Monsoon Alert: इस तारीख को आपके शहर में बरसेंगे बादल! IMD ने जारी की ताज़ा भविष्यवाणी

Monsoon Alert: भारत में अप्रैल की तपती गर्मी के बीच हर कोई मानसून की राह देख रहा है। इस साल बारिश की बूंदें न केवल समय पर बरसेंगी, बल्कि सामान्य से अधिक होंगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ताजा अपडेट में दावा किया है कि 2025 का मानसून देश के लिए राहत और समृद्धि लेकर आएगा। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि यह भारत के लिए क्यों इतना खास है।
मानसून 2025: सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद
IMD की ताजा भविष्यवाणी के अनुसार, इस साल मानसून का असर 105% तक हो सकता है। इसका मतलब है कि जून से सितंबर तक चलने वाला यह मौसम सामान्य से अधिक बारिश लाएगा। अगर यह अनुमान सटीक रहा, तो यह लगातार 10वां साल होगा जब भारत में मानसून सामान्य या उससे बेहतर प्रदर्शन करेगा।
यह खबर किसानों, अर्थव्यवस्था और आम लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया में कम हिमपात और अल नीनो जैसी जलवायु परिस्थितियों के न्यूट्रल रहने से बारिश के लिए अनुकूल माहौल बन रहा है।
किन राज्यों में बरसेगी खुशहाली?
इस साल मानसून का सबसे ज्यादा असर देश के कई प्रमुख राज्यों में देखने को मिलेगा। दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना जैसे राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है। दक्षिण भारत में केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश भी अच्छी बारिश से तरबतर होंगे।
खास बात यह है कि यह लगातार दूसरा साल है जब IMD ने सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान जताया है। हालांकि, तमिलनाडु, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, बिहार के कुछ हिस्सों और लद्दाख में बारिश सामान्य से कम रह सकती है।
मानसून का आगमन और उसका सफर
भारत में मानसून की शुरुआत आमतौर पर 1 जून के आसपास केरल से होती है। इसके बाद यह धीरे-धीरे उत्तर, पूर्व और पश्चिम की ओर बढ़ता है। 15 से 25 जून के बीच यह पूरे देश को कवर कर लेता है। चार महीने तक बरसने के बाद सितंबर के अंत से अक्टूबर के मध्य तक मानसून की विदाई होती है। IMD हर साल अप्रैल और मई में दो चरणों में अपने पूर्वानुमान जारी करता है। अगला अपडेट मई के अंत में आएगा, जो केरल में मानसून की शुरुआत से पहले और सटीक जानकारी देगा।
क्यों खास है मानसून?
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां 42.3% आबादी की आजीविका खेती पर निर्भर है। यह क्षेत्र देश की जीडीपी में 18.2% का योगदान देता है। खेती का 52% हिस्सा बारिश पर निर्भर करता है। अच्छा मानसून न केवल फसलों को जीवन देता है, बल्कि जलाशयों को भरने, बिजली उत्पादन को स्थिर करने और खाद्य कीमतों को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
इससे मुद्रास्फीति कम होती है, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक को ब्याज दरें कम करने का मौका मिल सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में खपत बढ़ने से निजी निवेश को भी बल मिलेगा, जिससे 2024-25 में 6.4% की अनुमानित आर्थिक वृद्धि को गति मिल सकती है।
गर्मी का कहर और चुनौतियां
IMD ने चेतावनी दी है कि अप्रैल से जून तक गर्मी और लू का प्रकोप जारी रहेगा। इससे बिजली की मांग बढ़ेगी और जल संकट की स्थिति बन सकती है। ऐसे में मानसून की समय पर शुरुआत और अच्छी बारिश गर्मी से राहत दिलाने में अहम भूमिका निभाएगी।
अतीत के आंकड़े और भरोसा
पिछले कुछ सालों में IMD और अन्य मौसम एजेंसियों के अनुमान काफी हद तक सटीक रहे हैं। 2024 में IMD ने 106% और स्काईमेट ने 102% बारिश का अनुमान लगाया था, लेकिन वास्तव में 108% बारिश हुई। 2023 में भी अनुमान और वास्तविक बारिश में ज्यादा अंतर नहीं था। यह सटीकता IMD की विश्वसनीयता को दर्शाती है और लोगों का भरोसा बढ़ाती है।