Health Tips : इन हालातों में महिलाएं भूलकर भी ना खाएं दही, वरना बढ़ सकते हैं खतरे

Health Tips : भारतीय थाली में दही एक आम और पसंदीदा हिस्सा है। गर्मियों में ठंडक देने वाली ये मलाईदार चीज़ स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है।
इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन, कैल्शियम और गुड बैक्टीरिया हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो चीज़ आमतौर पर हेल्दी मानी जाती है, वही कुछ महिलाओं के लिए नुकसान का कारण बन सकती है?
दरअसल, शरीर में चल रही कुछ खास स्थितियाँ या हार्मोनल बदलावों के दौरान दही का सेवन परेशानी बढ़ा सकता है। आइए जानें, किन महिलाओं को और कब दही खाने से बचना चाहिए।
प्रेगनेंसी में अगर पाचन गड़बड़ हो, तो दही हो सकती है नुकसानदायक
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का पाचन तंत्र पहले से ही काफी संवेदनशील हो जाता है। गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं आम हैं। ऐसे समय में खट्टी या बासी दही खाने से पेट फूलना, जलन या भारीपन जैसी दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।
अगर दही खाना भी हो तो बिल्कुल ताज़ी और हल्की दही को दिन के समय सीमित मात्रा में लें। रात में दही से पूरी तरह दूरी बनाना समझदारी होगी।
फंगल या वेजाइनल इंफेक्शन हो, तो दही से बनाएं दूरी
दही प्रोबायोटिक फूड है, यानी इसमें बैक्टीरिया होते हैं जो आमतौर पर पेट के लिए अच्छे होते हैं। लेकिन जब शरीर में पहले से ही फंगल इंफेक्शन या वेजाइनल इंफेक्शन हो, तब दही इन बैक्टीरिया का संतुलन बिगाड़ सकती है।
खासकर महिलाओं को इस समय दही से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये संक्रमण को और बढ़ा सकता है। अगर ज़रूरत हो तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही दही खाएं।
जोड़ों के दर्द या आर्थराइटिस में दही बन सकता है सूजन का कारण
जिन महिलाओं को आर्थराइटिस या जोड़ों की सूजन की समस्या है, उनके लिए दही की ठंडी तासीर नुकसान पहुंचा सकती है। इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड और प्रोटीन कई बार सूजन को और भड़का सकते हैं।
लगातार सेवन से दर्द और जकड़न की स्थिति बढ़ सकती है। इसलिए आर्थराइटिस से पीड़ित महिलाओं को दही खाने से पहले विशेषज्ञ की राय जरूर लेनी चाहिए।
स्किन एलर्जी या एक्ने की शिकायत हो, तो दही से रहें सतर्क
अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है या आपको एक्ने, खुजली, रैशेज जैसी समस्याएं रहती हैं, तो दही आपके लिए सही विकल्प नहीं हो सकती।
दही में पाए जाने वाले बैक्टीरिया स्किन की सेंसिटिविटी को बढ़ा सकते हैं, जिससे एलर्जी या अन्य स्किन प्रॉब्लम्स और बढ़ सकती हैं। खासकर गर्मियों के मौसम में यह प्रभाव और अधिक तेज़ हो जाता है।
सर्दी-जुकाम या गले में खराश में न खाएं दही
दही की ठंडी प्रकृति की वजह से सर्दी, जुकाम या गले में खराश जैसी समस्याएं और बढ़ सकती हैं। यह कफ को बढ़ाता है, जिससे गले में सूजन, दर्द और भारीपन की शिकायत हो सकती है।
खासतौर पर रात में दही खाना बिल्कुल अवॉयड करें। अगर चाहें तो दिन में कभी-कभार गर्म तासीर वाले मसालों के साथ संतुलित मात्रा में लें।