Health Tips : सत्तू आपके लिए बन सकता है साइलेंट किलर, इन लोगों को हो सकता है भारी नुकसान

Health Tips : सत्तू एक पारंपरिक भारतीय सुपरफूड है जिसे भुने हुए चने को पीसकर तैयार किया जाता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और आयरन जैसे ज़रूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। इसे अक्सर "एनर्जी का पावरहाउस" भी कहा जाता है।
गर्मियों में जब सूरज का ताप बढ़ जाता है, तो सत्तू ठंडक पहुंचाने वाला एक बेहतरीन विकल्प बन जाता है। खासकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्यों में इसका उपयोग नाश्ते और ड्रिंक के तौर पर बड़े चाव से किया जाता है।
लेकिन हर किसी के लिए नहीं है फायदेमंद
जहां एक तरफ सत्तू सेहत को फायदा पहुंचाता है, वहीं दूसरी ओर कुछ स्थितियों में यह नुकसान भी पहुंचा सकता है। कई लोग इसके कुछ साइड इफेक्ट्स से पूरी तरह अनजान रहते हैं।
किडनी स्टोन वालों के लिए खतरे की घंटी
अगर आपको पहले से ही किडनी स्टोन की समस्या है या उसकी आशंका है, तो सत्तू से थोड़ा फासला बनाए रखना ही समझदारी होगी। इसमें मौजूद ऑक्सालेट्स पथरी को बढ़ावा दे सकते हैं।
पाचन तंत्र पर असर डाल सकता है ज़रूरत से ज़्यादा सेवन
सत्तू में फाइबर की मात्रा अच्छी-खासी होती है। लेकिन अगर आप पहले से फाइबर रिच डायट नहीं लेते हैं और अचानक इसे ज़्यादा मात्रा में खाना शुरू कर देते हैं, तो इससे गैस, पेट फूलना या अपच की दिक्कत हो सकती है।
एलर्जी की आशंका भी होती है
सत्तू चने से बनता है, और जिन लोगों को दालों या साबुत अनाज से एलर्जी होती है, उन्हें इससे दूर ही रहना चाहिए। वरना शरीर पर रैशेज़, खुजली या सांस लेने में तकलीफ़ जैसी समस्याएं उभर सकती हैं।
क्रॉनिक किडनी डिज़ीज में सावधानी ज़रूरी
अगर आप लंबे समय से किडनी से जुड़ी किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो सत्तू आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसमें पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो इस स्थिति में खतरा बढ़ा सकता है।
आईबीएस और कब्ज़ की समस्या
आईबीएस (Irritable Bowel Syndrome) जैसी पाचन संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए सत्तू का पचाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। साथ ही अगर आप सत्तू खा रहे हैं और पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रहे हैं, तो कब्ज़ की समस्या हो सकती है, क्योंकि सत्तू शरीर से नमी खींच लेता है।