National Herald Case : नेशनल हेराल्ड केस में बीजेपी पर गंभीर आरोप, कांग्रेस का सड़कों पर हंगामा

National Herald Case : नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद देशभर में सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई को "राजनीतिक बदले की कार्रवाई" करार देते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। दिल्ली से लेकर देश के विभिन्न राज्यों तक कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद की। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
दिल्ली में भारी हंगामा, कांग्रेस मुख्यालय पर सुरक्षा कड़ी
बुधवार को दिल्ली के 24, अकबर रोड स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के मुख्यालय के बाहर सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और ईडी के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस ऑफिस के आसपास भारी बैरिकेडिंग की और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी। कार्यकर्ताओं का गुस्सा इस बात को लेकर था कि नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को "जानबूझकर निशाना" बनाया जा रहा है। दोपहर बाद कांग्रेस ने सभी जिला मुख्यालयों पर भी प्रदर्शन की योजना बनाई, जिसमें पार्टी के बड़े नेता शामिल हुए।
नेशनल हेराल्ड केस: क्या है पूरा मामला?
नेशनल हेराल्ड केस में ईडी ने 9 अप्रैल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में एक चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को सह-आरोपी बनाया गया है। जांच एजेंसी का दावा है कि इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की गई। हालांकि, कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे "राजनीति से प्रेरित" बताया है। पार्टी का कहना है कि यंग इंडिया, जो इस केस से जुड़ा एक गैर-लाभकारी संगठन है, उसमें कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई और न ही कोई संपत्ति का हस्तांतरण हुआ।
सचिन पायलट का तीखा हमला
कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इस मामले पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, "यह केस पूरी तरह से तथ्यहीन और राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, और हम इस मामले का डटकर मुकाबला करेंगे।" पायलट ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस हाल ही में गुजरात में अपनी स्थिति मजबूत कर रही थी, जिसे केंद्र सरकार बर्दाश्त नहीं कर पा रही।
सुप्रिया श्रीनेत ने लगाए गंभीर आरोप
प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र सरकार पर "बदले की राजनीति" करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "12 साल पुराने मामले को अब उठाकर चार्जशीट दाखिल की गई, जबकि इसमें एक पैसे का लेन-देन नहीं हुआ। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सियासी रणनीति का हिस्सा है। हम कोर्ट में इसका जवाब देंगे, लेकिन जनता और कार्यकर्ताओं का गुस्सा साफ दिख रहा है।"
अगली सुनवाई 25 अप्रैल को
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष जज विशाल गोगने ने चार्जशीट के प्रमुख बिंदुओं की समीक्षा की और मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है। इस बीच, कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले को कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर लड़ेगी।
जनता का मूड और कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह केस न केवल उनके शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने की कोशिश है, बल्कि पार्टी को कमजोर करने की साजिश भी है। दिल्ली से लेकर जिला स्तर तक हुए प्रदर्शनों में कार्यकर्ताओं ने एकजुटता दिखाई। पार्टी ने इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाने की रणनीति बनाई है, ताकि केंद्र सरकार की कथित "बदले की राजनीति" को उजागर किया जा सके।