भारत का AMCA देगा Su-57 और F-35 को मात, ये खूबियां जानकर दंग रह जाएंगे आप

भारत का स्वदेशी स्टेल्थ फाइटर AMCA जल्द बनेगा! रक्षा मंत्रालय की समिति लागत और उत्पादन की रणनीति बना रही है। DRDO और ADA मिलकर स्टेल्थ तकनीक, सुपर क्रूज़ और उन्नत सेंसर से लैस इस जेट को तैयार कर रहे हैं। 2030 तक वायुसेना को मिलेगा, आत्मनिर्भर भारत का गेम-चेंजर!
भारत का AMCA देगा Su-57 और F-35 को मात, ये खूबियां जानकर दंग रह जाएंगे

भारत की रक्षा ताकत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए स्वदेशी स्टेल्थ फाइटर जेट AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के निर्माण की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। रक्षा मंत्रालय ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को गति देने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जिसकी कमान रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह संभाल रहे हैं।

यह समिति अप्रैल 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसमें AMCA के उत्पादन, लागत और तकनीकी चुनौतियों का रोडमैप तैयार किया जाएगा। आइए, इस परियोजना के हर पहलू को करीब से समझते हैं।

AMCA: भारतीय वायुसेना का भविष्य

AMCA एक 5.5 जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) मिलकर विकसित कर रहे हैं। यह विमान स्टेल्थ तकनीक, सुपर क्रूज़ (बिना आफ्टरबर्नर के सुपरसोनिक गति) और अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से लैस होगा। इसका उद्देश्य भारतीय वायुसेना को भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार करना है। रडार पर कम दृश्यता, हथियारों को आंतरिक रूप से छिपाने की क्षमता और दुश्मन के इलाके में चुपके से हमला करने की ताकत इसे खास बनाती है।

सार्वजनिक-निजी साझेदारी: एक नया मॉडल

AMCA के उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने की योजना है। समिति एक विशेष प्रयोजन इकाई (SPU) के गठन पर विचार कर रही है, जिसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ निजी कंपनियां भी शामिल होंगी। यह मॉडल न केवल उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि लागत को कम करने और देश में एयरोस्पेस उद्योग के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार करने में भी मदद करेगा। छोटे और मध्यम उद्यमों को पुर्जों की आपूर्ति में शामिल करके आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार किया जाएगा।

लागत कम, ताकत ज्यादा

AMCA के निर्माण में लागत एक बड़ी चुनौती है। समिति का मानना है कि शुरुआती 100 विमानों के बजाय अधिक संख्या में ऑर्डर देने से प्रति विमान लागत कम हो सकती है। यह न केवल भारतीय वायुसेना के लिए किफायती होगा, बल्कि भविष्य में निर्यात की संभावनाओं को भी खोलेगा। साथ ही, स्वदेशी सप्लाई चेन को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि विदेशी निर्भरता कम हो और हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिले।

वैश्विक तकनीक के साथ स्वदेशी ताकत

AMCA को पूरी तरह स्वदेशी बनाने का लक्ष्य है, लेकिन कुछ अत्याधुनिक तकनीकों, जैसे इंजन और सेंसर, के लिए विदेशी कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी की संभावना को खुला रखा गया है। यह दृष्टिकोण तकनीकी प्रगति को तेज करेगा, साथ ही आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को भी बनाए रखेगा। समिति में वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एस.पी. धारकर, रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार और ADA-DRDO के विशेषज्ञ शामिल हैं, जो यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि 2030 तक AMCA की पहली इकाई वायुसेना को मिल जाए।

AMCA बनाम F-35 और Su-57: कहां ठहरता है भारत?

दुनिया के शीर्ष स्टेल्थ फाइटर जेट्स, जैसे अमेरिका का F-35 और रूस का Su-57, अपनी उन्नत तकनीक और ताकत के लिए जाने जाते हैं। F-35 अपनी स्टेल्थ क्षमता के लिए अग्रणी है, जबकि Su-57 अपनी फुर्ती और लंबी दूरी की मारक क्षमता के लिए मशहूर है। AMCA इन दोनों को टक्कर देने की तैयारी में है। पहले चरण में सिंगल इंजन के साथ शुरू होने वाला यह विमान भविष्य में सुपर क्रूज़ क्षमता और AESA रडार जैसे स्मार्ट फीचर्स से लैस होगा। अगर उत्पादन समय पर शुरू हुआ, तो AMCA भारतीय वायुसेना को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान देगा।

आत्मनिर्भर भारत का गेम-चेंजर

AMCA केवल एक फाइटर जेट नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी और रक्षा क्षमता का प्रतीक है। सरकार इसे गेम-चेंजर मान रही है, जो न केवल वायुसेना की ताकत बढ़ाएगा, बल्कि देश में हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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