Gastric Cancer : गैस और एसिडिटी को हल्के में लेना पड़ सकता है भारी, जानिए लक्षण और बचाव

Gastric Cancer : आजकल गैस, बदहज़मी, एसिडिटी जैसी छोटी‑छोटी पेट की तकलीफ़ें बहुत आम हो गई हैं। लेकिन सोचिए—क्या ये मामूली दिक्कतें ही अंदर कहीं घातक बीमारी का संकेत तो नहीं? गै
स्ट्रिक कैंसर यानी पेट का कैंसर अक्सर चुपचाप बढ़ता है, इतना कि जब ज़हरीली रकाब़त पकड़ लेती है तो सामय बहुत निकल चुका होता है। मगर, थोड़ा-सा ध्यान, थोड़ा-सा जानकारी — और ये लड़ाई शुरू होते ही जीत की राह दिख सकती है।
शुरुआती लक्षण जिन पर तुरंत ध्यान दें
गैस्ट्रिक कैंसर के शुरुआती कई लक्षण बहुत मामूली लग सकते हैं, लेकिन अगर वे रोज‑रोज़ आपको सताने लगें, तो समझ जाइए—यह कोई आम पीड़ा नहीं:
लगातार पेट दर्द
दवाई लेने पर भी कम न होने वाला दर्द, जो आपकी दिनचर्या में व्यवधान डालने लगे।
खाने के तुरंत बाद पेट भरा लगना या भूख का गायब होना
थोड़ा-सा निगलते ही पेट भर जाए, या खाने का मन न किया करे।
वज़न बिना वजह घटता जाना
कुछ करने की ज़रूरत पड़े बिना वजन का लगातार गिरना।
जी मिचलाना और उल्टियाँ
बार-बार जी मिचलाएं और उल्टियों की आदत हो जाए, बिना खास वजह।
सीने में जलन (Heartburn)
एसिड रिफ्लक्स जैसी स्थिति लगातार बने रहना।
निगलने में तकलीफ़
खाना गले से ठीक से न उतरना।
लगातार थकावट
कुछ भी न करने पर भी हमेशा सुस्ती बनी रहना।
काला शौच या खूनी शौच
शौच का रंग काला आना या उसमें खून दिखाई देना।
इसके पीछे की कुछ प्रमुख वजहें
H. pylori संक्रमण
यह बैक्टीरिया पेट की अंदरूनी परत में लंबे समय तक सूजन लाकर कैंसर की राह खोल सकता है।
खान‑पान की आदतें
बहुत नमक, स्मोक्ड या प्रोसेस्ड मीट, और सब्ज़‑फलों की कमी भी जोखिम बढ़ाती हैं।
धूम्रपान और शराब
पेट कैंसर का खतरा इन दोनों से काफी बढ़ जाता है।
मोटापा
ज़्यादा वज़न भी पेट में कैंसर की संभावना बढ़ा देता है।
आनुवंशिकी (Genetics)
अगर परिवार में किसी को पेट कैंसर रहा है, तो संभलकर रहें—जोखिम बढ़ जाता है।
पुरानी सूजन
लंबे समय तक लगातार पेट की सूजन (जैसे गैस्ट्राइटिस) भी इसके पीछे एक कारक है।
पहचानना है, तो समय रहते कदम उठाएं
अगर उपरोक्त लक्षण लगातार दो‑तीन हफ्तों से ज्यादा समय तक बने रहें, तो बिना विलम्ब डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें। वे कुछ जांचें करवाएंगे—एंडोस्कोपी, बायोप्सी, CT/PET स्कैन आदि—जो सही निदान में मदद करती हैं।
बचाव—क्योंकि जान है तो जहान है
संतुलित आहार
ताज़े फल-सब्ज़ियों का भरपूर सेवन करें। प्रोसेस्ड एवं स्मोक्ड फूड से दूरी बनाएं।
H. pylori का इलाज
अगर ये बैक्टीरिया_detected हो, तो डॉक्टर की सलाह से समय पर इलाज करवाएं।
धूम्रपान और शराब त्यागें
इन दोनों के बिना आपका पेट और आप, दोनों सुरक्षित रहेंगे।
वजन कंट्रोल रखें
नियमित एक्सरसाइज़ और हेल्दी डाइट से वज़न को संतुलन में रखें।
नियमित जांच
यदि परिवार में पेट कैंसर का इतिहास है या पहले से कोई पेट की बीमारी रही है, तो डॉक्टर से नियमित जाँच करें।