Health Tips : सुबह हाथ-पैरों की झनझनाहट को हल्के में न लें, ये हो सकते हैं नर्व सिस्टम से जुड़े संकेत

Health Tips : आधुनिक ज़िंदगी में हेल्दी रहने की कोशिश में एक अनजान दिक्कत अक्सर नजरअंदाज़ हो जाती है: बार-बार हाथ या पैरों में झनझनाहट महसूस होना।
अगर आप लंबे समय तक बैठे या खड़े नहीं रहते फिर भी यह समस्या हो रही है, तो सावधान हो जाइए। इसकी कई वजह हो सकती हैं, जिन्हें समझना बहुत जरूरी है।
विटामिन की कमी: ऊर्जा और तंत्रिका स्वास्थ्य का साथ
हाथों और पैरों में झनझनाहट का एक बड़ा कारण विटामिन बी ग्रुप (बी1, बी6, बी12), विटामिन ई या फोलेट की कमी हो सकती है। विशेषकर विटामिन बी12 तंत्रिकाओं को ऊर्जा देता है—अगर इसकी मात्रा कम हो तो नसों में सुन्नता या झनझनाहट शुरू हो जाती है।
डायबिटीज: खून में ग्लूकोज़ की बढ़त और नसों का असर
डायबिटीज के दौरान ब्लड शुगर बढ़ने से नसों को लगातार नुकसान पहुँचता है। उच्च ग्लूकोज न केवल नसों को डैमेज करता है, बल्कि इनके आसपास की रक्त वाहिकाएं भी कमजोर हो जाती हैं—जिससे ऑक्सीजन की कमी से झनझनाहट और सुन्नपन होता है।
नसों पर दबाव: बैठने की आदतों से जूझते संकेत
अगर हम गलत तरीके से लंबे समय तक बैठे या खड़े रहें—जैसे टखने मोड़कर बैठना या घुटनों पर भार—तो आसपास के ऊतकों का दबाव नसों पर पड़ता है। इससे न केवल झुनझुनी बल्कि दर्द और सुन्नता का एहसास भी हो सकता है।
गुर्दों की तकलीफ: किडनी की खराबी से नसों में असर
किडनी अगर काम न करें, तो शरीर से विषैले पदार्थ और तरल सही तरह से नहीं निकल पाते। यह खून की नसों और तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है, जिससे झनझनाहट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
शराब का सेवन: पोषण में कमी और तंत्रिका क्षति
लंबे समय तक शराब का सेवन विटामिन बी12 और फोलेट जैसे जरूरी पोषक तत्वों की कमी का कारण बनता है। नतीजतन नसों और ऊतकों को नुकसान पहुँचता है, और ये झनझनाहट, दर्द या सुन्नता का अनुभव होने लगता है।
कैसे पहचानें समस्या की गहराई
इन संकेतों पर विशेष ध्यान दें: कम ऊर्जा, लगातार सुन्नपन, चलने-फिरने में असामान्यता या तनावपूर्ण दिनचर्या—यदि ये जुड़े हों तो समय रहते डॉक्टर से सलाह लें।