भारतीय पासपोर्ट देखते ही रोकी गई एंट्री! व्लॉगर ने किया बड़ा खुलासा

भारतीय पासपोर्ट के साथ विदेश यात्रा की मुश्किलों को ट्रैवल व्लॉगर "ऑन रोड इंडियन" ने वायरल वीडियो में उजागर किया। जॉर्डन, मिस्र और चीन जैसे देशों में वीजा समस्याओं और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी, लोग भारतीय पासपोर्ट की साख पर सवाल उठा रहे हैं।
भारतीय पासपोर्ट देखते ही रोकी गई एंट्री! व्लॉगर ने किया बड़ा खुलासा

दुनिया की सैर करने का सपना हर दिल में बसता है। नई संस्कृतियों, अनजान रास्तों और विदेशी खूबसूरती को करीब से देखने की चाहत किसे नहीं होती? लेकिन अगर आप भारतीय पासपोर्ट धारक हैं, तो यह सपना कई बार कागजी कार्रवाइयों और शक भरी नजरों की भेंट चढ़ जाता है।

हाल ही में एक ट्रैवल व्लॉगर, जिसे सोशल मीडिया पर "ऑन रोड इंडियन" के नाम से जाना जाता है, ने अपनी विदेश यात्रा की परेशानियों को एक वीडियो में बयां किया। यह वीडियो न सिर्फ वायरल हुआ, बल्कि इसने भारतीय पासपोर्ट की वैश्विक स्वीकार्यता पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए। आइए, इस मुद्दे को और करीब से समझते हैं।

वायरल वीडियो ने खोली सच्चाई

"ऑन रोड इंडियन" ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने भारतीय पासपोर्ट के साथ विदेश यात्रा की चुनौतियों को बेबाकी से उजागर किया। वीडियो में वह अपने पासपोर्ट को दिखाते हुए कहते हैं, "यह मेरे पास है, लेकिन इसकी दुनिया में कोई खास कीमत नहीं।"

उन्होंने बताया कि थाईलैंड, मलेशिया या श्रीलंका जैसे देशों में वीजा-ऑन-अराइवल की सुविधा भले ही मिल जाए, लेकिन बड़े और प्रभावशाली देशों में भारतीय पासपोर्ट को अक्सर संदेह की नजर से देखा जाता है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैला और लाखों लोगों ने इसे देखकर अपनी राय साझा की।

जॉर्डन और मिस्र जैसे देशों में मुश्किलें

व्लॉगर ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जॉर्डन की उनकी बहुप्रतीक्षित यात्रा सिर्फ इसलिए रद्द करनी पड़ी, क्योंकि वीजा नियमों में अचानक बदलाव हो गया। उन्होंने कहा, "मैंने सब कुछ प्लान कर लिया था, लेकिन सिर्फ भारतीय पासपोर्ट की वजह से मुझे एंट्री से मना कर दिया गया।" इसके अलावा, मिस्र जैसे देशों में भी भारतीय यात्रियों को इनविटेशन लेटर जैसी अतिरिक्त शर्तों का सामना करना पड़ता है। यह सुनकर यह सवाल उठता है कि क्या भारतीय पासपोर्ट की वैश्विक साख वाकई इतनी कमजोर है?

चीन में भी पक्षपात का अनुभव

व्लॉगर ने अपनी नाराजगी तब और जाहिर की, जब उन्होंने चीन में भारतीय यात्रियों के साथ होने वाले भेदभाव की बात की। उन्होंने बताया कि जहां दूसरे देशों के नागरिकों को 10 दिन तक वीजा-मुक्त रहने की छूट मिलती है, वहीं भारतीयों को सिर्फ 24 घंटे का ट्रांजिट वीजा दिया जाता है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, "चीन में लोग शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन के फैन तो हैं, लेकिन जब बात डॉक्यूमेंट्स की आती है, तो हमारा पासपोर्ट उनके लिए कोई मायने नहीं रखता।" यह अनुभव न सिर्फ निराशाजनक है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर भारत की छवि पर भी सवाल उठाता है।

सोशल मीडिया पर बहस का दौर

इस वीडियो को अब तक इंस्टाग्राम पर 80 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। लोगों की प्रतिक्रियाएं भी मिली-जुली हैं। कुछ लोग व्लॉगर की बात से सहमत हैं और मानते हैं कि यह भारतीय पासपोर्ट धारकों की कड़वी सच्चाई है। एक यूजर ने लिखा, "यह सच है। हमें कई देशों में सिर्फ इसलिए संदेह की नजर से देखा जाता है, क्योंकि हम भारतीय हैं।" वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि भारतीय पर्यटकों का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार भी इसकी एक वजह हो सकता है। एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, "हमें खुद को सुधारने की जरूरत है। एयरपोर्ट्स पर अव्यवस्था और नियम तोड़ने की आदत हमें बदनाम करती है।"

क्या है इस समस्या का हल?

यह पूरा मसला न सिर्फ भारतीय यात्रियों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह भारत की वैश्विक छवि और पासपोर्ट की साख से भी जुड़ा है। सरकार को इस दिशा में कदम उठाने होंगे, ताकि भारतीय पासपोर्ट की वैश्विक स्वीकार्यता बढ़े। साथ ही, हमें एक जिम्मेदार यात्री के रूप में भी अपनी छवि को बेहतर करना होगा। यह वीडियो हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमारा पासपोर्ट वाकई हमें दुनिया की सैर करने की आजादी देता है, या यह सिर्फ एक कागजी औपचारिकता बनकर रह गया है?

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