व्यक्तिगत करदाता और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) आसानी से उठा सकते हैं। टैक्स बचाने का यह तरीका न सिर्फ आसान है, बल्कि भरोसेमंद भी है।
अब बात करते हैं कि नई आयकर व्यवस्था में क्या है। इसमें टैक्स डिडक्शन के विकल्प बेहद सीमित हैं, जिसके चलते लोग सेक्शन 80C को ज्यादा तरजीह देते हैं। इस सेक्शन के तहत आप कई निवेश विकल्पों का फायदा ले सकते हैं। जैसे कि जीवन बीमा प्रीमियम, ELSS फंड, PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम। ये सभी स्कीम्स न सिर्फ टैक्स बचाती हैं, बल्कि आपके भविष्य को भी सुरक्षित करती हैं।
सेक्शन 80C को समझने के लिए सेक्शन 80CCC और 80CCD को भी जानना जरूरी है। सेक्शन 80CCC में आप LIC या किसी अन्य बीमा कंपनी के पेंशन प्लान में निवेश कर टैक्स छूट पा सकते हैं, बशर्ते वह प्लान पेंशन देने वाला हो। वहीं, सेक्शन 80CCD (1) के तहत अगर आप अपनी सैलरी का 10% हिस्सा केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम में डालते हैं, तो 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन ले सकते हैं।
इसके अलावा, सेक्शन 80CCD (1B) में NPS अकाउंट में निवेश करने पर 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त छूट मिलती है। खास बात यह है कि NPS से मिलने वाली मैच्योरिटी राशि का 60% हिस्सा टैक्स फ्री होता है, हालांकि मंथली एन्यूइटी पर टैक्स लगता है।
तो अगर आप टैक्स बचाना चाहते हैं, तो इन सभी विकल्पों का सही इस्तेमाल करें। समय रहते निवेश करें और अपनी मेहनत की कमाई को समझदारी से बचाएं।