Jyeshtha Purnima 2025 : 11 जून को इन 5 जगहों पर जलाएं दीपक, मां लक्ष्मी खुद चलकर आएंगी आपके घर

Jyeshtha Purnima 2025 : ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025, 11 जून को मनाई जाएगी, जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाने का शुभ अवसर है। इस दिन गंगा स्नान, पितृ तर्पण, तुलसी पूजा, और वट वृक्ष के नीचे दीपक जलाने जैसे उपाय से पितृ दोष, आर्थिक तंगी, और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। 
Jyeshtha Purnima 2025 : 11 जून को इन 5 जगहों पर जलाएं दीपक, मां लक्ष्मी खुद चलकर आएंगी आपके घर

Jyeshtha Purnima 2025 : ज्येष्ठ पूर्णिमा, एक ऐसा पवित्र पर्व जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का सुनहरा अवसर लेकर आता है, इस बार 11 जून 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह न केवल आध्यात्मिक शांति बल्कि सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति का भी प्रतीक है।

इस दिन व्रत, पूजा-अर्चना और विशेष उपाय करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और हर मनोकामना पूरी होती है। आइए, जानते हैं कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन किन उपायों से आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं।

पवित्र स्नान और पितृ दोष से मुक्ति

हिंदू परंपरा में पूर्णिमा तिथि को पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करें। स्नान के बाद पितरों को तर्पण और सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें। इसके साथ ही नदी किनारे दीपदान करें। यह उपाय न केवल मन की नकारात्मकता को दूर करता है, बल्कि पितृ दोष से भी मुक्ति दिलाता है। यह सरल उपाय आपके परिवार में शांति और सौहार्द बढ़ाने में मदद करता है।

वट वृक्ष की पूजा से सौभाग्य की प्राप्ति

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष (बरगद) के नीचे घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन वट वृक्ष में माता लक्ष्मी का वास होता है। यह वही पवित्र वृक्ष है, जहां सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राणों की रक्षा के लिए वरदान प्राप्त किया था। इस दिन वट वृक्ष के नीचे दीपक जलाने और पूजा करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। यह उपाय आपके जीवन में स्थिरता और खुशहाली लाने में सहायक है।

मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष पूजा

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। सुबह स्नान के बाद देसी घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु को तुलसी और माता लक्ष्मी को केसर अर्पित करें। इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। पूजा के दौरान भोग लगाना न भूलें। यह पूजा आपके जीवन में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा लाती है, जिससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। इस दिन शुद्ध मन से की गई पूजा आपके जीवन को सकारात्मक दिशा देती है।

तुलसी पूजा से धन की कमी होगी दूर

तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, और ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन तुलसी माता की पूजा करने से धन-संपदा में वृद्धि होती है। इस दिन तुलसी के पौधे के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं और उनकी आरती करें। तुलसी माता से सुख-शांति और समृद्धि की कामना करें। यह उपाय न केवल आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। नियमित रूप से यह उपाय करने से आपकी तिजोरी हमेशा भरी रहेगी।

घर के मुख्य द्वार पर करें यह उपाय

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुबह जल में हल्दी मिलाकर घर के मुख्य द्वार पर छिड़काव करें और वहां घी का दीपक जलाएं। यह उपाय घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है और आर्थिक तंगी को दूर करता है। यह सरल उपाय न केवल ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन, बल्कि रोजाना करने से भी आपके परिवार की उन्नति होती है और नकारात्मक प्रभाव समाप्त होते हैं। इस उपाय से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में समृद्धि का आगमन होता है।

दीपक जलाते समय रखें इन बातों का ध्यान

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन दीपक जलाते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखें। दीपक जलाते समय "दीपं दत्तं गृहं शुभम्" मंत्र का उच्चारण करें। अपनी मनोकामना को शुद्ध भाव से व्यक्त करें और पांच बत्तियों वाला दीपक जलाएं, क्योंकि यह पंचतत्व का प्रतीक है। यह छोटी-छोटी सावधानियां आपके उपायों को और प्रभावी बनाती हैं।

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