Majedar Jokes : अध्यापक - चिंटू, उसने कपड़े धोए और उसे कपड़े धोने पड़े...

Majedar Jokes : हंसना हमारे जीवन का एक ऐसा अनमोल हिस्सा है, जो न सिर्फ हमें खुशी देता है, बल्कि हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह मानसिक तनाव से राहत दिलाने का सबसे आसान तरीका है, क्योंकि हंसते वक्त शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन निकलता है, जो हमें खुशी का एहसास कराता है।
साथ ही, हंसी हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करती है, जिससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। मानसिक रूप से डिप्रेशन और चिंता को कम करता है, मन को हल्का करता है और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है।
इसलिए हम आपको हंसाने के लिए अध्यापक छात्र के मजेदार चुटकुले लेकर आए हैं, जिसे पढ़कर आपका मन खिल उठेगा। तो देर किस बात की चलिए शुरू करते हैं हंसने-हंसाने का सिलसिला।
अध्यापक ने स्टूडेंट को परीक्षा में चार पेज का निबंध लिखने को दिया
विषय- आलस्य क्या है?
स्टूडेंट ने तीन पेज खाली छोड़कर चौथे पेज पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा
यही आलस्य है!
अध्यापक बेहोश....
============================================
अध्यापक- जो बेवकूफ है वो खड़ा हो जाए?
गप्पू खड़ा हो गया
अध्यापक- तुम बेवकूफ हो?
गप्पू- नहीं सर, आप अकेले खड़े थे ना तो मुझे अच्छा नहीं लगा
============================================
अध्यापक ने एक छात्र से पूछा - बताओ, शाहजहां कौन था...?
छात्र- जी, वह एक मजदूर था...
अध्यापक- कैसे...?
छात्र- आपने ही तो कहा था कि शाहजहां ने कई
इमारतों का निर्माण किया था...!
============================================
अध्यापक ने चिंटू से पूछा-
अध्यापक- चिंटू, उसने कपड़े धोए और उसे कपड़े धोने पड़े। इन दोनों वाक्यों में अंतर क्या है ?
चिंटू - सर, पहले वाक्य से पता चलता है कि व्यक्ति की शादी नहीं हुई है,
जबकि दूसरे वाक्य से उसके शादी-शुदा होने का पता चलता है।
अध्यापक अभी तक बेहोश है
============================================
अध्यापक- आइंस्टीन का नियम बताओ...
लड़का- सर पूरी लाइन तो याद नहीं, सिर्फ लास्ट का याद है
अध्यापक- चलो लास्ट का ही सुनाओ
लड़का- और इसे ही आइंस्टीन का नियम कहते हैं...