Pahalgam Terror Attack : आतंकी हमला होते देखकर भी ऑपरेटर ने टूरिस्टों को नहीं चेताया, बस बोलता रहा - अल्लाह हू अकबर

पहलगाम आतंकी हमले का वायरल वीडियो देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। वीडियो में एक जिपलाइन ऑपरेटर की संदिग्ध हरकतें सामने आई हैं, जो गोलीबारी के दौरान “अल्लाह हू अकबर” बोलता दिखा, लेकिन उसने पर्यटकों को चेतावनी देने या बचाने की कोई कोशिश नहीं की। पर्यटक ऋषि ने ऑपरेटर की गतिविधियों पर शक जताया है। सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की गहन जांच कर रही हैं, और यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह ऑपरेटर भी इस जघन्य अपराध में शामिल था।
Pahalgam Terror Attack : पहलगाम में हुए एक दिल दहला देने वाले आतंकी हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस वीडियो में एक जिपलाइन ऑपरेटर की हरकतें संदेह के घेरे में हैं। जब आतंकवादी पर्यटकों पर गोलियां बरसा रहे थे, तब यह ऑपरेटर बार-बार “अल्लाह हू अकबर” बोलता दिखाई देता है।
हैरानी की बात यह है कि उसने न तो पर्यटकों को हमले की चेतावनी दी और न ही उनकी जान बचाने की कोई कोशिश की। क्या यह व्यक्ति महज एक संयोग का हिस्सा था, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है? यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है।
वीडियो में क्या दिखा?
वायरल वीडियो में जिपलाइन ऑपरेटर एक पर्यटक, ऋषि को जिपलाइन पर बिठा रहा है। ऋषि, जो अहमदाबाद के रहने वाले हैं, उस वक्त खुश और बेफिक्र नजर आते हैं। लेकिन तभी गोलियों की तड़तड़ाहट शुरू होती है। वीडियो में साफ दिखता है कि गोलीबारी की आवाज सुनते ही ऑपरेटर बार-बार “अल्लाह हू अकबर” बोलने लगता है।
ऋषि को इसकी भनक तक नहीं लगती, क्योंकि उनके कान बंद हैं। वह जिपलाइन पर आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन पीछे आतंकवादी निर्दयता से लोगों पर गोलियां चला रहे हैं। एक के बाद एक लाशें बिछती चली जाती हैं। इस बीच, ऑपरेटर की हरकतें और उसका रवैया सवालों के घेरे में आ गया है।
पहलगाम आतंकी हमले का एक और लाइव वीडियो सामने आया है।
— Priya singh (@priyarajputlive) April 28, 2025
जिस समय फ़ायरिंग हो रहा था उस समय इस व्यक्ति को नहीं पता था कि नीचे क्या हो रहा है।
एक व्यक्ति दौड़ता हुआ जा रहा है और आतंकियों ने उसे गोली मार दिया। pic.twitter.com/49UE418E7b
ऋषि ने बयां की आपबीती
ऋषि ने इस घटना के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि जब वह जिपलाइन पर थे, तब ऑपरेटर ने तीन बार “अल्लाह हू अकबर” कहा। ऋषि ने कहा, “मेरे से पहले 10 लोग जिपलाइन पर गए, तब उसने ऐसा कुछ नहीं कहा। लेकिन मेरे वक्त उसने बार-बार यह बात दोहराई।”
ऋषि को यह भी याद है कि ऑपरेटर के साथ एक अन्य व्यक्ति उर्दू की किताब पढ़ रहा था। जब ऋषि अहमदाबाद लौटे, तब उन्हें इस पूरी घटना पर गहरा शक हुआ। उन्होंने आशंका जताई कि ऑपरेटर और उसके साथी की गतिविधियां हमले से ठीक पहले संदिग्ध थीं। क्या यह ऑपरेटर आतंकियों से मिला हुआ था? यह सवाल जांच एजेंसियों के लिए भी अहम हो गया है।
जांच में जुटीं सुरक्षा एजेंसियां
सुरक्षा एजेंसियां इस वायरल वीडियो और घटनास्थल के हर पहलू की गहन जांच कर रही हैं। ऑपरेटर की हरकतों ने कई सवाल खड़े किए हैं। जब आतंकियों की गोलियां पर्यटकों को छलनी कर रही थीं, तब यह व्यक्ति “अल्लाह हू अकबर” बोलकर क्या संदेश देना चाहता था? क्या वह सिर्फ डर गया था, या उसका इरादा कुछ और था? जांच एजेंसियां इस बात की तह तक जाने की कोशिश में हैं। ऋषि ने भी अपनी शंका जाहिर की है कि ऑपरेटर और उसके साथी इस हमले में किसी न किसी रूप में शामिल हो सकते हैं।
एक दुखद सवाल
यह घटना न केवल पहलगाम की खूबसूरत वादियों को दागदार करती है, बल्कि हमारे सुरक्षा तंत्र पर भी सवाल उठाती है। पर्यटक स्थलों पर ऐसी घटनाएं क्यों बार-बार हो रही हैं? क्या हमारी खुफिया एजेंसियां आतंकियों की साजिशों को समय रहते नहीं भांप पा रही हैं? और सबसे बड़ा सवाल—क्या इस जिपलाइन ऑपरेटर की चुप्पी और उसकी हरकतें उसे भी इस जघन्य अपराध का हिस्सा बनाती हैं? जवाब शायद जांच के बाद ही मिले, लेकिन यह वीडियो और उसकी कहानी हर भारतीय के दिल में एक टीस छोड़ गई है।