Aak Ka Paudha : भगवान शिव को प्रिय है ये पौधा, लेकिन घर में लगाना बन सकता है मुसीबत

Aak Ka Paudha : हमारे आसपास उगने वाले कई पौधे सिर्फ हरियाली नहीं लाते, बल्कि हमारी ऊर्जा, घर की शांति और सुख-समृद्धि पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। इन्हीं में से एक है “आक” का पौधा, जिसे कुछ क्षेत्रों में “मदार” के नाम से भी जाना जाता है।
यह पौधा खासकर भगवान शिव की आराधना में चढ़ाया जाता है, लेकिन जब बात आती है इसे घर में लगाने की — तो लोग उलझन में पड़ जाते हैं।
तो आइए जानते हैं ज्योतिष और वास्तु की नज़र से, क्या आक का पौधा घर के लिए शुभ है या अशुभ।
धार्मिक मान्यताओं में आक का महत्व
आक का पौधा धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत पवित्र माना जाता है। विशेषकर शिव भक्त इसे शिवलिंग पर चढ़ाते हैं और मानते हैं कि इससे भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसके फूल और पत्ते पूजा-पाठ में प्रयोग किए जाते हैं, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
लेकिन यह पवित्रता इसका यह मतलब नहीं देती कि इसे कहीं भी और जैसे-तैसे लगाया जा सकता है। धार्मिकता के साथ वास्तु की समझ भी ज़रूरी है।
वास्तु शास्त्र में आक के पौधे की भूमिका
वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि आक के पौधे के दो प्रमुख प्रकार होते हैं — सफेद आक और जंगली आक। इनमें से सफेद आक को शुभ और उपयोगी माना जाता है, जबकि जंगली आक को घर में लगाने से मना किया गया है।
जंगली आक में एक तरह का दूधिया रस निकलता है, जो जहरीला हो सकता है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी।
वास्तु के अनुसार, जंगली आक नकारात्मक ऊर्जा का वाहक होता है। यह घर में कलह, मानसिक अशांति और आर्थिक समस्याएं बढ़ा सकता है। खास तौर पर इसे मुख्य द्वार या घर के अंदर लगाना वर्जित माना गया है।
अगर आक अपने आप उग आए तो क्या करें?
कभी-कभी यह पौधा बिना लगाए ही घर के किसी कोने में उग आता है। ऐसी स्थिति में घबराने की ज़रूरत नहीं है। इसे फौरन उखाड़कर फेंकना भी सही नहीं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस पौधे को सही विधि और मंत्रोच्चारण के साथ, किसी उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित कर देना चाहिए। इससे इसका नकारात्मक प्रभाव कम किया जा सकता है।
आक का पौधा कहां लगाएं ताकि लाभ हो, हानि नहीं
यदि आप आक के पौधे का उपयोग धार्मिक कार्यों के लिए करना चाहते हैं, तो इसे घर के मंदिर के पास या बाहर किसी एकांत स्थान पर लगाया जा सकता है।
इससे आपको आध्यात्मिक लाभ मिलेगा और नकारात्मक असर से भी बचाव होगा।
पूजा के समय इसके पत्ते या फूल शिवलिंग पर अर्पित करें, लेकिन पौधे को घर के मुख्य हिस्से या बैठक में न रखें।
कुछ जरूरी सावधानियां भी जरूरी हैं
आक का पौधा बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर होना चाहिए।
इसे छूते या काटते समय दस्तानों का इस्तेमाल करें ताकि इसका दूध त्वचा को नुकसान न पहुंचाए।
अगर इसे स्थानांतरित करना हो, तो पहले पूजा करके और मंत्र पढ़कर यह कार्य करें।