Hanuman Puja : सिंदूर से हनुमान जी की पूजा कैसे बदल सकती है आपकी किस्मत, जानिए सही विधि

Hanuman Puja : चैत्र शुक्ल पूर्णिमा का दिन हर हनुमान भक्त के लिए बेहद खास होता है। यह वही पावन तिथि है जब संकटमोचन हनुमान जी ने धरती पर अवतार लिया था। खासकर मंगलवार का दिन उनकी भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते हैं, और अपने आराध्य को प्रसन्न करने की हर संभव कोशिश करते हैं। आइए, जानते हैं हनुमान जन्मोत्सव की महिमा और इसे कैसे मनाएं ताकि जीवन के सारे संकट दूर हों।
हनुमान जी और सिंदूर की अनोखी परंपरा
हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की प्रथा सिर्फ एक रिवाज नहीं, बल्कि उनकी गहरी भक्ति का प्रतीक है। त्रेतायुग की एक सुंदर कहानी इसके पीछे छिपी है। एक दिन हनुमान जी ने माता सीता को अपनी मांग में सिंदूर लगाते देखा और उत्सुकतावश पूछ लिया, “माता, आप यह क्यों लगाती हैं?” माता सीता ने हंसते हुए जवाब दिया, “यह मैं अपने प्रभु श्रीराम की लंबी आयु और सुख के लिए करती हूं।”
यह सुनकर हनुमान जी का भोलापन जाग उठा। उन्होंने सोचा, अगर थोड़ा-सा सिंदूर प्रभु के लिए इतना शुभ है, तो क्यों न मैं अपने पूरे शरीर को सिंदूर से रंग दूं? और फिर, उन्होंने सिर से पांव तक खुद को सिंदूर से ढक लिया।
श्रीराम का आशीर्वाद और वरदान
जब भगवान श्रीराम ने अपने प्रिय भक्त को इस सिंदूरी रूप में देखा, तो उनके चेहरे पर मुस्कान खिल गई। पूछने पर हनुमान जी ने भोलेपन से कहा, “प्रभु, यह सब मैंने आपकी भलाई के लिए किया है।”
उनके इस निश्छल प्रेम और समर्पण से प्रसन्न होकर श्रीराम ने वरदान दिया, “जो भी भक्त तुम्हें सच्चे मन से सिंदूर अर्पित करेगा, उसके सारे कष्ट दूर होंगे और मेरी कृपा हमेशा उस पर बनी रहेगी।” तभी से यह परंपरा चली आ रही है, और आज भी भक्त मंगलवार और हनुमान जन्मोत्सव पर उन्हें सिंदूर चढ़ाते हैं।
हनुमान जन्मोत्सव का महत्व
ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी कलियुग में भी जीवित हैं और अपने भक्तों की हर पुकार सुनते हैं। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन उनकी पूजा करने से न केवल संकट दूर होते हैं, बल्कि आत्मविश्वास, बुद्धि और सफलता भी प्राप्त होती है।
इस दिन भक्त उनके प्रिय भोग जैसे गुड़, चना, चमेली का तेल और लाल फूल अर्पित करते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन को शांति मिलती है और जीवन की बाधाएं आसानी से दूर होती हैं।
हनुमान जन्मोत्सव कैसे मनाएं
हनुमान जन्मोत्सव को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाने के लिए कुछ आसान उपाय अपनाएं। सुबह सूर्योदय से पहले उठें, स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं।
हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें। उन्हें सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और गुड़-चना का भोग लगाएं। पूजा के बाद जरूरतमंदों को दान करें, क्योंकि हनुमान जी को सेवा भाव बहुत प्रिय है। ऐसा करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
निष्कर्ष: संकटमोचन की कृपा पाएं
हनुमान जन्मोत्सव एक ऐसा अवसर है जब आप अपने जीवन को नई दिशा दे सकते हैं। सच्चे मन से उनकी आराधना करें, उनके प्रिय भोग अर्पित करें और उनकी शिक्षाओं को जीवन में उतारें।
हनुमान जी का आशीर्वाद आपको हर मुश्किल से निकालकर सफलता के रास्ते पर ले जाएगा। तो इस हनुमान जन्मोत्सव पर संकटमोचन को प्रसन्न करें और अपने जीवन में सुख-शांति का आलम लाएं।