पॉलिसी टाइम्स और आरएलजी सिस्टम्स इंडिया ने किया इंडिया सर्कुलैरिटी कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन

इंडिया सर्कुलैरिटी कॉन्क्लेव 2025: नई दिल्ली में सतत विकास और रीसाइक्लिंग पर चर्चा, ईपीआर नीतियों से सर्क्युलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा।
पॉलिसी टाइम्स और आरएलजी सिस्टम्स इंडिया ने किया इंडिया सर्कुलैरिटी कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन
हाइलाइट्स
नई दिल्ली में आयोजित इंडिया सर्कुलैरिटी कॉन्क्लेव 2025 ने सर्क्युलर अर्थव्यवस्था और अपशिष्ट प्रबंधन पर गहन चर्चा की। ईपीआर नीतियों, रीसाइक्लिंग नवाचार और सतत विकास पर जोर देते हुए, इस सम्मेलन ने भारत के 2 ट्रिलियन डॉलर के सर्क्युलर इकोनॉमी लक्ष्य और 1 करोड़ नौकरियों की संभावना को रेखांकित किया।

नई दिल्ली : पॉलिसी टाइम्स और आरएलजी सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने असम, केरल और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर आज द्वितीय इंडिया सर्कुलैरिटी कॉन्क्लेव 2025 का भव्य आयोजन किया। नई दिल्ली के आईआईसी एनेक्से में आयोजित इस सम्मेलन ने भारत को सर्क्युलर अर्थव्यवस्था (Circular Economy) की राह पर आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

इसका लक्ष्य था एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (ईपीआर) के जरिए अपशिष्ट प्रबंधन, रीसाइक्लिंग और सतत विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना। इस मौके पर उद्योग जगत के दिग्गज, नीति निर्माता और पर्यावरण विशेषज्ञों ने एक मंच पर आकर विचारों का आदान-प्रदान किया।

इस आयोजन का सबसे खास पल रहा 'सर्कुलैरिटी एक्सीलेंस अवार्ड 2025', जिसमें अपशिष्ट प्रबंधन (Waste Management), पुनर्चक्रण और पर्यावरण-अनुकूल नवाचारों में शानदार योगदान देने वाले नेताओं को सम्मानित किया गया। सम्मेलन में डॉ. अरूप कुमार मिश्रा (असम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अध्यक्ष), इंजी. श्रीकला एस. (केरल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अध्यक्ष), डॉ. जयंती मुरली (तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अध्यक्ष) और प्रो. आदर्श पाल विग (पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अध्यक्ष) जैसे विशिष्ट अतिथियों ने शिरकत की।

भारत हर साल करीब 1.50 करोड़ टन ई-कचरा और प्लास्टिक कचरा पैदा करता है, जिसने प्रभावी रीसाइक्लिंग और सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट की जरूरत को और गहरा कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2050 तक भारत की सर्क्युलर अर्थव्यवस्था का बाजार 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है, जो 1 करोड़ नई नौकरियां पैदा करेगा। लेकिन अभी ईपीआर नीतियां केवल 10-15% कचरे को ही कवर करती हैं, जिससे नवाचार और नीतिगत सुधारों की राह और चौड़ी होती है।

वक्ताओं ने सर्क्युलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए कई अहम रणनीतियों पर जोर दिया। उत्पादों को फिर से डिजाइन करना, उन्नत रीसाइक्लिंग तकनीकों में निवेश, सप्लाई चेन सहयोग को मजबूत करना और लोगों में जागरूकता फैलाना इनमें शामिल था। इसके अलावा, एकल-उपयोग प्लास्टिक के विकल्प, समुद्री प्रदूषण से लड़ाई, कूड़ा बीनने वालों को सशक्त करना और समुदाय-आधारित सर्क्युलर प्रथाओं को बढ़ावा देना भी चर्चा का हिस्सा रहा।

आरएलजी सिस्टम्स इंडिया की प्रबंध निदेशक सुश्री राधिका कालिया ने कहा, "एक मजबूत ईपीआर ढांचा भारत के सतत विकास लक्ष्यों की कुंजी है। इंडिया सर्कुलैरिटी कॉन्क्लेव 2025 जैसे आयोजन नीतियों को आकार देने, कार्य योजनाएं बनाने और औद्योगिक साझेदारियों को मजबूत करने का सुनहरा मौका देते हैं। मैं सभी हितधारकों का शुक्रिया अदा करती हूं कि वे इस बदलाव का हिस्सा बने। हमें यकीन है कि सच्ची लगन से हम सस्टेनेबल भविष्य की नींव रख सकते हैं।"

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