जून 2025 व्रत-त्योहार कैलेंडर: कब है गंगा दशहरा, कब है रथयात्रा? देखें पूरी लिस्ट

जून 2025 का आगमन धार्मिक और आध्यात्मिक उत्साह के साथ हो रहा है। यह महीना हिंदू कैलेंडर के अनुसार कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों से भरा हुआ है, जो भक्तों के लिए शुभ फलदायी और पवित्र माने जाते हैं। इस बार जून का पहला दिन, यानी 1 जून 2025, रविवार को रवि योग के साथ शुरू होगा, जो सूर्य के प्रभाव से सभी दोषों को दूर करने वाला माना जाता है।
इस महीने में Ganga Dussehra, Nirjala Ekadashi, Jagannath Rath Yatra, Mithun Sankranti जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाएंगे। तिरुपति के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य के अनुसार, जून का प्रारंभ ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और Skanda Shashthi व्रत के साथ होगा। आइए, जून 2025 के प्रमुख व्रत-त्योहारों और उनके महत्व को विस्तार से जानें।
रवि योग में जून का शुभारंभ
1 जून 2025 को रवि योग सुबह 05:24 AM से रात 09:36 PM तक रहेगा। यह योग सूर्य के प्रभाव से विशेष माना जाता है, जो सभी नकारात्मक शक्तियों और दोषों को समाप्त करता है। इस दिन Skanda Shashthi का व्रत भी रखा जाएगा, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।
यह व्रत भक्तों के लिए सुख, समृद्धि और शांति का वरदान लेकर आता है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस दिन ध्रुव योग और अश्लेषा नक्षत्र का संयोग भी विशेष फलदायी होगा।
गंगा दशहरा: पवित्र स्नान और मोक्ष का अवसर
5 जून 2025 को Ganga Dussehra का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन दान-पुण्य करने और पितरों के लिए विशेष उपाय करने की भी परंपरा है।
भक्त अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान कर सकते हैं, जिससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। Ganga Dussehra का यह पर्व हर साल लाखों श्रद्धालुओं को गंगा तट की ओर आकर्षित करता है।
निर्जला एकादशी: सबसे कठिन और पुण्यदायी व्रत
6 जून 2025 को Nirjala Ekadashi का व्रत रखा जाएगा, जिसे सभी एकादशी व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत बिना जल और अन्न ग्रहण किए किया जाता है और इसे 32 घंटे तक रखा जाएगा। इस व्रत को विधि-विधान से करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हालांकि, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं वाले लोगों को यह व्रत करने से बचना चाहिए। Nirjala Ekadashi की कथा सुनने से भी विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
बड़ा मंगल: हनुमान जी की कृपा का अवसर
जून 2025 में 3 और 10 जून को Bada Mangal का व्रत मनाया जाएगा। इस दिन भगवान Hanuman Ji की विशेष पूजा की जाती है और उनके प्रिय भोग अर्पित किए जाते हैं। उत्तर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश में, इस दिन भंडारे का आयोजन आम है।
मान्यता है कि Bada Mangal के व्रत और पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और बजरंगबली की कृपा प्राप्त होती है।
जगन्नाथ रथयात्रा: भक्ति और उत्सव का संगम
27 जून 2025 को Puri, Odisha में विश्व प्रसिद्ध Jagannath Rath Yatra का आयोजन होगा। यह पर्व भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भव्य रथ यात्रा के लिए जाना जाता है। लाखों श्रद्धालु इस अवसर पर पुरी पहुंचते हैं और रथ खींचने में हिस्सा लेते हैं। यह पर्व भक्ति, एकता और उत्सव का प्रतीक है, जो देश-विदेश के लोगों को आकर्षित करता है।
अन्य महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार
जून 2025 में कई अन्य पवित्र अवसर भी होंगे। 3 जून को Masik Durgashtami और Dhumavati Jayanti, 4 जून को Mahesh Navami, 10 जून को Vat Purnima Vrat और Jyestha Purnima, 15 जून को Mithun Sankranti, 23 जून को Som Pradosh Vrat और Masik Shivratri का विशेष संयोग होगा। इसके अलावा, 26 जून को Ashadh Gupt Navratri की शुरुआत होगी, जो भक्तों के लिए मां दुर्गा की साधना का विशेष समय है।
क्यों खास है जून 2025?
जून 2025 का महीना धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बेहद खास है। इस महीने में पड़ने वाले व्रत और त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि ये भक्तों को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर भी प्रदान करते हैं। चाहे वह Ganga Dussehra का पवित्र स्नान हो, Nirjala Ekadashi का कठिन व्रत, या Jagannath Rath Yatra का भक्ति-भरा उत्सव, हर पर्व अपने आप में अनूठा है।
इस महीने में अपने स्वास्थ्य और सामर्थ्य के अनुसार व्रत और पूजा करें। ज्योतिषाचार्य की सलाह के अनुसार, विधि-विधान और श्रद्धा के साथ किए गए कार्यों से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। जून 2025 के इन पवित्र अवसरों का लाभ उठाएं और अपने जीवन को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करें।