अगर मकान मालिक PAN न दे तो क्या करें? टैक्स बचाने का कानूनी तरीका जानें यहां

HRA टैक्स छूट नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बेहतरीन तरीका है टैक्स बचत करने का। अगर आप किराए के मकान में रहते हैं और आपका सालाना किराया 1 लाख रुपये (मासिक 8,333 रुपये) से ज्यादा है, तो मकान मालिक का PAN नंबर देना अनिवार्य है। 
अगर मकान मालिक PAN न दे तो क्या करें? टैक्स बचाने का कानूनी तरीका जानें यहां

क्या आप एक नौकरीपेशा व्यक्ति हैं और किराए के मकान में रहते हैं? अगर हां, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है! आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय House Rent Allowance (HRA) पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। लेकिन इस छूट को पाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है।

सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल है, "क्या मकान मालिक का PAN Card देना अनिवार्य है?" इसका जवाब आसान है: अगर आपका सालाना किराया 1 लाख रुपये से ज्यादा है, तो हां, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। आइए, इस विषय को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि HRA Tax Exemption का लाभ कैसे लिया जा सकता है।

HRA क्या है और यह कैसे काम करता है?

House Rent Allowance (HRA) नौकरीपेशा लोगों को उनकी सैलरी के हिस्से के रूप में मिलता है। यह सुविधा उन कर्मचारियों के लिए बनाई गई है जो किराए के मकान में रहते हैं। Income Tax Department के नियमों के तहत, HRA पर टैक्स छूट मिलती है, जिससे आपका टैक्स बोझ कम हो जाता है।

लेकिन इस छूट का लाभ उठाने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं, जिसमें मकान मालिक का PAN Number भी शामिल हो सकता है। यह सुविधा खास तौर पर Old Tax Regime में लागू होती है, क्योंकि New Tax Regime में HRA छूट का कोई प्रावधान नहीं है।

कब जरूरी है मकान मालिक का PAN नंबर?

अगर आपका सालाना किराया 1 लाख रुपये से ज्यादा है, यानी मासिक किराया 8,333 रुपये से अधिक है, तो आपको अपने Employer को मकान मालिक का PAN Number देना होगा। उदाहरण के लिए, अगर आप दिल्ली में रहते हैं और आपका मासिक किराया 15,000 रुपये है, तो सालाना किराया 1,80,000 रुपये हो जाता है।

ऐसे में मकान मालिक का PAN Card देना अनिवार्य है। लेकिन अगर आपका मासिक किराया 8,333 रुपये या उससे कम है, तो PAN की जरूरत नहीं पड़ती। वहीं, अगर किराया 50,000 रुपये प्रति महीने से ज्यादा है, तो भी PAN नंबर देना अनिवार्य है, और इसे Income Tax Compliance के तहत सख्ती से लागू किया जाता है।

अगर मकान मालिक PAN नंबर देने से मना करे?

कई बार मकान मालिक PAN Number देने से हिचकते हैं। ऐसी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है। आप मकान मालिक से एक Declaration Letter ले सकते हैं, जिसमें लिखा हो कि उनके पास PAN नहीं है। इस पत्र में मकान मालिक का नाम, पता, और किराए की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा, आपको किराए के भुगतान का सबूत, जैसे Rent Receipt, Bank Statement, या Rent Agreement, सुरक्षित रखना चाहिए। ये दस्तावेज Income Tax Department के सामने आपका दावा मजबूत करेंगे।

HRA छूट के लिए जरूरी दस्तावेज

HRA टैक्स छूट का दावा करने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे। ये दस्तावेज न केवल आपके दावे को वैध बनाते हैं, बल्कि Income Tax Return (ITR) प्रक्रिया को भी आसान करते हैं। ये हैं वो दस्तावेज:

  • मकान मालिक का नाम और पूरा पता
  • मकान मालिक का PAN Number (अगर सालाना किराया 1 लाख रुपये से ज्यादा है)
  • Rent Receipt (किराए की रसीद)
  • Rent Agreement (अगर उपलब्ध हो)
  • Bank Statement (अगर किराया बैंक के माध्यम से दिया गया हो)

पुराना टैक्स रिजीम बनाम नया टैक्स रिजीम

Old Tax Regime में HRA टैक्स छूट का लाभ मिलता है, जो किराए पर रहने वाले कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फायदा है। लेकिन अगर आपने New Tax Regime चुना है, तो आपको इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए, ITR दाखिल करने से पहले यह तय करें कि आपके लिए कौन सा रिजीम ज्यादा फायदेमंद है। अगर आपका किराया ज्यादा है और आप Old Tax Regime में रहते हैं, तो HRA छूट आपके टैक्स को काफी कम कर सकती है।

अपने टैक्स को समझदारी से बचाएं

HRA Tax Exemption नौकरीपेशा लोगों के लिए एक शानदार तरीका है अपने टैक्स को कम करने का। लेकिन इसके लिए नियमों का पालन करना और सही दस्तावेज जमा करना जरूरी है। अगर आप सही तरीके से PAN Number, Rent Receipt, और अन्य दस्तावेज जमा करते हैं, तो आप बिना किसी परेशानी के इस छूट का लाभ उठा सकते हैं। साथ ही, अपने Employer और Chartered Accountant से सलाह लेना न भूलें, ताकि आपकी ITR Filing प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो।

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