Dhanteras 2023 Date and Time : धनतेरस पर इस तरह करें माँ लक्ष्मी और राजा कुबेर को प्रसन्न, बरसेगी कृपा

Dhanteras Muhurat 2023: धनतेरस का पर्व कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है जो कि इस बार 10 नवंबर 2023, शुक्रवार को सुबह 11:47 बजे से शुरू हो रही है। 
Dhanteras 2023 Date and Time : धनतेरस पर इस तरह करें माँ लक्ष्मी और राजा कुबेर को प्रसन्न, बरसेगी कृपा
धर्म डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

Dhanteras 2023 Date and Time: भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक दिपावली का पर्व धनतेरस से शुरू होता है भाई दूज तक 5 दिन चलता है। धनतेरस को औषधि व आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि की जयती के रूप में भी मनाया जाता है।

इस दिन सोना, चांदी, बर्तन आदि कीमती वस्तुएं खरीदने की परंपरा है। धनतेरस को भगवान कुबेर, भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा को बहुत शुभ माना गया है। पंडितों के अनुसार अन्य देवी- देवताओं की तरह मां लक्ष्मी की पूजा के लिए भी खास विधान बताया गया है।

खासकर धनआगमन के लिए धनतेरस के के मौके पर इन बातों का काफी महत्व रहता है। इस मौके पर बहुत से लोग अपने पंडित से शुभ मुहूर्त पूछकर पूजा करते हैं तो कुछ लोग अच्छी से अच्छी पूजा सामग्री जुटाने की कोशिश करते हैं। लोगों की इसी जरूरत यहां मां लक्ष्मी के पूजा लगने वाली जरूरी चीजों व शुभ समय के बारे में देख सकते हैं। 

धनतेरस टाइम-मुहूर्त:

त्रयोदशी तिथि - 10 नवंबर को सुबह 11:47 बजे से 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01:57 बजे तक।
धनतेरस पूजा मुहूर्त - शाम 05:47 बजे से शाम 07:43 बजे तक ।

इन चीजों से करें मां लक्ष्मी की पूजा:

ज्योतिष के जानकारों के अनुसार मां लक्ष्मी की पूजा में कुछ बातों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। अन्यथा मां लक्ष्मी प्रसन्न होने की बजाए आपके घर से रूठकर जा सकती हैं। मां लक्ष्मी की पूजा में सिर्फ लाल या गुलाबी रंग के पुष्पों का प्रयोग बताया गया है।

मां लक्ष्मी को गुलाब और गुलाबी कमल के पुष्प काफी प्रिय हैं। साथ ही उनका पूजन करने वालों को भी लाल पीला वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए। मां लक्ष्मी की पूजा में जो दीपक जलाया जाए उसकी बत्ती भी लाल रंग की होनी चाहिए। मान्यता है मां लक्ष्मी सुहागिन हैं और उनकी पूजा में सफेज फूल वर्जित हैं। पूजा का दीपक मां के दाहिनी ओर रखें और हवन, धूप आदि बायीं ओर रखना चाहिए।

मां लक्ष्मी की पूजा में लगने वाली चीजें के साथ कुछ नियमों का भी उल्लेख किया गया है। बताते हैं कि मां लक्ष्मी की बैठी हुई प्रतिमा की पूजा सर्वोत्तम होती है। वहीं उल्लू में सवार मां लक्ष्मी की पूजा से धन आगमन के रास्ते बंद हो जाते हैं।

यानी धनहानि भी हो सकती है। साथ ही भगवान विष्णु को तुलसी प्रिय हैं लेकिन मां लक्ष्मी तुलसी बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं। मां लक्ष्मी की पूजा में तुलसी या तुलसी की मंजरी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

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