Iron Deficiency : आयरन की कमी को न करें नजरअंदाज, जानिए इसके खतरनाक संकेत

Iron Deficiency : आयरन की कमी आजकल महिलाओं में एक आम स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, जो हीमोग्लोबिन की कमी और एनीमिया का कारण बनती है। 
Iron Deficiency : आयरन की कमी को न करें नजरअंदाज, जानिए इसके खतरनाक संकेत

Iron Deficiency : जब बात सेहत की होती है, तो अक्सर हम प्रोटीन और कैल्शियम की चर्चा करते हैं, लेकिन शरीर में आयरन की अहमियत को नजरअंदाज कर देते हैं। आयरन वो मौलिक मिनरल है, जो न केवल हमारी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है बल्कि हीमोग्लोबिन के निर्माण में भी केंद्रीय भूमिका निभाता है।

हीमोग्लोबिन एक ऐसा प्रोटीन है जो शरीर के हर कोने तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। लेकिन जब शरीर में आयरन की मात्रा घट जाती है, तो कई गंभीर समस्याएं जन्म ले सकती हैं, जिनमें सबसे आम है एनीमिया।

खासतौर पर महिलाओं में आयरन की कमी की समस्या अधिक देखी जाती है। मासिक धर्म, गर्भावस्था और गलत खानपान इसके प्रमुख कारण हैं।

जब शरीर में पर्याप्त आयरन नहीं होता, तो हीमोग्लोबिन बनना रुक जाता है, और इससे शरीर की कोशिकाएं ऑक्सीजन से वंचित रह जाती हैं। इसका नतीजा होता है लगातार थकावट, सिरदर्द, सांस फूलना और बालों का झड़ना।

कैसे पहचानें आयरन की कमी?

आयरन की कमी की कुछ आम लेकिन चिंताजनक लक्षणों में शामिल हैं – हर समय थकान महसूस होना, हल्का सिर घूमना या चक्कर आना, बेचैनी, सांस लेने में दिक्कत, त्वचा पर पीलापन या मलिनकिरण, दिल की धड़कनों का अनियमित होना और बालों का गिरना। अगर आप इन संकेतों को रोजमर्रा की थकान समझ कर टालते आ रहे हैं, तो अब समय है गंभीरता से सोचने का।

आहार में क्या करें शामिल?

अगर आप आयरन की कमी से जूझ रहे हैं, तो सबसे पहले अपने खाने-पीने की आदतों पर ध्यान दें।

शाकाहारी लोग अपने भोजन में पालक, चुकंदर, गाजर, राजमा, सोयाबीन, काले तिल, गेहूं की घास और मोरिंगा को शामिल कर सकते हैं। साथ ही, किशमिश, अंजीर, बादाम और कद्दू के बीज भी आयरन के बेहतरीन स्रोत हैं, खासकर महिलाओं के लिए।

मांसाहारी लोगों के लिए मटन और मछली जैसे खाद्य पदार्थ काफी लाभकारी हैं। इसके अलावा, विटामिन C से भरपूर चीजें जैसे संतरा, नींबू, या अमरूद का सेवन आयरन के अवशोषण में मदद करता है।

क्यों जरूरी है समय पर इलाज?

आयरन की कमी को यदि समय रहते नजरअंदाज किया गया, तो यह न केवल आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर सकता है, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर भी ले जा सकता है।

इसलिए जरूरी है कि लक्षणों को पहचानें, डॉक्टर से जांच कराएं और संतुलित आहार से आयरन का स्तर सामान्य बनाए रखें।

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