Ravivar Ke Niyam : रविवार को भूलकर भी न करें ये काम, वरना होगी हानि

Ravivar Ke Niyam : सनातन धर्म में हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होता है, और रविवार का संबंध सूर्य देव से है। सूर्य, जिन्हें जीवन, तेज और आत्मबल का प्रतीक माना जाता है, उनके दिन पूजा करने से जीवन में नई रोशनी और सकारात्मकता आती है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ चीज़ें ऐसी भी हैं, जो इस दिन करने से उल्टा असर डाल सकती हैं?
धन संबंधी फैसले क्यों टालें इस दिन?
शास्त्रों में साफ तौर पर कहा गया है कि रविवार को धन का लेन-देन करना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करना न केवल आर्थिक अस्थिरता लाता है, बल्कि घर में भी अशांति का कारण बन सकता है।
अगर कोई आपसे उधार मांगे तो मुस्कुराकर बात टाल देना ही बेहतर है। यह दिन धन संचय का होता है, व्यय का नहीं।
सात्विक भोजन: तन और मन की सफाई
रविवार को मांसाहार से परहेज और सात्विक भोजन का विशेष महत्व है। दाल, चावल, हरी सब्ज़ियां और फल—ये न सिर्फ आपके शरीर को हल्का महसूस कराते हैं, बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाए रखते हैं।
इस तरह का भोजन आपको पूजा और ध्यान में एकाग्र रखने में मदद करता है, जिससे सूर्य देव की कृपा और बढ़ जाती है।
क्या पहनें, क्या न पहनें: रंगों का प्रभाव
रंगों की भाषा भी बहुत कुछ कहती है। रविवार को लाल, पीला और केसरिया जैसे रंग धारण करना शुभ माना गया है। ये रंग सूर्य की ऊर्जा को दर्शाते हैं और आत्मविश्वास में वृद्धि करते हैं।
इसके विपरीत, काले या नीले रंग से बचना चाहिए, क्योंकि ये शनि से जुड़े होते हैं और सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा को कम कर सकते हैं।
पूजा में लापरवाही नहीं चलेगी
सुबह-सवेरे उठकर सूर्य को जल अर्पित करना और 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' का जाप करना एक शक्तिशाली अभ्यास है। इससे जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
अगर आप पूजा में लापरवाही करते हैं, तो आध्यात्मिक उन्नति की गति धीमी हो सकती है। थोड़ा-सा समर्पण, और बड़ा बदलाव—बस यही मंत्र है।
यात्रा और दिशा का गहरा संबंध
शास्त्रों में रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा करना निषेध माना गया है। यह दिशा सूर्य के विपरीत मानी जाती है, जिससे यात्रा में अड़चनें आ सकती हैं।
यदि यात्रा टालना संभव न हो, तो घर से निकलने से पहले शुद्ध घी या मिश्री का सेवन करें—यह छोटा-सा उपाय आपकी राह आसान बना सकता है।
अनुशासन का अभ्यास, जीवन में संतुलन
रविवार का उद्देश्य सिर्फ आराम नहीं, आत्म-अनुशासन भी है। यह दिन जीवन की दिशा को ठीक करने, प्राथमिकताएं तय करने और आंतरिक शक्ति को जगाने का एक माध्यम है।
छोटे-छोटे नियमों का पालन करके आप ना केवल अध्यात्म में आगे बढ़ सकते हैं, बल्कि जीवन को भी अधिक व्यवस्थित बना सकते हैं।
हर रविवार, एक नई शुरुआत
हर रविवार आपके जीवन को रोशन करने का एक मौका है। इन सरल नियमों को अपनाकर आप ना केवल सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि मन, शरीर और आत्मा को संतुलित कर सकते हैं।
अगली बार जब रविवार आए, तो उसे केवल छुट्टी का दिन नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत मानिए।