Rudraksh Wearing Rules : Rudraksh से खुल सकता है भाग्य का दरवाजा, पहनने से पहले ज़रूर जान लें ये ज़रूरी बातें

Rudraksh Wearing Rules : भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक कहा जाता है, जो मन को शांति, आत्मा को स्थिरता और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। लेकिन कई लोग बिना सही जानकारी के रुद्राक्ष पहन लेते हैं और फिर सोचते हैं कि इसका कोई असर क्यों नहीं हुआ।
दरअसल, रुद्राक्ष धारण करने के कुछ खास नियम हैं, जिनका पालन करने से ही इसका पूरा लाभ मिलता है। आइए जानते हैं कि रुद्राक्ष को सही तरीके से कैसे पहनें और इसकी शक्ति को कैसे बनाए रखें।
रुद्राक्ष क्यों है इतना खास?
रुद्राक्ष का संबंध भगवान शिव से है। मान्यता है कि यह भगवान शिव की आंखों से निकले आंसुओं से बना है। यह सिर्फ एक धार्मिक वस्तु ही नहीं, बल्कि एक ऐसा माध्यम भी है जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। इसे पहनने से मानसिक शांति, एकाग्रता और आत्मिक विकास में मदद मिलती है। चाहे आप तनाव से जूझ रहे हों या ध्यान केंद्रित करना चाहते हों, रुद्राक्ष आपके लिए लाभकारी हो सकता है।
रुद्राक्ष धारण करने से पहले करें ये तैयारी
रुद्राक्ष को पहनने से पहले उसकी शुद्धि बहुत जरूरी है। इसे गंगाजल या किसी पवित्र जल से धोएं। स्नान करने के बाद साफ मन और शरीर के साथ इसे धारण करें। रुद्राक्ष को और प्रभावशाली बनाने के लिए “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
यह न केवल रुद्राक्ष की ऊर्जा को बढ़ाता है, बल्कि आपके मन को भी शांत करता है। कभी भी गंदे हाथों से रुद्राक्ष को न छुएं, क्योंकि इससे इसकी पवित्रता कम हो सकती है।
रुद्राक्ष पहनने का सही तरीका
रुद्राक्ष को लाल या पीले रंग के पवित्र धागे में पिरोकर पहनना सबसे अच्छा माना जाता है। इसे गले में धारण करने से यह आपके हृदय और मन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
गले में रुद्राक्ष पहनने से तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है। अगर आप इसे कलाई पर पहनना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह आपके शरीर को स्पर्श करता रहे, ताकि इसकी ऊर्जा आपके भीतर प्रवाहित हो सके।
रुद्राक्ष पहनने के बाद रखें ये सावधानियां
रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसे शोक सभा, अंतिम संस्कार या किसी अशुद्ध जगह पर न ले जाएं। बिना स्नान किए रुद्राक्ष को न छुएं और इसे किसी और को न दें।
रुद्राक्ष की माला को दूसरों के साथ साझा करने से इसकी ऊर्जा कमजोर हो सकती है। इसके अलावा, रुद्राक्ष पहनने वाले को सात्विक जीवनशैली अपनानी चाहिए। मांसाहार, शराब और नकारात्मक आदतों से दूरी बनाए रखें।
रुद्राक्ष की देखभाल कैसे करें?
रुद्राक्ष को लंबे समय तक प्रभावशाली बनाए रखने के लिए इसकी नियमित देखभाल जरूरी है। इसे रोजाना साफ पानी से धोएं और हल्का सा सरसों का तेल लगाएं।
इससे रुद्राक्ष चमकदार रहता है और इसकी ऊर्जा बनी रहती है। इसे किसी साफ और पवित्र जगह पर रखें, ताकि इसकी शक्ति कम न हो। अगर आप रुद्राक्ष को सही तरीके से रखेंगे, तो यह आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
कौन सा रुद्राक्ष है आपके लिए सही?
रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, जैसे एकमुखी, पंचमुखी और सप्तमुखी। पंचमुखी रुद्राक्ष आम लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है, क्योंकि यह मानसिक शांति और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
एकमुखी रुद्राक्ष बहुत दुर्लभ और शक्तिशाली होता है, जो विशेष रूप से साधकों और आध्यात्मिक लोगों के लिए होता है। अपने उद्देश्य और जरूरत के हिसाब से रुद्राक्ष चुनें, ताकि आपको इसका पूरा लाभ मिले।
रुद्राक्ष सिर्फ एक मनका नहीं, बल्कि भगवान शिव का आशीर्वाद है। अगर आप इसे सही नियमों के साथ धारण करेंगे, तो यह आपके जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता ला सकता है।