Mirror Vastu : घर में दर्पण लगाने के ये नियम बदल सकते हैं आपकी किस्मत, जानिए कैसे

Mirror Vastu : वास्तु शास्त्र के अनुसार दर्पण सिर्फ सजावट का साधन नहीं, बल्कि ऊर्जा का वाहक होता है। जानिए दर्पण लगाने के सही नियम और दिशाएं, ताकि घर में आए सुख, शांति और समृद्धि।
Mirror Vastu : घर में दर्पण लगाने के ये नियम बदल सकते हैं आपकी किस्मत, जानिए कैसे

Mirror Vastu : घर की सजावट की बात हो और दर्पण का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। सुंदर और स्टाइलिश मिरर न केवल कमरे को बड़ा दिखाते हैं बल्कि घर में एक आकर्षक लुक भी लाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह चमकता हुआ कांच आपके जीवन पर असर डाल सकता है?

वास्तुशास्त्र के अनुसार दर्पण केवल एक सजावटी चीज नहीं, बल्कि सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का वाहक भी होता है। अगर इसे गलत दिशा में लगाया जाए, तो इसके दुष्परिणाम आपकी सोच से कहीं ज्यादा हो सकते हैं।

बेडरूम में दर्पण की दिशा क्यों बदलनी चाहिए?

बेडरूम को हम विश्राम और शांति का स्थान मानते हैं, लेकिन अगर आपके बेड के सामने दर्पण है, तो यह आपकी नींद और ऊर्जा दोनों को बिगाड़ सकता है। रात के समय जब शरीर और मन को शांति की जरूरत होती है, तब दर्पण आपकी ऊर्जा को रिफ्लेक्ट कर वापस भेज देता है।

नतीजा? अनिद्रा, तनाव, और रिश्तों में खटास। खासकर विवाहित लोगों को इसका सबसे अधिक प्रभाव झेलना पड़ सकता है। अगर दर्पण हटाना संभव नहीं है, तो हल्का पर्दा डालना एक बेहतर उपाय हो सकता है।

दक्षिण-पूर्व दिशा में क्यों नहीं लगाना चाहिए शीशा?

आग्नेय कोण, यानी दक्षिण-पूर्व दिशा, अग्नि तत्व की दिशा मानी जाती है। यह जोश, ऊर्जा और निर्णय शक्ति का प्रतीक होती है। लेकिन अगर इस दिशा में दर्पण लगा दिया जाए, तो यह उस ऊर्जा को भटका सकता है।

इससे घर में कलह, छोटी-छोटी बहसें और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं जन्म लेती हैं। इसके अलावा आर्थिक तंगी और पारिवारिक असंतुलन भी बढ़ सकता है। विशेष रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन पर इसका गहरा असर होता है।

टूटे-फूटे दर्पण से घर में आता है दुर्भाग्य

घर में कहीं भी टूटा या दरार वाला शीशा हो, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। यह नकारात्मक ऊर्जा को न्योता देता है और किस्मत पर बुरा असर डाल सकता है।

ऐसे दर्पण से बार-बार छोटी परेशानियां, मानसिक थकान और जीवन में रुकावटें आती हैं। धुंधले या पुराने हो चुके मिरर भी समय रहते बदल देना चाहिए, ताकि घर की ऊर्जा सकारात्मक बनी रहे।

मुख्य द्वार पर शीशा लगाना क्यों मना है?

मुख्य द्वार को वास्तु में घर की आत्मा कहा जाता है। यही वह स्थान है जहां से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। अगर दरवाजे के सामने दर्पण लगा दिया जाए, तो यह ऊर्जा को घर में आने से पहले ही वापस लौटा देता है।

इससे न केवल घर में तनाव बढ़ता है, बल्कि आर्थिक नुकसान और पारिवारिक झगड़े भी हो सकते हैं। व्यापारिक जगहों पर भी दरवाजे के सामने शीशा नहीं होना चाहिए, वरना ग्राहक दूर हो जाते हैं।

उत्तर-पूर्व दिशा: दर्पण लगाने की सबसे शुभ जगह

ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे पवित्र दिशा माना गया है। अगर इस दिशा में दर्पण लगाया जाए, तो यह न केवल पॉजिटिव वाइब्स को बढ़ाता है, बल्कि धन, स्वास्थ्य और मानसिक शांति में भी सुधार लाता है।

दुकान या ऑफिस में इस तरह दर्पण लगाया जाए कि उसमें कैश काउंटर दिखे, तो धनवृद्धि के योग बनते हैं। घर में यह दिशा रिश्तों को मधुर और वातावरण को शांत बनाती है।

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