Bindi Vastu Tips : हर दिन अलग बिंदी लगाने से बदल सकती है किस्मत, जानें इसका रहस्य

Bindi Vastu Tips : भारतीय परंपरा में स्त्रियों का श्रृंगार सिर्फ शारीरिक सुंदरता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, आध्यात्मिकता और ऊर्जा संतुलन से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।
खासतौर पर बिंदी, जिसे सामान्य रूप से माथे पर सजाया जाता है, असल में आज्ञा चक्र का स्थान होता है। यह चक्र हमारे निर्णय लेने की क्षमता, मानसिक स्पष्टता और आत्मिक संतुलन से जुड़ा होता है।
आपने गौर किया होगा कि बिंदी का रंग बदलते ही मूड, ऊर्जा और आसपास का माहौल भी बदलने लगता है। ये सिर्फ संयोग नहीं है।
वास्तु और ज्योतिषशास्त्र भी इस बात को मान्यता देते हैं कि हर दिन के हिसाब से सही रंग की बिंदी लगाने से न केवल स्त्रियों की ऊर्जा संतुलित रहती है, बल्कि उनके जीवनसाथी और परिवार पर भी इसका शुभ प्रभाव पड़ता है।
किस दिन कौन सी बिंदी शुभ मानी जाती है?
हर दिन किसी न किसी ग्रह के प्रभाव में होता है और उसी के अनुसार रंगों का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। आइए जानें, किस दिन कौन सी बिंदी से मिलती है शुभ ऊर्जा:
सोमवार: सफेद या हल्का नीला – यह दिन चंद्रमा से जुड़ा होता है, जो भावनाओं का कारक है। इस रंग की बिंदी से मन शांत रहता है और पारिवारिक रिश्तों में मिठास आती है।
मंगलवार: लाल – ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास का दिन। मंगल ग्रह की ऊर्जा से भरपूर यह बिंदी स्त्रियों में जुनून और प्रेम का संचार करती है।
बुधवार: हरा या हल्का पीला – बुध ग्रह संवाद और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है। इस दिन की बिंदी कार्यक्षमता और स्पष्ट सोच को बढ़ावा देती है।
गुरुवार: पीला या सुनहरा – बृहस्पति से संबंधित यह दिन ज्ञान, गुरु-तत्व और आध्यात्मिकता को दर्शाता है। इस रंग की बिंदी पति की उन्नति में भी सहायक मानी जाती है।
शुक्रवार: गुलाबी या हल्का लाल – शुक्र प्रेम, सौंदर्य और कला का कारक है। वैवाहिक जीवन में मधुरता लाने के लिए यह रंग बेहद शुभ है।
शनिवार: गहरा नीला या काला – शनि से जुड़ा यह दिन थोड़ा सावधानी मांगता है। इन रंगों की बिंदी से बचें। हल्का हरा या ग्रे रंग बेहतर विकल्प हो सकता है, जिससे तनाव से बचा जा सकता है।
रविवार: नारंगी या हल्का लाल – सूर्य की ऊर्जा से जुड़ा यह दिन आत्मविश्वास, प्रभामंडल और नेतृत्व क्षमता को जागृत करता है।
रंगों के अनुसार बिंदी का असर
हर रंग अपने आप में एक अलग ऊर्जा लेकर आता है। कुछ रंग शुभता और आकर्षण का संचार करते हैं, वहीं कुछ मानसिक अशांति का कारण भी बन सकते हैं।
लाल/मैरून बिंदी: विवाहित महिलाओं के लिए श्रेष्ठ। यह प्रेम, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक है।
गुलाबी बिंदी: भावनात्मक जुड़ाव और रोमांस को बढ़ावा देती है।
हरी बिंदी: कार्यक्षमता और बुद्धिमत्ता बढ़ाती है, खासकर पढ़ाई या कामकाज में सहायक होती है।
पीली/नारंगी बिंदी: ध्यान और मानसिक शांति देती है, साथ ही आत्मिक विकास में सहायक मानी जाती है।
नीली/काली बिंदी: ज्योतिष के अनुसार यह नकारात्मक ऊर्जा का वाहक है, जिससे बचना बेहतर होता है।
काली बिंदी लगाना कितना सही है?
कई बार फैशन के चलते या पुरानी आदतों की वजह से स्त्रियां काली बिंदी लगाती हैं। लेकिन शास्त्रों की दृष्टि से यह बिंदी शनि और राहु से जुड़ी मानी जाती है, जो जीवन में तनाव, भ्रम और मतभेद बढ़ा सकती है।
अगर आप काली बिंदी लगाना चाहती हैं, तो इसके साथ लाल, पीली या हरी बिंदी का संतुलन ज़रूर बनाए रखें।
बिंदी न लगाना हो तो क्या करें?
आज के समय में ऑफिस, कॉलेज या वेस्टर्न पहनावे की वजह से कई स्त्रियां बिंदी नहीं लगाना पसंद करतीं। अगर आप फिर भी परंपरा से जुड़ना चाहती हैं, तो हल्दी का टीका एक बेहतरीन विकल्प है।
हल्दी को शुद्धता और शुभता का प्रतीक माना जाता है। गुरुवार या शुक्रवार को हल्दी का टीका लगाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और सौभाग्य बढ़ता है।