2 जून को न करें ये गलती, जाने बड़े मंगल पर हनुमानजी की कृपा पाने के सरल उपाय

बड़ा मंगल 2025: ज्येष्ठ मास का बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल हनुमान भक्तों के लिए विशेष पर्व है। 2 जून 2025 को चौथा बड़ा मंगल मनाया जाएगा, जब भक्त हनुमानजी की पूजा, हनुमान चालीसा, और मंत्र जप करेंगे।
2 जून को न करें ये गलती, जाने बड़े मंगल पर हनुमानजी की कृपा पाने के सरल उपाय

ज्येष्ठ मास का हर मंगलवार, जिसे बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है, हनुमान भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस साल 2025 में, अब तक तीन बड़ा मंगल बीत चुके हैं, और अब भक्त 2 जून को चौथे बड़ा मंगल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र दिन हनुमानजी की पूजा, मंत्र जप, और सिंदूर-चोला अर्पण करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं, और कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि सुख, समृद्धि, और समस्याओं से मुक्ति का मार्ग भी खोलता है।

आइए जानते हैं हनुमानजी के 12 नाम, शक्तिशाली मंत्र, और बड़ा मंगल के महत्व के बारे में, जो आपके जीवन को बदल सकते हैं।

बड़ा मंगल का महत्व और हनुमानजी की महिमा

बड़ा मंगल का पर्व उत्तर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी को संकटमोचक के रूप में पूजा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ मास के मंगलवार को हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं, मंदिरों में दर्शन करते हैं, और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं।

हनुमानजी को सिंदूर और चोला अर्पित करने से न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि शत्रु भय, रोग, और ग्रहदोष से भी मुक्ति मिलती है। यह दिन श्री राम भक्त हनुमान की भक्ति में डूबने का एक अनमोल अवसर है।

हनुमानजी के 12 नाम: शक्ति और आशीर्वाद का स्रोत

ब्रह्मवैवर्त पुराण और तांत्रिक परंपराओं में हनुमानजी के 12 नाम (द्वादश नाम स्तोत्र) का विशेष उल्लेख है। इन नामों का सुबह-शाम जप करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। ये नाम हैं:

  1. ॐ हनुमान्: संकटमोचक, बल और बुद्धि के प्रतीक।  
  2. ॐ अञ्जनीसुत: माता अंजना के पुत्र, जो मातृभक्ति का प्रतीक हैं।  
  3. ॐ वायुपुत्र: पवनदेव के अंशावतार, जो गति और शक्ति का प्रतीक हैं।  
  4. ॐ महाबल: असीम शक्ति के स्वामी, जो भक्तों को बल प्रदान करते हैं।  
  5. ॐ रामेष्ट: श्री राम के परम प्रिय भक्त।  
  6. ॐ फाल्गुनसख: अर्जुन के मित्र, जो मित्रता का आदर्श हैं।  
  7. ॐ पिङ्गाक्ष: तांबे जैसे नेत्रों वाले, जो तेजस्विता का प्रतीक हैं।  
  8. ॐ अमितविक्रम: अपार पराक्रम के धनी।  
  9. ॐ उदधिक्रमण: समुद्र लांघने वाले, जो असंभव को संभव बनाते हैं।  
  10. ॐ सीताशोकविनाशन: माता सीता का दुख दूर करने वाले।  
  11. ॐ लक्ष्मणप्राणदाता: लक्ष्मण को जीवनदान देने वाले।  
  12. ॐ दशग्रीवदर्पहा: रावण के अभिमान का नाश करने वाले।

इन नामों का नियमित जप करने से भूत-प्रेत बाधा, शत्रु भय, और आकस्मिक संकटों से रक्षा होती है।

शक्तिशाली हनुमान मंत्र: हर संकट का नाश

हनुमानजी के मंत्र जप करने से भक्तों को मानसिक शांति और आत्मविश्वास प्राप्त होता है। यहाँ कुछ शक्तिशाली मंत्र दिए गए हैं, जो लाल किताब और तांत्रिक ग्रंथों में उल्लिखित हैं:

  • हनुमान बीज मंत्र: ॐ हं हनुमते नमः – यह मंत्र सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली है।  
  • हनुमान मूल मंत्र: ॐ श्री हनुमते नमः – दैनिक जप के लिए आदर्श।  
  • पंचमुखी हनुमान मंत्र: ॐ नमो भगवते पञ्चवदनाय पूरवकपिमुखाय सकल शत्रुसंहारणाय स्वाहा – शत्रुओं से रक्षा के लिए।  
  • हनुमान गायत्री मंत्र: ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमान: प्रचोदयात् – बुद्धि और बल के लिए।  
  • संकटमोचन मंत्र: ॐ ऐं भ्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः – सभी संकटों का नाश करने वाला।

इन मंत्रों का जप बड़ा मंगल के दिन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

बड़ा मंगल के दिन क्या करें?

बड़ा मंगल के दिन भक्तों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, फिर हनुमानजी के मंदिर में जाकर दर्शन और पूजा करनी चाहिए। हनुमान चालीसा और संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें। हनुमानजी को लाल फूल, सिंदूर, और चोला अर्पित करें। प्रसाद के रूप में लड्डू या गुड़-चने का भोग लगाएं।

इसके बाद मंत्र जप और ध्यान करें। यह दिन श्री राम और हनुमानजी की भक्ति में डूबने का अवसर है, जो आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।

क्यों खास है बड़ा मंगल?

बड़ा मंगल का पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। इस दिन भक्त भंडारे आयोजित करते हैं, जिसमें गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन वितरित किया जाता है। यह परंपरा हनुमानजी की सेवा और करुणा के भाव को दर्शाती है।

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में यह पर्व विशेष रूप से लोकप्रिय है, जहां मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। 2 जून 2025 को चौथे बड़ा मंगल पर आप भी इस पवित्र परंपरा का हिस्सा बनें और हनुमानजी की कृपा प्राप्त करें।

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